नई दिल्ली /दि. 3 – देशभर में कोरोना के हालात को लेकर सोमवार को स्वास्थ्य मंत्रालय ने प्रेस कॉन्फेंस की, जिसमें एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि कोविड की शुरुआत में सीटी स्कैन करने का कोई फायदा नहीं. कई बार पैचेज आते हैं, लेकिन इलाज के साथ वो खत्म हो जाते हैं. उन्होंने कहा कि एक सीटी से 300 एक्सरे के बराबर रेडिएशन होता है. इससे कैंसर का खतरा बढ़ जाता है. चेस्ट एक्स रे के बाद ही जरूरत पड़ने पर डॉक्टर उचित परामर्श दे सकते हैं कि सीटी करने की जरूरत है या नहीं.
उन्होंने कहा कि बायो मार्कर्स यानी खून की जांच भी अपने मन से ना कराएं. खुद से खुद के डॉक्टर ना बनें. कई लोग हर तीन महीने बाद अपने मन से सीटी करा रहे हैं जोकि गलत है. माइल्ड सिम्पटम वालों को साधारण दवाओं से फायदा हो जाता है. स्टाइरॉइड लेने की जरूरत नहीं. उन्होंने कहा कि हाइड्रो स्टाइरॉइड्स तो गंभीर संक्रमण को कंट्रोल करने के लिए होता है. वहीं उन्होंने घर पर इलाज करा रहे लोगों से कहा कि ऐसे लोग अपने डॉक्टर से संपर्क करें. वो आपकी जरूरत के मुताबिक अस्पताल में दाखिल होने की सलाह देंगे.
वहीं प्रेस वार्ता में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव IAS अधिकारी लव अग्रवाल ने कहा- 15 दिनों में कोरोना संक्रमण में कमी आई है. छत्तीसगढ़, दिल्ली, मध्य प्रदेश, मुंबई, औरंगाबाद, महाराष्ट्र और झारखंड में कमी आई है. उन्होंने कहा कि इसके अलावा कोरोना संक्रमितों के ठीक होने की दर भी पहले से बढ़ी है. उन्होंने कहा कि भारत में मृत्यु दर 1.1 फीसदी है. वहीं 12 ऐसे भी राज्य हैं जहां कोरोना के एक लाख से ज्यादा एक्टिव मामले हैं. लव अग्रवाल ने कहा कि सरकार, डिमांड सप्लाई की आपूर्ति करते हुए संक्रमण की चैन तोड़ने की प्रयास में जुटी हुई है.