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यूपी और महाराष्ट्र को मिली देश की पहली AC कोच वाली इकॉनामी ट्रेन

मिलेगा सस्ता और कंफर्म टिकट

नई दिल्ली/दि.१ – देश का पहला एसी इकॉनॉमी क्लास बॉगी उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र के ट्रेन में लगने जा रही है. अनेक चरणों की जांच के बाद और रेलवे सुरक्षा आयुक्त की इजाजत के बाद रेलवे कोच फैक्ट्री से 15 एसी इकॉनॉमी बॉगी रवाना हो चुकी है. इनमें से 10 बॉगियां प्रयागराज आगरा और झांसी के उत्तर मध्य रेलवे विभाग को सुपुर्द की जा रही हैं और बाकी बची 5 बॉगियां पश्चिम रेलवे के मुंबई मुख्यालय को भेजी गई हैं. जल्दी ही यूपी और महाराष्ट्र के रेलवे में इन एसी इकॉनॉमी बॉगियों को जोड़ा जाएगा.
इस खबर से संबंधित जानकारी केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कल (31 मई) देर रात ट्विट कर के दी है. उन्होंने अपने ट्विट में लिखा है कि कोविड 19 के होते हुए भी रेलवे अपनी नई और अनूठी कल्पनाओं और कार्यों को अंजाम दे रहा है. 3 टियर एसी इकॉनॉमी क्लास वाले 15 कोच आज रवाना किए गए. इस साल ऐसे और 248 कोच के निर्माण की योजना है.
इन कोचों के निर्माण में आधुनिक डिजाइनों का इस्तेमाल किया गया है. इनके दरवाजे और टॉयलेट्स दिव्यांगजनों द्वारा भी आसानी से इस्तेमाल में लाए जा सकते हैं. इन एसी डब्बों की डिजाइन में यात्रियों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए कई सुधार किए गए हैं. इस तरह के एसी कोच के इस्तेमाल में वेटिंग लिस्ट वाले यात्रियों को कंफर्म सीट मिलने की संभावना ज्यादा है क्योंकि ऐसे कोच में जगह ज्यादा है. साथ ही इसके निर्माण में जो किफायत बरती गई है उससे टिकट की दरों में कटौती का फायदा ग्राहकों को मिल सकता है. देश में फिलहाल लिंक हॉफमैन बुश तकनीक के अनुसार काम में आने वाले कोच में 72 सीटें हैं वहीं पुरानी बॉगियों में 64 सीटें थीं. आरडीएसओ के एलएचबी ने 83 सीटों की व्यवस्था वाली डिजाइन पेश की. रेल कोच फैक्ट्री ने केवल 3 महीने में 10 फरवरी को इस डिजाइन का खाका तैयार कर लिया था. आरडीएसओ ने मार्च महीने में दक्षिण रेलवे और राजस्थान के कोटा रेलवे विभाग क्षेत्र में 180 किलोमीटर की रफ्तार से इन कोचों की टेस्टिंग करवाई. टेस्टिंग में कामयाबी मिलने के बाद इन बॉगियों को दिल्ली भेजा गया. यहां रेलवे सुरक्षा आयुक्त ने इसका निरीक्षण किया. आयुक्त से इजाजत मिलने के बाद फैक्ट्री ने एसी इकॉनॉमी कोच के पहले लॉट का उत्पादन शुरू किया. सोमवार को कोच फैक्ट्री से थ्री टियर एसी के इकॉनॉमी क्लास के 15 डब्बे रवाना किए गए. अब ये डब्बे रेलवे के अलग-अलग मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों में जोड़े जाएंगे. इन डब्बों की दोनों तरफ की सीटों के साथ फोल्डिंग टेबल, बॉटल होल्डर, मोबाइल और मैग्जीन होल्डर्स जुड़े हैं.इतना ही नहीं, हर सीट में पढ़ने के लिए रिडिंग लाइट और मोबाइल चाजिर्ंग की सुविधाएं दी गई हैं. बीच और ऊपर की सीट पर चढ़ने के लिए सीढ़ी की डिजाइन में भी बदलाव लाया गया है. इससे यात्रियों को ऊपर की सीटों पर जाने में आसानी होगी. इस तरह से दुनिया में सबसे सस्ती और सुविधासंपन्न यात्रा करवाने की कोशिश भारतीय रेल की ओर से की गई है. इन एसी बॉगियों का उत्पादन कोरोना काल में 50 प्रतिशत कर्मचारियों की उपस्थिति में करना पड़ा. लॉकडाउन में आवश्यक सामानों की उपलब्धता से जुड़े संकटों का सामना करना पड़ा. इसके बावजूद रेल प्रशासन ने 100 से अधिक ऐसी बॉगियों के उत्पादन में सफलता हासिल की.

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