नई दिल्ली/दि.16 – चुनाव में राजनीतिक दलों की ओर से मतदाताओं को कैश जमा करने की घोषणा को जनप्रतिनिधित्व कानून अंतर्गत भ्रषटाचार कक्षा में समावेश करने की मांग करनेवाली याचिका दिल्ली उच्च न्यायालय में दाखिल की गई है. इस याचिका पर सुनवाई में न्यायालय ने चुनाव आयोग व केंद्र सरकार से जवाब मांगा है.
इस मामले की सुनवाई बुधवार को न्यायधीशा डी.एन. पटेल व ज्योति सिंह की बेंच के सामने हुई.
न्यायाधीश पटेल ने चुनाव आयोग को कहा कि अपने अधिकारों का जनता की भलाई के लिए उपयोग करें. केवल नोटीस व आदेश जारी ना करें. पीएन शर्मा, कैप्टन गुरविंदर सिंह ने याचिका दायर की है. नोट फॉर वोट स्वरूप के चुनावी आशवासन जनप्रतिनिधि अधिनियम की धारा 123 के तहत उल्लंघन करना साबित होते है. सभी दल चुनावी हलफनामे में ऐसा करते रहे तो मतदाता श्रमों से दूर हो जाएगा. याचिका में टीडीपी व कांग्रेस पार्टी को पक्ष बनाया गया है. कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में मतदाताओं को न्याय योजना अंतर्गत सालाना 72 हजार रुपए देने का आश्वासन दिया था. जबकि टीडीपी ने दो लाख रुपयों की घोषणा की थीं.