अगर कैप्टन खेमे ने पंजाब कांग्रेस का ‘सरदार’ बनने से रोका तो क्या करेंगे सिद्धू?
चंडीगढ़ में चल रही है बैठक
नई दिल्ली/दि. 16 – पंजाब कांग्रेस के भीतर कई दिनों से चल रहा सियासी ड्रामा अब अपने आखिरी चरण में जाते दिख रहा है. सूत्रों का दावा है कि कांग्रेस आला कमान ने सूबे के मुखिया अमरिंदर सिंह और वरिष्ठ नेता नवजोत सिंह सिद्धू के बीच पड़ी दरार को मिटाने का रास्ता निकाल लिया है. सूत्रों का कहना है कि पार्टी नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का मुखिया बनाने की तैयारी में है. पार्टी का ये मानना है कि इस कदम से सिद्धू और कैप्टन के बीच चल रही राजनीतिक खींचतान थम जाएगी.
हालांकि नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बनाए जाने की खबरों को लेकर मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह आलाकमान से खफा चल रहे हैं. ऐसे में सिद्धू की पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर ताजपोशी से पहले ही पार्टी दो फाड़ होने की कगार पर है. जानकारी के मुताबिक अगर कैप्टन खेमे ने आलाकमान पर सिद्धू की ताजपोशी रोकने का दबाव बनाया तो ऐसी स्थिति में पलटवार के लिए सिद्धू खेमा भी तैयार है और इस बाबत रणनीति बनाई जा रही हैं.
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5 मंत्री और 10 विधायक तैयार कर रहे रणनीति
गुरुवार को चंडीगढ़ में सिद्धू खेमे की एक अहम बैठक हुई, जिसमें खुद नवजोत सिंह सिद्धू ने भी हिस्सा लिया. सिद्धू के साथ इस बैठक में कैबिनेट मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा के अलावा चरणजीत सिंह चन्नी, राजेंद्र सिंह बाजवा, सुखविंदर सरकारिया, विधायक कुलजीत नागरा, कुशलदीप सिंह ढिल्लों, परगट सिंह, बीरेंद्र मीत पहाड़ा, कुलबीर जीरा भी शामिल रहे. जिन्होंने आगे की रणनीति को लेकर चर्चा की.
ये बैठक चंडीगढ़ के सेक्टर 39 स्थित पंजाब के कैबिनेट मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा के घर पर हुई. रंधावा कैप्टन विरोधी माने जाते हैं. सूत्रों के मुताबिक अगर कैप्टन अमरिंदर सिंह के दबाव में नवजोत सिंह सिद्धू को आलाकमान पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष का पद नहीं देता है तो ऐसे में आगे की रणनीति तय कर एक्शन लिया जाएगा.