भारत में कोरोना की दूसरी लहर आने की संभावना नहीं के बराबर
एम्स के डॉ. संजयकुमार राय ने दी जानकारी
नई दिल्ली/दि.२२– पूरी दुनिया में कोरोना संक्रमितों (Corona infected) की संख्या 2.28 करोड़ तक जा पहुंची है. वहीं भारत में ये 30 लाख पहुंचने वाली है. बीते कुछ दिनों से हर रोज 60 हजार से अधिक मामले सामने आ रहे हैं. ऐसे में हर किसी को इसकी वैक्सीन का बड़ी ही बेसर्बी से इंतजार है. आने वाले समय में कोविड-19 (COVID-19) का असर कैसा रहेगा, ये एक ऐसा सवाल है जो देश के लाखों लोगों के मन में निर्माण हो रहा है, ऐसा इसलिए भी है क्योंकि कोविड-19 (COVID-19) की शुरुआत में कहा जा रहा था कि तापमान बढऩे के साथ इसका प्रकोप खत्म हो जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.इस बारे में एम्स के सेंटर फॉर कम्यूनिटी मेडिसिन के प्रोफेसर डॉक्टर संजय कुमार राय का मानना है कि ये सिर्फ इस बात पर निर्भर करता है कि वहां पर ये वायरस किस स्टेज में है. बता दें कि डॉक्टर राय की ही निगरानी में भारत में कोविड-19 के लिए बनने वाली वैक्सीन (Vaccine) का ट्रायल जुलाई से चल रहा है.
उन्होंने भारत में इसकी दूसरी लहर आने की संभावना को भी नकार दिया है. उन्होंने यह बात मानी है कि दुनिया के कुछ दूसरे देशों में इसकी दूसरी लहर आती दिखाई दे रही है, लेकिन भारत में इसकी संभावना न के ही बराबर हैं. उनका कहना है कि सिरो सर्वे की रिपोर्ट के मुताबिक कहा जा सकता है कि हम हर्ड इम्यूनिटी की तरफ तेजी से बढ़ रहे हैं. रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली, मुंबई और पूणे में 30 से 50 फीसद लोग इस वायरस (Virus) की चपेट से बचे हुए हैं. इसका अर्थ ये है कि इनमें हर्ड इम्यूनिटी बन चुकी है. ये लोग अपने साथ दूसरों को भी प्रोटेक्ट कर रहे हैं. इसका एक अर्थ ये भी है कि इन लोगों से फिलहाल दूसरों के इंफेक्टेंड होने की संभावना नहीं है. वर्तमान रिपोर्ट के आधार पर मुंबई और दिल्ली में कोविड-19 के मामले अपने अधिकतम स्तर को छू चुके हैं, जबकि दक्षिण भारत के राज्यों में ये आने वाले माह में अधिकतम स्तर पर पहुंच जाएगा. कुछ राज्यों की रिपोर्ट अब तक सामने नहीं आई है इसलिए उनके बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता है. उत्तर पूर्वी राज्यों में ये कुछ लंबा जाएगा क्योंकि वहां पर इसकी शुरुआत देर से हुई है. इस वायरस के फैलाव या मोड ऑफ ट्रांसमिशन (Mode of transmission) का आधार एक ही है, लिहाजा मौसम में बदलाव से इसमें कोई फर्क नहीं आएगा. सर्दियों में भी मुंह पर मास्क लगाकर रखना जरूरी होगा, भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से परहेज करना होगा. उनके मुताबिक इसके फैलाव का सबसे बड़ा कारण खांसते या छींकते वक्त बाहर गिरने वाली ड्रॉपलेट्स ही हैं. इसके बाद कंटेमिनेटेड सर्फेस है और तीसरी संभावना हवा से फैलने की है जो बेहद कम है.