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गायों को राष्ट्रीय पशु बनाने के बाद क्या सुधरेंगे हालात?

हाई कोर्ट के फैसले का विपक्ष ने किया स्वागत

नई दिल्ली/दि.2 – उत्तर प्रदेश में चुनावों के मुद्दों की फेहरिस्त निकाली जाए तो पता चलता है कि गाय और गंगा हर चुनावों में छाए रहे. लेकिन इन दोनों की सिर्फ चर्चा हुई. हालांकि न इनका चेहरा बदला न हालात. हाईकोर्ट के सुझाव के बाद गाय की सुरक्षा को लेकर एक उम्मीद तो बंधी है, क्योंकि गौशालाओं के हाल बहुत ठीक नहीं हैं.
गायों की सुरक्षा के लिए गंभीर राज्य सरकार ने अवैध स्लाटर हाउस को बंद कर गौकशी करने वालो पर अभियान चलाकर कार्यवाही की. सेस लगाकर इनके पालन पोषण का इंतजाम किया था. गायों को गोद लेने की योजना, गौशालाएं बनाकर गायों को रखने का इंतजाम भी किया गया. लेकिन गायों के हालात, दुर्दशा के नजदीक ही रहे. यूपी में कई जिलों की गौशालाओं से गायों के बीमारी और भूख से मरने की खबरें आती रहीं हैं.
हाई कोर्ट के गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने के केंद्र को दिए सुझाव के बाद अब हालात बदलने की उम्मीद जगी है. लेकिन मौजूदा हालात में गौशालाओं के हाल ठीक नहीं हैं. लखनऊ के मोहनलाल गंज इलाके सिसेंडी गौशाला में लगभग 200 गौवंश है. यहां काम करने वाले लोग दावा कर रहे हैं कि गायों के लिए भूसा और हरे चारे की कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन पड़ताल के दौरान यहां गाय सूखा भूसा खाती नजर आईं.

दरअसल ग्राम पंचायतों को गौशाला में हर रोज एक गौवंश को भूसा खिलाने के लिए 30 रुपए मिलता है. यहां के प्रधान हरनाम सिंह ने बताया कि उनके यहां गौशाला का 6 महीने का पैसा बकाया है. वो अपने संसाधन से भूसे का जुगाड़ कर रहे हैं. हरनाम सिंह का कहना है 30 रुपए बहुत कम हैं. एक गाय पर कम से कम 50 रुपए का खर्चा आता है.
विपक्ष भी सरकार पर इन्ही सवालों को लेकर हमलावर रहती है. जब गाय सरकार के एजेंडे में है तब भी गौशालाओं में भूख से गाएं मर रही हैं. विपक्ष ने हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए सरकार से इसके लिए कदम उठाने की माँग भी की है. संभल के सांसद शफीकुर्रहमान बर्क का कहना है कि गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करना चाहिए, लेकिन उसके नाम पर मॉब लॉन्चिंग के वो खिलाफ हैं. मुस्लिम धर्म गुरु भी गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने की माँग कर रहे हैं.
योगी सरकार में मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ला ने विपक्ष की नीयत पर सवाल उठाते हुए कहा है कि जिन लोगों के राज में गौवंश सुरक्षित नहीं थे, उन लोगों को सवाल उठाने का अधिकार नहीं है. आनंद स्वरूप ने बताया कि आज यूपी में गौ वंश की हत्या करने की कोई सोच नहीं सकता, क्योंकि सरकार ने उनकी सुरक्षा को लेकर पर्याप्त व्यवस्था की है.

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