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जापान के होंशू में महसूस किए गए भूकंप के झटके

रिक्टर स्केल पर 6.5 रही तीव्रता

जापान /दि.3- जापान के होंशू के दक्षिणपूर्व में सोमवार को भूकंप के झटके महसूस किए गए. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुतबिक रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 6.5 रही. साथ ही भूकंप के झटके शाम 6 बजकर 10 मिनट पर महसूस किए गए. अभी तक किसी प्रकार के जानमाल के नुकसान की कोई खबर नहीं है.

इससे पहले इसी महीने जापान के रयूकू द्वीप पर 6.6 तीव्रता का भूकंप आया था. भूकंप का केंद्र जापान के मियाको द्वीप के हिरारा शहर से 115 मील दूर प्रशांत महासागर में था. स्थानीय समयानुसार ये भूकंप 11.45 बजे आया था और इसकी गहराई छह मील थी

पिछले महीने जापान की राजधानी टोक्यो और उसके आसपास के इलाके में 6.1 तीव्रता का भूकंप आया था. भूकंप के इन तगड़े झटकों ने इमारतों को हिलाकर रख दिया था और स्थानीय लोगों को उनके फोन के जरिए चेतावनी दी गई थी ताकि वो सुरक्षित स्थान पर जाकर छिप सकें. उस समय एहतियात बरतते हुए कुछ बुलेट और लोकल ट्रेन सेवाओं को रोक दिया गया था. हालांकि भूकंप के झटकों का कोई खास प्रभाव देखने को नहीं मिला. इस दौरान स्थानीय परमाणु संयंत्रों की भी जांच की गई थी. अच्छी बात ये रही कि किसी प्रकार की असमान्यताओं की कोई रिपोर्ट नहीं मिली.

रिंग ऑफ फायर पर स्थित है जापान

जापान में अक्सर भूकंप आते रहते हैं. ये देश प्रशांत महासागर के रिंग ऑफ फायर पर स्थित है. ये तीव्र भूकंपीय गतिविधि का एक आर्क है, जो दक्षिण पूर्व एशिया और प्रशांत बेसिन में फैला हुआ है. 6 तीव्रता वाले भूकंप में ये आम बात है. साल 2011 में जापान के फुकुशिमा में शक्तिशाली भूकंप आया था, जिससे वहां स्थित परमाणु संयंत्र को काफी ज्यादा नुकसान पहुंचा था. 11 मार्च, 2011 आए भूकंप के बाद समुद्र में उठी विनाशकारी सूनामी लहरों की चपेट में फुकुशिमा परमाणु संयंत्र भी आ गया था.

क्यों आता है भूकंप?

पृथ्वी कई लेयर में बंटी होती है और जमीन के नीचे कई तरह की प्लेट होती है. ये प्लेट्स आपस में फंसी रहती हैं, लेकिन कभी-कभी ये प्लेट्स खिसक जाती है, जिस वजह से भूकंप आता है. कई बार इससे ज्यादा कंपन हो जाता है और इसकी तीव्रता बढ़ जाती है. भारत में धरती के भीतर की परतों में होने वाली भोगौलिक हलचल के आधार पर कुछ जोन तय किए गए हैं और कुछ जगह यह ज्यादा होती है तो कुछ जगह कम. इन संभावनाओं के आधार पर भारत को 5 जोन बांटा गया है, जो बताता है कि भारत में कहां सबसे ज्यादा भूकंप आने का खतरा रहता है. इसमें जोन-5 में सबसे ज्यादा भूकंप आने की संभावना रहती है और 4 में उससे कम, 3 उससे कम होती है.

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