WHO की दुनिया के देशों से अपील- बच्चों को अभी ना लगाएं वैक्सीन
गरीब देशों को दान के बारे में सोचें
नई दिल्ली/दि. 14 – विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने शुक्रवार को कहा कि कोविड-19 का दूसरा साल बेहद घातक साबित हो रहा है. ऐसे में उन्होंने अनुरोध करते हुए दुनिया के अमीर देशों से कहा कि वे बच्चों को कोरोना की वैक्सीन लगाने की बजाय इसका डब्लूएचओ के गरीब देशों के लिए कोवैक्स स्कीम के तहत दान करने के बारे में सोचें. डब्ल्यूएचओ चीफ टेड्रोस एडहनॉम गिब्रयेसॉस ने कहा- पहले साल की तुलना में महामारी इस बार ज्यादा भयंकर है. इसमें भारत को लेकर भारी चिंता है. जेनेवा में एक वर्चुअल बैठक के दौरान उन्होंने कहा- “मैं समझता हूं कि कुछ देश अपने बच्चों और किशोरों का वैक्सीनेशन क्यों करना चाहते हैं. लेकिन अभी मैं उनके पुनर्विचार करने और डब्ल्यूएचओ के कोवैक्स कार्यक्रम के तहत वैक्सीन दान देने का आग्रह करता हूं.” महामारी की जांच के लिए डब्ल्यूएचओ की क्षमता को बढ़ाने के साथ समिति ने कई सिफारिशें की है. उसने स्वास्थ्य एजेंसी और विश्व व्यापार संगठन को टीकों का निर्माण करने वाले देशों के साथ लाइसेंस और प्रौद्योगिकी स्थानांतरण के लिए बैठक करने को कहा है. इसके साथ ही समिति ने सुझाव दिया है कि डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक का कार्यकाल सात साल का होना चाहिए. क्लार्क ने कहा कि डब्ल्यूएचओ की भूमिका मजबूत करने के साथ वैश्विक स्तर पर बीमारी निगरानी तंत्र को दुरूस्त करना चाहिए. क्लार्क ने कहा, ‘‘डब्ल्यूएचओ को महामारी की जांच करने का अधिकार, तेजी से पहुंच की इजाजत और सदस्य राष्ट्र की मंजूरी का इंतजार किए बिना सूचना प्रकाशित करने की अनुमति होनी चाहिए.’’ लंदन की क्वीन मैरी यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर शोफी हरमन ने कहा कि समिति की सिफारिशों का डब्ल्यूएचओ के सदस्य देश शायद ही स्वागत करेंगे और इसे लागू करने की भी इजाजत नहीं देंगे. उन्होंने सवाल किया, ‘‘कौन सा देश बिना अपनी मंजूरी के डब्ल्यूएचओ को महामारी की जांच करने की इजाजत देगा.’’