नई दिल्ली/दि.१४ – कोरोना काल के बीच सितंबर महीने में थोक महंगाई में इजाफा हुआ है. ताजा आंकड़े बताते हैं कि खाद्य वस्तुओं की कीमतों में तेजी के चलते थोक कीमतों पर आधारित महंगाई दर बढ़कर 1.32 प्रतिशत हो गई है. आंकड़ों के मुताबिक, ”मासिक डब्ल्यूपीआई (थोक मूल्य सूचकांक) पर आधारित मुद्रास्फीति की वार्षिक दर सितंबर में 1.32 प्रतिशत रही, जो पिछले साल की समान अवधि में 0.33 प्रतिशत थी.
अगस्त में महंगाई दर 0.16 प्रतिशत थी
थोक कीमतों पर आधारित महंगाई दर अगस्त में 0.16 प्रतिशत थी. इससे पहले डब्ल्यूपीआई पर आधारित महंगाई दर लगातार चार महीनों में नकारात्मक रही थी. अप्रैल में महंगाई दर नकारात्मक 1.57 प्रतिशत, मई में नकारात्मक 3.37 प्रतिशत, जून में नकारात्मक 1.81 प्रतिशत और जुलाई में नकारात्मक 0.58 प्रतिशत पर थी.
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार खाद्य वस्तुओं की महंगाई 8.17 प्रतिशत रही, जबकि अगस्त में यह 3.84 प्रतिशत थी. समीक्षाधीन अवधि में अनाज की कीमतों में गिरावट आई, जबकि दालें महंगी हुईं. इस दौरान सब्जियों के महंगा होने की दर 36.54 प्रतिशत के उच्च स्तर पर थी.आलू की कीमत एक साल पहले के मुकाबले 107.63 प्रतिशत अधिक थी, हालांकि प्याज की कीमतों में कुछ गिरावट देखने को मिली.
खुदरा महंगाई के आंकड़ों में भी बढ़त
खाने-पीने के सामान का दाम बढऩे से सितंबर महीने में खुदरा महंगाई की दर बढ़कर 7.34 फीसदी हो गई जो पिछले आठ महीने में सबसे ज्यादा है. उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित महंगाई दर अगस्त में 6.69 फीसदी और सितंबर 2019 में यह 3.99 फीसदी थी. इसके पहले खुदरा महंगाई सबसे ज्यादा जनवरी 2020 में 7.59 फीसदी थी. दूसरी तरफ, अगस्त महीने के औद्योगिक उत्पादन सूचकांक में 8 फीसदी की गिरावट देखी गई. सरकार द्वारा सोमवार को जारी आंकड़े के अनुसार खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर सितंबर में 10.68 फीसदी थी जो अगस्त में 9.05 फीसदी के स्तर पर थी.