नई दिल्ली/दि.३१ – केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के मुखिया शरद पवार पर निशाना साधते हुए उन पर कृषि सुधारों को दरकिनार करने और गलत जानकारी रखने का आरोप लगाया है. तोमर ने पवार के कृषि कानूनों की आलोचना करने पर यह प्रतिक्रिया दी है. नरेंद्र सिंह तोमर ने सरकार के कृषि कानूनों का बचाव करते हुए कहा कि नए सुधारों से किसानों के लिए अतिरिक्त विकल्प के रास्ते खुलेंगे जिसके जरिए वह अपनी उपज बेच सकेंगे. तोमर ने ट्वीट्स की श्रंखला में कहा कि कहा कि नए पारिस्थितिकी तंत्र के तहत, मंडियां प्रभावित नहीं होती हैं. इसके बजाय, वे सेवाओं और बुनियादी ढांचे के संदर्भ में अधिक प्रतिस्पर्धी और लागत प्रभावी होंगे, और दोनों प्रणालियां किसानों के सामान्य हित के लिए सह-अस्तित्व में होंगी.
एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने शनिवार को कहा था कि सरकार के नए कृषि कानून न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की खरीद पर प्रतिकूल प्रभाव डालेंगे और मंडी प्रणाली को कमजोर करेंगे. पवार ने कहा, नए कृषि कानून निजी उपज से लेवी और फीस के संग्रह, विवाद समाधान, कृषि-व्यापार लाइसेंसिंग और ई-ट्रेडिंग के विनियमन के संबंध में कृषि उपज मंडी समितियों (एपीएमसी या मंडियों) की शक्तियों को कम करते हैं. तोमर ने आगे कहा कि पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री के ट्वीट को कृषि सुधारों पर अज्ञानता और गलत सूचना का मिश्रण के रूप में देखा जा सकता है.
तोमर ने कहा कि मेरे कार्यकाल के दौरान, एपीएमसी नियम 2007 को विशेष बाजार स्थापित करने के लिए तैयार किया गया था, जिससे वैकल्पिक मंच उपलब्ध हुए. किसानों के लिए अपने जिंसों की मार्केटिंग करना और मौजूदा मंडी प्रणाली को मजबूत करने के लिए अत्यंत सावधानी बरती गई.
नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि शरद पवार साहब बड़े नेता हैं. जब वह कृषि मंत्री थे तब उन्होंने कुछ सुधार लाने के प्रयास किए थे. लेकिन आज उनके ट्वीट्स से मुझे निराशा हुई. मैं यह कहना चाहूंगा कि कृषि सुधार बिल किसानों को उनकी उपज के सही दाम सुनिश्चित करेंगे. तोमर ने कहा ये कानून न तो एपीएमसी को प्रभावित करेगा और न ही एमएसपी को. मुझे लगता है कि शरद पवार साहब को बिल के तथ्यों के बारे में गलत जानकारी दी गई है. मुझे उम्मीद है कि वह सही तथ्यों को समझेंगे और अपना रुख बदलेंगे.
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पवार ने केंद्र से कहा अडिय़ल रवैया छोड़े सरकार
शरद पवार ने इससे पहले कहा था कि केंद्र सरकार से कहा था कि वह नए कृषि कानूनों को रद्द करने के मुद्दे पर किसानों से वार्ता करे और मुद्दे पर अपना ”अडिय़ल रवैया” छोड़े. पवार ने पत्रकारों से कहा कि यदि केंद्र ने प्रदर्शनकारियों पर बल प्रयोग किया तो पंजाब में अशांति उत्पन्न हो सकती है, इसलिए मोदी सरकार को यह ‘पापÓ नहीं करना चाहिए.