नई दिल्ली/दि. 23 – तालिबान ने अफगानिस्तान में अपनी सरकार बनाने को लेकर एक बड़ा बयान जारी किया है. उसने कहा है कि जब तक अमेरिकी सैनिकों की पूरी तरह वापसी नहीं हो जाती, वो तब तक सरकार गठन की घोषणा नहीं करेगा. इस बात की जानकारी समाचार एजेंसी एएफपी ने दो तालिबानी सूत्रों के हवाले से दी है. तालिबानी सूत्र ने कहा, ‘यह तय किया गया है कि सरकार और कैबिनेट के गठन की घोषणा तब तक नहीं की जाएगी जब तक अफगानिस्तान में एक भी अमेरिकी सैनिक मौजूद रहेगा.’ इसके बाद संगठन से जुड़े एक और सूत्र ने इस खबर की पुष्टि की.
इससे कुछ घंटे पहले तालिबान ने अमेरिका को धमकी दी थी और कहा था कि अगर 31 तारीख तक सभी सैनिक नहीं गए, तो इसके ‘गंभीर परिणाम’ होंगे. संगठन के प्रवक्त सुहैल शाहीन ने ब्रिटिश वेबसाइट से बातचीत में कहा, ‘यह एक रेड लाइन है. राष्ट्रपति बाइडेन ने कहा है कि सभी सैन्य बलों को 31 अगस्त तक वापस बुला लेंगे. तो अगर वो इस समयसीमा को बढ़ाते हैं तो इसका मतलब होगा कि वह अपना आधिपत्य बढ़ा रहे हैं जबकि इसकी कोई आवश्यकता नहीं है.
शाहीन ने कहा, ‘अगर अमेरिका या ब्रिटेन को निकासी जारी रखने के लिए अतिरिक्त समय मांगना है- तो इसका उत्तर अब भी ना है. या इसके गंभीर परिणाम होंगे. यह हमारे बीच अविश्वास पैदा करेगा. अगर वह आधिपत्य जारी रखने पर आमादा हैं तो यह प्रतिक्रिया को भड़काएगा.’ बता दें ऐसी खबर है कि ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से समयसीमा बढ़ाने के लिए कह सकते हैं. ताकि अधिक से अधिक लोगों को इस देश से बाहर निकाला जा सके.
दूसरी ओर काबुल एयरपोर्ट पर काफी बुरा हाल है. बड़ी संख्या में अफगानी देश छोड़कर भाग रहे हैं, जिसके चलते यहां काफी भीड़ है. इस वजह से अमेरिका और बाकी देशों को अपने नागरिकों की निकासी में भी दिक्कत आ रही है. जब सुहैल शाहीन से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इसके पीछे का कारण तालिबान नहीं बल्कि आर्थिक दिक्कतें हैं. उन्होंने कहा, ‘मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि किसी को चिंता करने या डरने की जरूरत नहीं है. ये लोग पश्चिमी देशों में जा रहे हैं और यह एक तरह का आर्थिक विस्थापन है क्योंकि अफगानिस्तान एक गरीब देश है.’