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सोशल मीडिया फैक्ट चेकर्स पर केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने उठाए सवाल

मोदी के खिलाफ नफरत फैलाना है एजेंडा

नई दिल्ली/दि. 29 – केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सोशल मीडिया कंपनियों पर हमला करते हुए कहा कि, उन्हें किसी भी हालत में सरकार के जरिए बनाए गए नए आईटी नियमों को मानना होगा और उसी मुताबिक देश में काम करना होगा. वहीं इन सोशल मीडिया कंपनियों को अब से सरकार के लिए ज्यादा जवाबदेह होना होगा. प्रसाद ने यहां बीजेपी नेता संबित पात्रा के ट्विटर पोस्ट को Manipulated मीडिया टैग करने को लेकर भी हमला किया जो कांग्रेस का कथित टूलकिट मामला था. उन्होंने कहा कि, सोशल मीडिया जाएंट को किसी एक का पक्ष नहीं लेना चाहिए. भारत सरकार ने यहां सोशल मीडिया कंपनी जैसे ट्विटर और फेसबुक से कहा है कि उन्हें नए नियमों को मानना होगा और मुख्य अनुपालन अधिकारी, नोडल संपर्क अधिकारी और शिकायत अधिकारी की जानकारी आईटी मंत्रालय के साथ शेयर करनी होगी. इसमें सभी सोशल मीडिया कंपनियों ने तो हां कर दी है लेकिन ट्विटर ने अब तक इसपर अपनी कोई राय नहीं दी है. नए नियमों में कंपनियों को उन पदों की उत्पत्ति का खुलासा करने की भी आवश्यकता है जो परेशानी पैदा कर सकते हैं. इंडिया टुडे को दिए इंटरव्यू में आईटी मंत्रालय ने कहा कि, सोशल मीडिया के दुरुपयोग को रोकने के हित में सरकार केवल उन संदेशों की उत्पत्ति जानना चाहती है जो हिंसा, दंगे, आतंकवाद, बलात्कार और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करते हैं. अपने इंटरव्यू में कानून मंत्री के रूप में, मैं सभी सोशल मीडिया कंपनियों से कहना चाहता हूं कि भारत की डिजिटल संप्रभुता से किसी भी कीमत पर समझौता नहीं किया जाएगा.”

  • फैक्ट चेकर्स मोदी के खिलाफ फैलाना चाहते हैं एजेंडा

फेसबुक ने आईटी नियमों को देखते हुए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है, ऐसे में प्रसाद ने इस फैसले की आलोचना करते हुए कहा कि सरकार आलोचना से नहीं डरती, बल्कि ट्विटर के फैक्ट-चेकर्स की मंशा पर सवाल उठाती है. उन्होंने आगे कहा कि, एक फैक्ट चेकर का एजेंडा फिलहाल मोदी के खिलाफ नफरत फैलाना है. हम आलोचनाओं का स्वागत करते हैं. हमारे पीएम को साल 2001 से ही पूरी दुनिया से आलोचना का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में सोशल मीडिया कंपनियां यहां केवल सिर्फ एक पक्ष को ही नहीं प्रमोट कर सकती. एक अमेरिकी लाभ कमाने वाली कंपनी के रूप में, भारत में हर तरह से व्यापार करें. लेकिन भारत के कानूनों और संविधान का पालन करें. हमारी संसद और संस्थाएं उतनी ही महत्वपूर्ण हैं जितनी किसी अन्य देश की. प्रसाद ने आगे कहा कि सोशल मीडिया कंपनियां आतंकवाद से संबंधित मामलों में अमेरिका या ब्रिटेन की सरकारों द्वारा अनुरोध किए जाने पर संदेशों की उत्पत्ति पर आसानी से डेटा की आपूर्ति करती हैं.

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