नई दिल्ली/दि.२१ – श्रम ब्यूरो उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स) का आधार वर्ष २००१ से बदलकर २०१६ करने जा रहा है. इससे नौकरी पेशा लोगों पेंशनर्स और औद्योगिक इकाईयों में काम कर रहे कामगारों के महंगाई भत्ते/डीए में मामूली इजाफा हो सकता है। चार्टर्ड एकाऊंटेंट राजेश कुमार ने बताया कि अगर किसी की बेसिक सेलरी ३० हजार रूपये है और महंगाई भत्ता ०.५ फीसदी बढ़ता है तो महिने में १५० रूपये और साल में १५०० रूपये का अतिरिक्त लाभ हो सकता है.हालांकि हर माह जारी होनेवाले इंडेक्स पर भी कुछ बढ़ोतरी कमी निर्भर करती है.
श्रम ब्यूरो के एक अधिकारी के मुताबिक, अब तय किया गया है कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के बेस ईयर में हर पांच साल में बदलाव किया जाएगा. बाजार की स्थिति और कंज्यूमर के स्वभाव में आए बदलाव के अनुसार इंडेक्स बदलेगा। इसका सीधा लाभ नोकरीपेशां,पेंशनर्स और फैक्ट्री में काम करनेवाले कामगारो को होगा. नये इंडेक्स में शिक्षा, स्वास्थ्य, हाऊसिंग , ट्रैवाल और ट्रांसपोर्टेशन आदि को ज्यादा महत्व दिया जायेगा. सरकार को उम्मीद है कि यह इंडेक्स अर्थशास्त्रियों को महंगाई का आकलन करने में मददगार साबित होगा।