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‘वर्क फ्रॉम होम’ व्यापार का बना नया हथियार किंतु इसके लिए नियम बनाने ज़रूरी

नई दिल्ली/दि.३०  – कन्फेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने  आज यहाँ कहा की वर्क फ्रोम होम बेशक कोविड आपदाके कारण मजबूरी में स्वीकार किया गया हो लेकिन अब यह देश में व्यापार करने का बड़ा ज़रिया बनगया है जो न केवल कम लागत , बेहद सक्रिय , समय की बचत सहित अन्य विशेषताओं के लिए जानाजा रहा है इस दृष्टि से इसके लिए सरकार द्वारा एक नीति का बनाया जाना बेहद आवश्यक है जिससेमालिकों और कर्मचारियों के बीच शोषण अथवा उत्पीड़न की किसी भी सम्भावना को ख़त्म किया जासके । कैट ने इस बारे में 9 सितम्बर , 2020 को एक पत्र प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी को भेजकरअनुरोध किया कि वे संबंधित मंत्रालय और अधिकारियों को निर्देश दें कि वे नवीन रूप से विकसितवर्क फ्रॉम होम कार्यपध्दति के लिए आवश्यक नियम एवं कायदे तैयार करें जिससे उत्पादकता में वृद्धिहो, कार्य कुशलता बढ़े और लोग बिना किसी ज्यादा सोच विचार के तेजी से उभरती इस कार्यपध्दतिको अपनाएँ ।
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री बी सी भरतिया ने कहा की प्कोविड अवधि के दौरान विकसित किए गए वर्कफ्रॉम होम की नई  कार्य प्रणाली बेहतर है और इसलिए इस नए व्यापारिक मॉडल के लिए  एक मजबूतऔर निर्देशित नियमों एवं कायदों की बेहद जरूरत है !

श्री भरतिया एवं श्री खंडेलवाल ने कहा कीकोविड 19 ने भारत और दुनिया भर में एक नई कार्यप्रणालीको जन्म दिया है जो वक़्त और हालात को देखते हुए स्वयं ही अस्तित्व में आई है और जिसको देशभर में एक सफल मॉडल के रूप में अपनाया गया है ! वर्क फ्रॉम होम कार्यप्रणाली ने कार्यालय कीजरूरत को बेमानी करार देते हुए के विपरीत परिस्थितियों में  भी दूर से काम करने की नई प्रणाली कोविसकसित किया है ! यह प्रणाली  केवल कॉर्पोरेट या उद्योग क्षेत्र ही नहीं, बल्कि छोटे व्यवसायों से जुड़ेस्व-संगठित क्षेत्र ने भी इसे एक बेहतर विकल्प के रूप में अपनाया है !  यह मॉडल जिसमें कई अन्यलाभों के साथ बुनियादी ढांचे की लागत को कम करने की क्षमता है, निश्चित रूप से  कोविड संकट कासमाधान होने के बाद भी रहने वाला है। यह व्यापार और वाणिज्य का एक अभिन्न अंग बन गया है।कार्यशील मॉड्यूल में इसे एक नए गतिशील कार्य मॉडल बताते हुए कैट ने इसके लिए एक विस्तृतनियम और कायदा तैयार करने का आग्रह किया। चूंकि यह एक नई प्रणाली है और देश में वर्क फ्रॉमहोम कार्य प्रणाली के लिए कोई नियम अथवा कानून नहीं है, इसलिए  इससे जुड़े सभी पहलुओं कोध्यान में रखते हुए एक व्यापक और मजबूत नीति और दिशानिर्देशों की आवश्यकता है।

श्री भरतिया और श्री खंडेलवाल ने आगे कहा कि एक अनुमान के अनुसार किसी भी कंपनी के खर्च कालगभग 17% इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए एक लागत माना जाता है और वर्क फ्रॉम होम कॉन्सेप्ट से कामकराने में कंपनियों को इन्फ्रास्ट्रक्चर लागत में लगभग 12% की बचत होती है जबकि शेष 5% लागत कार्यालय के बुनियादी ढांचे को बनाए रखने और चलाने में खर्च हो जाती है ! इसके अलावा इस कार्यप्रणाली से सड़कों पर यातायात को कम करने, सार्वजनिक परिवहन पर भार को कम करना,प्रदूषणको काफी हद तक कम करने में मदद मिलती है। कोविड लॉक डाउन और उसके बाद भी वर्क फ्रॉमहोम   मॉडल सरकार, बैंकिंग क्षेत्र, व्यापार, उद्योग, स्वास्थ्य सेवाओं, शैक्षिक क्षेत्र, मीडिया, मनोरंजन,बीमा, वित्तीय सेवाओं और विभिन्न अन्य क्षेत्रों सहित सभी में समान रूप से चालू है । न केवलव्यक्तिगत बातचीत में बल्कि राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रमों, सम्मेलनों, बैठकों, संगठनों कीएजीएम और राजनीतिक रैलियों सहित कई अन्य कार्यक्रमों का आयोजन इस वर्चुअल दुनिया परकिया गया,  जो वर्क फ्रॉम होम मॉडल की उच्च सफलता और लोगों द्वारा इसे तेजी से अपनाने कोदर्शाता है । इसे सदी के अब तक से नवीनतम और सफलतम प्रयोग के रूप में माना जा सकता हैजिसमें न केवल लागत को कम करने बल्कि  मानव शक्ति ऊर्जा के घंटे की बचत और काम के तेजी सेनिष्पादन की क्षमता है। इस मॉडल की सफलता और स्वीकृति को वीडियो कांफ्रेंस के व्यापक उपयोगके दृष्टिकोण से भी जाना जा सकता है  जिसे लोकप्रिय रूप से “वी सी ” के नाम से जाना जाता है औरयह देश भर में एक घरेलू नाम बन गया

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