देश दुनिया
किसान हित की बात करने वाले हर व्यक्ति को हमारा समर्थन है
मोदी सरकार देश को हर मोर्चे पर सिर्फ और सिर्फ कमजोर और खोखला करने का काम कर रही है
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किसानों के समर्थन में युवा कांग्रेस ने इंडिया गेट तक मशाल जुलूस निकाला
नई दिल्ली दी २५– प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा सरकार के किसान विरोधी तीन कानूनों के विरोध में आज भारतीय युवा कांग्रेस ने देश भर में मशाल जुलूस निकाला. राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में भारतीय युवा कांग्रेस के मुख्यालय से इंडिया गेट की ओर किसानों के समर्थन मे निकाले जा रहे इस मशाल जुलूस को इंडिया गेट से कुछ दूर पुलिस द्वारा बेरीकेडिंग करके रोक दिया. इस मशाल जुलूस का आयोजन राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास बी वी,राष्ट्रीय प्रभारी कृष्णा अल्लवारू के नेतृत्व मे और भारतीय युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव तथा दिल्ली प्रदेश प्रभारी भैया पवार इनकी प्रमुख उपस्थिति मे हुआ.
मशाल जुलूस में शामिल कृष्णा अल्लवारू ने कहा,‘मोदी जी ने 15 लाख रुपये की बात की, उन्होंने 2 करोड़ युवाओं को रोजगार देने का वादा युवाओं से किया जो कभी पूरा नहीं किया। किसानों की आय दुगुनी करने को कहा जो कभी नहीं किया उल्टे अब किसानों की भलाई के नाम पर काले कानून थोप दियें है.
राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी ने कहा, ‘नरेन्द्र मोदी’ सरकार ने युवाओं से रोजगार छीनने का काम किया अब देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ किसानों पर उनकी जमीन पर यह हमला किया गया है. भारतीय युवा कांग्रेस इन काले कानूनों के वापस लेने तक यह लड़ाई नहीं रोकने वाला है. हमारा हर उस व्यक्ति को समर्थन रहेगा जो किसान हित की बात करेगा. यह मशाल जुलूस देश के 60 करोड़ किसानों की आवाज को समर्थन देने का हमारा प्रयास है.
राष्ट्रीय महासचिव भैया पवार ने कहा कि किसान अब झांसे में नहीं आएगा. सच्चाई यह है कि रोजगार मुक्त भारत के बाद अब वे किसान मुक्त भारत बनाना चाहते हैं. यह मशाल जुलूस केंद्र की किसान विरोधी सरकार को जगाने के लिए है. मोदी सरकार सिर्फ और सिर्फ देश को कमजोर और खोखला करने’ का काम कर रही है.
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने हाल ही में किसानों की मांग के बिना ही एकतरफा रूप में तीन कृषि संबंधी कानून बनाये हैं देश भर के किसान इन कानूनों का विरोध कर रहे हैं. इनमें पहला कानून द फार्मर्स प्रोडयूस ट्रैड एंड कॉमर्स(प्रमोशन एंड फैसिलिटेशन) अध्यादेश 2020 जिसका उद्देश्य मंडीयों के एकाधिकार को समाप्त करना है. अनाज मंडी-सब्जी मंडी किसानों के प्राण है उनका अभिमान है. मंडी खत्म करने से कृषि उपज खरीद की पूरी व्यवस्था नष्ट हो जाएगी. प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का दावा है कि किसान देश में कहीं भी फसल बेच सकता है कृषि सेंसस 2015 के अनुसार देश में 86 प्रतिशत किसानों के पास 5 एकड़ से कम भूमि है. यह 86 प्रतिशत किसान क्या अपने माल को कहीं भी ले जाने में सक्षम है? मंडी व्यवस्था खत्म होने से सीधा प्रहार इन्हीं किसानों व इनसे जुडे़ मजदूरों पर होगा! दूसरा कानून अत्यावश्यक वस्तु अधिनियम है जिसमें खाद्य कृषि उत्पाद जैसे, चावल, दाल, गेहूं, फल-सब्जी आदि की संग्रहण सीमा को समाप्त कर दिया गया है. जमाखोरी के लिए सीमा हटाने का फैसला खाद्य उत्पादों का व्यापार करने वाले बड़े कार्पोरेट के हित में हैं और उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए इस कानून में बदलाव किया गया है. तीसरा, एक नया कानून एफएपीएएफएस (फार्मर(एम्पावरमेंट एंड प्रोटेक्शन) एग्रीमेंट ऑन प्राइस एश्यूरेंस एंड फार्म सर्विसेज) अध्यादेश 2020 बनाया गया है. इस अध्यादेशी कानून के माध्यम से अनुबंध आधारित खेती को वैधानिकता प्रदान की गई है ताकि बड़े व्यावसायी और कंपनियां अनुबंध के जरिये खेती बाड़ी के विशाल भू-भाग पर ठेका आधारित खेती कर सके. वास्तव में यह किसान को ‘ठेका प्रथा’ में फंसाकर अपनी ही जमीन पर मजदूर बनाने की कोशिश है.
इस मशाल जुलूस में भैया पवार इब्राहीम राय मनी, संतोष गोलकुंडा, हेमंत ओगले, खुशबू शर्मा, शरीफा रहमान, मीडिया प्रभारी राहुल राव ,मोहित चौधरी, तौकीर आलम, ओमवीर यादव, उदय चिब, युवा कृष्णा दास, मीतेन्द्र यादव, शिवी चौहान, प्रदीप सूर्या, विजय राजू, दिल्ली युवा कांग्रेस के उपाध्यक्ष रणविजय सिंह लोहचब व शुभम शर्मा सहित अनेक पदाधिकारी व हजारों कार्यकर्ता शामिल हुए.