लखनऊ/दि.१– हाथरस मामले को लेकर उत्तर प्रदेश पुलिस सवालों के घेरे में है. इस बीच एक बार फिर पुलिस ने दावा किया है कि लड़की से रेप या गैंगरेप की घटना नहीं हुई थी. अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने कहा कि हाथरस मामले की पीडि़ता के साथ बलात्कार या सामूहिक बलात्कार जैसी कोई घटना नहीं हुई है. उन्होंने पोस्टमार्टम रिपोर्ट का हवाला दिया है. उन्होंने कहा, लड़की की मौत गर्दन में चोट लगने और मानसिक आघात के कारण हुई. सामाजिक सौहार्द बिगाडऩे और जातीय हिंसा भड़काने के लिए कुछ लोग तथ्यों को गलत तरीके से पेश कर रहे हैं. हम देखेंगे कि ऐसा कौन कर रहा है.
गौरतलब है कि गत 14 सितंबर को हाथरस जिले के चंदपा थाना क्षेत्र स्थित एक गांव की रहने वाली 19 वर्षीय दलित लड़की से कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किया गया था.
लड़की को रीढ़ की हड्डी में चोट और जीभ कटने की वजह से पहले अलीगढ़ के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था. उसके बाद उसे दिल्ली स्थित सफदरजंग अस्पताल ले जाया गया था, जहां मंगलवार तड़के उसकी मौत हो गई थी.
इसके बाद पुलिस ने रात में करीब तीन बजे लड़की का अंतिम संस्कार किया. परिवार वालों का दावा है कि उन्हें लड़की का चेहरा तक नहीं देखने दिया गया. इसी को लेकर प्रशासन पर लगातार सवाल उठ रहे हैं.
इस घटना को लेकर देश भर में जगह-जगह प्रदर्शन किये गये. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को फोन करके इस मामले में कड़ी कार्रवाई करने को कहा था. राज्य सरकार ने इस मामले की जांच के लिये विशेष जांच दल गठित किया है.