भारतीय सेना के टॉप अधिकारी अगले सप्ताह करेगे हाई लेवल मीटिंग
सैन्य तैयारियों पर होगी चर्चा
नई दिल्ली/दि. 11 – भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख (Eastern Ladakh) में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर (LAC) कई जगहों पर पिछले साल से सैन्य गतिरोध बरकरार है. इस दौरान चीनी सेना (Chinese military) की ओर से सैन्य गतिविधियों को बढ़ाए जाने के बीच टॉप भारतीय सेना (Indian Army) के अधिकारी अगले सप्ताह हाई लेवल बैठक करेंगे, जिसमें सेना के ऑपरेशनल तैयारियों के बारे में जानकारी दी जाएगी. समाचार एजेंसी एएनआई ने एक सूत्र के हवाले से बताया, ‘बैठक में किसी भी स्थिति से निपटने के लिए भारतीय सेना की तैयारियों पर चर्चा की जाएगी, जिसमें सभी कमांडर-इन-चीफ रैंक के अधिकारी शामिल होंगे.’ सूत्रों ने बताया कि यह बैठक 16 जून से होनी है और दो दिन चलेगी, जिसमें देश के सामने मौजूद अन्य सुरक्षा मुद्दों पर भी चर्चा होगी.
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भारतीय सेना को उम्मीद, जल्द सुलझेगा मुद्दा
सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे एलएसी पर सेना की तैयारियों की निगरानी कर रहे हैं और वहां की स्थिति का जायजा लेने के लिए व्यक्तिगत रूप से सात-आठ बार लद्दाख सेक्टर का दौरा कर चुके हैं. चीनी सेना अपने ट्रेडिशनल ट्रेनिंग एरिया में बड़े पैमाने पर सैन्य अभ्यास कर रही है, जिसमें वे स्थान भी शामिल हैं जहां से उन्होंने पिछली गर्मियों में आक्रामक तरीके से इंडियन फ्रेंट की ओर रुख किया था. भारतीय सेना को उम्मीद है कि वह जल्द ही इस मुद्दे को सुलझा लेगी क्योंकि वे चीनी सेना के साथ बातचीत कर रहे हैं. सैन्य और राजनयिक वार्ताओं ने पैंगोंग झील क्षेत्र से सैनिकों की वापसी में मदद की. शेष इलाकों से सैन्य वापसी को लेकर अब तक कोई ठोस प्रगति नहीं दिखी है क्योंकि चीनी पक्ष के रुख में 11वें दौर की सैन्य वार्ता में कोई बदलाव नहीं दिखा.
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50,000 से अधिक सैनिकों को भारत ने किया तैनात
चीन की ओर से भारतीय क्षेत्रों में आक्रामकता दिखाने के बाद दोनों देश एक साल से अधिक समय से सैन्य गतिरोध में लगे हुए हैं. भारत ने चीन को करारा जवाब दिया और चीन की बंदर घुड़की को रोकने के लिए 50,000 से अधिक सैनिकों और भारी हथियारों को तैनात किया. पिछले महीने थलसेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे ने कहा था कि पूर्वी लद्दाख में टकराव वाले सभी बिन्दुओं से पूर्ण सैन्य वापसी तक तनाव में कोई कमी नहीं आ सकती और भारतीय सेना क्षेत्र में प्रत्येक आपात स्थिति के लिए तैयार है. जनरल नरवणे ने यह भी कहा था कि चीन से भारत ‘सख्ती’ से निपट रहा है, ताकि पूर्वी लद्दाख में अपने दावों की गरिमा सुनिश्चित की जा सके.