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बिहार पुलिस में अब ट्रांसजेंडर भी होंगे भर्ती

नीतीश सरकार का बड़ा फैसला

नई दिल्ली/दि.१६-बिहार पुलिस में अब किन्नरों (ट्रांसजेंडरों) की भी तैनाती होगी और इस समुदाय के लोग अब अपराधियों को नाक में दम कर देंगे. नीतीश सरकार के बड़े फैसले के साथ अब पुलिस बल में उनकी बहाली का रास्ता साफ हो गया है. राज्य सरकार ने अब इन्हें सिपाही और दारोगा के पदों पर बहाल करने का फैसला लिया है. दोनों पदों के सीधी नियुक्ति में इनके लिए सीटें आरक्षित होंगी. राज्य सरकार की स्वीकृति के बाद गृह विभाग ने इससे जुडा संकल्प पत्र जारी कर दिया है. इस तरह से बिहार में अब किन्नरों की फौज देखने को मिलेगी.
संकल्प पत्र के मुताबिक अब बिहार में भविष्य में सिपाही और दारोगा के पदों पर होने वाली बहाली में किन्नरों के लिए अब पद आरक्षित किए जाएंगे. अब दोनों ही रैंक में हर 500 पदों में एक पद इनके लिए आरक्षित रखा जाएगा. सिपाही संवर्ग के लिए नियुक्ति का अधिकार पुलिस अधीक्षक को होगा. जबकि, अवर निरीक्षक के लिए नियुक्ति का अधिकार पुलिस उपमहानिरीक्षक स्तर के पदाधिकारी के पास होगा.
इस पद के लिए अलग से विज्ञापन भी प्रकाशित किया जाएगा. अगर किन्नर के लिए आरक्षित पदों पर नियुक्ति के क्रम में चयनित अभ्यर्थियों की स्थिति कम पड़ जाती है, तो आरक्षित शेष रिक्तियों को उसी मूल विज्ञापन के सामान्य अभ्यर्थियों से भरने की कार्यवाही की जाएगी.
2001 की जनगणना के अनुसार बिहार में किन्नरों की संख्या करीब 41000 थी. किन्नरों की नियुक्ति के लिए शैक्षणिक अहर्ता सिपाही तथा पुलिस अवर निरीक्षक संवर्ग के अनुसार ही होगी. शारीरिक दक्षता परीक्षा का मापदंड संबंधित संवर्ग के महिला अभ्यर्थियों के समान ही होगा. अभ्यर्थियों को बिहार राज्य का मूल निवासी होने का प्रमाण पत्र भी देना होगा. बताया जाता है कि किन्नरों की सीधी नियुक्ति के लिए शैक्षणिक अहर्ता बिहार पुलिस हस्तक 1978 के सिपाही तथा पुलिस अवर निरीक्षक संवर्ग के अनुसार ही होगी. अभ्यर्थियों के लिए न्यूनतम उम्र विज्ञापन के अनुसार होगा और अधिकतम उम्र सीमा में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति कोटे के समरूप ही छूट प्राप्त होगा. नियुक्ति के लिए विज्ञापन का प्रकाशन एवं चयन की प्रक्रिया सिपाही वर्ग के लिए केंद्रीय चयन परिषद (सिपाही भर्ती) तथा पुलिस अवर निरीक्षक के लिए पुलिस अवर सेवा आयोग द्वारा पूरी की जाएगी.
नियुक्ति के उपरांत इनका पदस्थापन जिला पुलिस बल में किया जाएगा. गृह विभाग ने स्पष्ट किया की किन्नरों के लिए विशेष बटालियन नहीं बनाया जा सकेगा. विशेष बटालियन के सांगठनिक संरचना के लिए कम से कम 1000 स्वीकृत बल की जरूरत होगी. इतनी संख्या में किन्नर समुदाय से योग्य अभ्यर्थियों का मिलना मुश्किल है. इसीलिए बिहार पुलिस में ही उनकी सीधी नियुक्ति का निर्णय लिया गया है.
वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार राज्य की कुल जनसंख्या 10.41 करोड़ थी, जिनमें किन्नर वर्ग की जनसंख्या 40,827 थी. इस प्रकार राज्य की जनसंख्या में इस वर्ग का प्रतिनिधित्व प्रत्येक एक लाख में 39 है. सामान्यत: आरक्षण की व्यवस्था जनसंख्या के प्रतिनिधित्व के समरूप रहती है. बिहार पुलिस में वर्तमान स्वीकृत बल 1,30,243 है, जिसके अनुसार कम से कम 51 पद पर किन्नर वर्ग का प्रतिनिधित्व का होना चाहिए. अर्थात करीब 2550 पुलिस पदाधिकारी या कर्मी पर एक किन्नर वर्ग से होना चाहिए. इनमें 41 सिपाही एवं 10 अवर निरीक्षक पदों की संख्या हो सकती है.

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