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वर्ल्ड रिकॉर्ड : 118 किमी का महामार्ग केवल 100 घंटे में

भारत ने चीन, जापान और यूएस को पछाडा

नई दिल्ली दि.20– दुनिया को पीछे छोडते हुए भारत ने एक नया वर्ल्ड रिकॉर्ड कायम कर दिया है. भारत में 100 घंटे में 118 किमी की सडक बनाकर तैयार कर दी गई है. सडक निर्माण में भारत ने चीन, अमेरिका और जापान को भी पीछे छोड दिया है. उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद-अलीगढ एक्सप्रेसवे के बीच एनएच-34 पर 15 मई को सुबह 10 बजे से इस सडक के निर्माण का काम शुरु हुआ था. जो 19 मई को 2 बजे 100 घंटे में 118 किमी बनकर तैयार किया गया. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी टीम को ट्विट कर बधाई दी है.
इस सडक को 15 की सुबह 10 बजे से बनाना शुरु किया गया था. टार्गेट था कि 100 घंटे में 118 किमी की सडक तैयार करनी है. सडक को बनाने के लिए 8-8 घंटे की शिफ्ट में मजदूर व इंजीनियर ने काम किया. इंजीनियर्स की टीम को लीड करनेवाले अर्पण घोष बताते है कि, एक शिफ्ट में कम से कम 100 इंजीनियर्स और ढाई हजार मजदूर काम करते थे. हर मिनट में 3 मीटर से ज्यादा की रोड तैयार की गई. बडी बात यह है कि भीषण गर्मी में मजदूर व इंजीनियर्स के लिए काफी इंत्जाम करने पडे. एम्बुलेंस की व्यवस्था भी की गई थी. सबसे बडा चैलेंज यह भी था कि सडक की दूसरी तरफ का ट्रैफिक लगातार चलता रहा.

* इंवायरमेंट फ्रेंडली तकनीक का इस्तेमाल
एनएचएआई के रिजनल ऑफीसर संजीव कुमार शर्मा ने बताया कि, इस सडक को बनाने में इंवायरमेंट का भी पूरा ख्याल रखा गया. सडक को रिसाइकल्ड मटेरियल से तैयार किया गया है. सडक को बनाने के लिए पुराने मटेरियल का ही इस्तेमाल किया गया है. सडक को बनाने में 51849 मेट्रिक टन बिटूमन कांक्रीट, 2700 मेट्रिक टन बिटूमन लगा है और 6 हॉट मिक्स प्लांट में इस मटेरियल को तैयार किया गया है. इस सडक के निर्माण से भारत को एक मॉडल भी मिला है. इस मॉडल के जरिए आनेवाले समय में हाईवे और एक्सप्रेसवे काफी जल्दी तैयार हो जाएंगे. राष्ट्रीय महामार्ग क्रमांक 34 पर निमार्ण की गई यह सडक दादरी, गौतम बुद्ध नगर, बुलंद शहर और खुर्जा मार्ग के यातायात के लिए वरदान साबित होगी.

* दर्जेदार मूलभूत सुविधा विकसित करने की हमारी ताकत
इस सडक निमित्त गुणवत्ता से समझौता न करते हुए द्रूतगति से किफायती, विश्व दर्जे की मूलभूत सुविधा विकसित करने की हमारी ताकत इस निमित्त हमने दखा दी है. यह कवेल आंकडेवारी नहीं बल्कि सभी कठिनाईयों का सामना कर अपने ही खुद के पहले के रिकॉर्ड तोडने की मनुष्य स्वभाव की उर्जाशक्ति रहती है.
– नितिन गडकरी, केंद्रीय सडक व महामार्ग मंत्री

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