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नेपाल में 6 साल बाद दौड़ी ट्रेन

कोंकण रेलवे ने दिए दो डेमू ट्रेन के सेट

काठमांडू/दि.१९ – भारत के सहयोग से नेपाल में पहली बार ब्रॉडगेज लाइन पर रेलगाड़ी चली है. ट्रायल के तौर पर ये रेल शुक्रवार को पहली बार चलाई गई. नेपाल में रेल के लिए कोंकण रेलवे ने इंजन दिए हैं. नेपाल में अब तक नेरोगेज लाइन पर ट्रेन चलती थी, वो भी अंग्रेजों के जमाने से. लेकिन मेंटिनेंस न होने की वजह से 6 साल पहले ये सेवा बंद कर दी गई थी. लेकिन अब नई सेवा के शुरू होने से भारत-नेपाल के बीच रेल संपर्क भी जुड़ जाएगा.
नेपाल सरकार को जो रेल इंजन और ट्रेन मिली है, उसे कोंकण रेलवे ने बनाया है. ये डेमू सेट चेन्नई के इंटीग्रल कोच फैक्ट्री में बने हैं. कोंकण रेलवे ने रहा कि वो नेपाल रेलवे को दो अत्याधुनिक डेमू ट्रेन के सेट सौंपकर खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहा है.
भारत के रेलमंत्री पीयूष गोयल ने इस बारे में ट्वीट करते हुए लिखा, नेपाल के साथ हमारे प्राचीन सांस्कृतिक और सौहार्द्रपूर्ण संबंध रहे हैं. अपने इसी संबधों को नया आयाम देते हुए रेलवे द्वारा नेपाल को 2 DEMU ट्रेन सेट दिये गये. इनका उपयोग जयनगर, बिहार से कुर्था, नेपाल तक की रेलयात्रा के लिये किया जायेगा, जिससे दोनो देशों के नागरिकों को लाभ होगा.
नेपाल के रेल विभाग और कोंकण रेलवे कॉर्पोरेशन के बीच मई 2010 में 1600 हॉर्स पॉवर की क्षमता वाले दो ट्रेनों की डील हुई थी. इसकी कीमत नेपाली मुद्रा में 84 करोड़ 65 लाख है. हर ट्रेन में पांच डिब्बे हैं,जिनमें एक एसी डिब्बा है और तीन सामान्य श्रेणी के. ये ट्रेन एक बार में 1300 यात्रियों को ढोने की क्षमता रखती है.
भारत-नेपाल विकास सहयोग कार्यक्रम के तहत रेल लाइन सेवा
भारत सरकार ने इस पूरे प्रोजेक्ट की फंडिंग भारत-नेपाल विकास सहयोग कार्यक्रम के तहत की है. जिसमें जनकपुर से जयनगर के बीच भारत-नेपाल सीमा पर ट्रेन चलनी है. इसके लिए 17 किमी लंबे ट्रैक का निर्माण कार्य चल रहा है. वैसे शुरुआत के 6 साल में इस प्रोजेक्ट के तहत सिर्फ 3 किमी ट्रैक ही बन पाया था, लेकिन पीएम नरेंद्र मोदी की नेपास यात्रा के बाद इसमें तेजी आई और ये प्रोजेक्ट लगभग पूरा होने वाला है.

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