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भारत-मॉरीशस के प्रतिस्पर्धा नियामकों के बीच समझौते को मंजूरी

मिलेगा राजनयिक लाभ

नई दिल्ली /२१- केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज बुधवार को भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीएआई) और मॉरीशस के प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीएम) के बीच समझौते को मंजूरी दे दी है. दोनों देशों के बीच हुए सौदे से अंतरराष्ट्रीय व्यापार को प्रभावित करने वाले प्रतिस्पर्धा-विरोधी प्रतिबंधों का समाधान करेगा और राजनयिक लाभ भी प्राप्त होगा.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रतिस्पर्धा कानून एवं नीति के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देने तथा सशक्त करने के लिए भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) तथा मॉरीशस के प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीएम) के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर करने को अपनी मंजूरी दे दी है.

समझौते से किस तरह का होगा फायदा

आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार दोनों देशों के बीच इस ज्ञापन समझौते का उद्देश्य सूचना के आदान-प्रदान, बेहतर गतिविधियों को साझा कर तथा क्षमता निर्माण उपायों के जरिये प्रतिस्पर्धा कानून एवं नीति के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ाना है.सरकार की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया, ‘भारत और मॉरीशस के प्रतिस्पर्धा आयोग के बीच समझौते का मकसद तकनीकी सहयोग, अनुभव साझा करने और सहयोग के विभिन्न क्षेत्रों को जमीनी स्तर पर लागू कर आपसी संबंधों को बढ़ावा देना है. इससे बड़े पैमाने पर उपभोक्ताओं को लाभ होगा और समानता तथा समावेश को बढ़ावा मिलेगा.’ साथ ही इस समझौते से अंतरराष्ट्रीय व्यापार को प्रभावित करने वाले प्रतिस्पर्धा-निरोधक उपायों का समाधान करने में भी मदद मिलेगी.

प्रतिस्पर्धा-विरोधी प्रतिबंधों का होगा समाधान

केंद्रीय मंत्रिमंडल की ओर से सीसीआई और सीसीएम के बीच समझौता ज्ञापन को मंजूरी दिए जाने से अब उम्मीद है कि यह अंतरराष्ट्रीय व्यापार को प्रभावित करने वाले प्रतिस्पर्धा-विरोधी प्रतिबंधों का समाधान करेगा. इससे सीसीआई द्वारा प्रतिस्पर्धा अधिनियम, 2002 के कार्यान्वयन में सुधार होगा.यही नहीं यह प्रतिस्पर्धा नीति की समझ को बढ़ावा देगा. इससे क्षमता निर्माण होगा और राजनयिक लाभ प्राप्त होगा. इस समझौता ज्ञापन के माध्यम से भारत की ओर से कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय तथा भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग और दूसरी तरफ, मॉरीशस प्रतिस्पर्धा आयोग प्रमुख रूप से लाभान्वित होंगे.प्रतिस्पर्धा अधिनियम, 2002 की धारा 18, सीसीआई को अधिनियम के तहत अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने या अपने कार्य करने के उद्देश्य से किसी भी देश की किसी भी एजेंसी के साथ कोई भी ज्ञापन या व्यवस्था करने की अनुमति देती है.इससे पहले केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस साल फरवरी में भारत और मॉरीशस के बीच व्यापक आर्थिक सहयोग और साझेदारी समझौते को लेकर मंजूरी दे दी थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई. सरकार की ओर से जारी बयान के अनुसार, भारत और मॉरीशस सीईसीपीए पहला व्यापार समझौता है, जो अफ्रीका के किसी देश के साथ किया जा रहा है.

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