’14 फरवरी’- भारत में ‘काला दिवस’ क्यों?
नई दिल्ली/दि.14- 14 फरवरी, 2019 को, एक विनाशकारी आतंकवादी हमले ने भारत के पुलवामा को हिलाकर रख दिया, क्योंकि जैश-ए-मोहम्मद (JeM) से जुड़े एक आत्मघाती हमलावर ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के जवानों के एक काफिले को निशाना बनाया. हमलावर की पहचान आदिल अहमद डार के रूप में हुई, जिसने जम्मू-कश्मीर राष्ट्रीय राजमार्ग पर विस्फोटक से भरे वाहन से एक बस को टक्कर मार दी, जिसके परिणामस्वरूप कम से कम 40 सीआरपीएफ लोगों की दुखद मौत हो गई. यह हमला स्थानीय समयानुसार दोपहर लगभग 3:15 बजे हुआ जब काफिला जम्मू से श्रीनगर जा रहा था, जिससे देश स्तब्ध हो गया.
हमले के जवाब में भारत ने घटना की कड़ी निंदा की और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकवादी समूहों को पनाह देने और समर्थन देने के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया. विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान पर जैश-ए-मोहम्मद के नेता मसूद अज़हर को अपने क्षेत्र में काम करने की “पूर्ण स्वतंत्रता” प्रदान करने का आरोप लगाया, और पाकिस्तान आतंकवादी बुनियादी ढांचे को नष्ट कर दे और ऐसे समूहों का समर्थन करना बंद कर दे ऐसी मांग रखी. लेकिन , पाकिस्तान ने इन आरोपों से इनकार किया है. भारतीय राजनीतिक दलों ने पुलवामा हमले के मद्देनजर सरकार और सुरक्षा बलों का समर्थन करने का प्रस्ताव पारित किया. भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ निर्णायक कदम उठाए, पाकिस्तानी वस्तुओं पर सीमा शुल्क 200% तक बढ़ा दिया और पाकिस्तान का मोस्ट फेवर्ड नेशन (एमएफएन) का दर्जा रद्द कर दिया. प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने पुष्टि की कि सुरक्षा बलों को हमले का जवाब देने के लिए पूरी आजादी दी गई है और चेतावनी दी है कि आतंकवादियों को उनके कार्यों के लिए गंभीर परिणाम भुगतने होंगे.
इसके बाद, 26 फरवरी, 2019 को, भारतीय सुरक्षा बलों ने पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के बालाकोट क्षेत्र में जैश-ए-मोहम्मद शिविरों पर हवाई हमले करते हुए ‘ऑपरेशन बंदर’ नाम से एक जवाबी हमला शुरू किया. इजरायल निर्मित “स्मार्ट बम” और मिराज 2000 लड़ाकू विमानों का उपयोग करते हुए, भारत ने उस जगह को निशाना बनाया, जिसे जैश-ए-मोहम्मद और अन्य आतंकवादी संगठनों के लिए एक महत्वपूर्ण प्रशिक्षण केंद्र माना जाता था.
दुखद पुलवामा हमले को पांच साल बीत चुके हैं, फिर भी 14 फरवरी को हमले में अपनी जान गंवाने वाले साहसी सीआरपीएफ जवानों के सम्मान में ‘काला दिवस’ के रूप में मनाया जाता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रद्धांजलि देते हुए 2019 पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए जवानों को सम्मानित किया. उनकी बहादुरी को दर्शाते हुए, पीएम मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि राष्ट्र के लिए उनका समर्पण और बलिदान हमेशा स्मृति में अंकित रहेगा.