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दिल्ली की सड़कों पर जल्द ही चलाएंगे ग्रीन हाइड्रोजन वाली कार

नितिन गडकरी बोले- जल्द करेंगे नई शुरुआत

नई दिल्ली /दि.3-  केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कल गुरुवार को दावा किया कि उन्होंने एक ऐसी कार खरीदी है जो एक पायलट प्रोजेक्ट के लिए फरीदाबाद के ऑयल रिसर्च इंस्टीट्यूट में उत्पादित ग्रीन हाइड्रोजन से चलेगी. उन्होंने यह भी कहा कि गोरक्षण की कोई आवश्यकता नहीं होगी अगर गाय के गोबर और गोमूत्र की व्यावसायिक व्यवहार्यता पैदा की दी जाए.

वित्तीय समावेशन पर आयोजित एक राष्ट्रीय शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए केंद्रीय परिवहन मंत्री गडकरी ने कहा कि वह दिल्ली में उस कार को चलाएंगे ताकि लोगों को विश्वास हो कि पानी से ग्रीन हाइड्रोजन  प्राप्त करना संभव है. केंद्रीय मंत्री संभावित परिवहन ईंधन के रूप में ग्रीन हाइड्रोजन की संभावनाओं पर जोर दे रहे थे.

‘ग्रीन हाइड्रोजन पर बस और कार चलाने की योजना’

केंद्रीय परिवहन मंत्री ने शिखर सम्मेलन में कहा, “मेरे पास ग्रीन हाइड्रोजन पर बसें, ट्रक और कार चलाने की योजना है जो शहरों में सीवेज के पानी और ठोस कचरे का उपयोग करके बनाई जाएगी.”

नितिन गडकरी द्वारा नागपुर में शुरू की गई 7 साल पुरानी एक परियोजना, जहां सीवेज के पानी को रिसाइकल किया जा रहा है, के बारे में बात करते हुए, केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अब नागपुर अपना सीवेज पानी महाराष्ट्र सरकार के बिजली संयंत्र को बेचता है और एक साल में लगभग 325 करोड़ कमाता भी है. उन्होंने कहा, “कोई भी चीज बेकार नहीं होती है. यह नेतृत्व और प्रौद्योगिकी के दृष्टिकोण पर निर्भर करता है कि आप कचरे से भी धन पैदा कर सकते हैं. अब मैं कोशिश कर रहा हूं कि हम अपशिष्ट जल से पैसा बनाया जाए. हर नगरपालिका के पास इस तरह का पानी है.”

‘सीवेज पानी से ग्रीन हाइड्रोजन तैयार करें’

उन्होंने कहा, “लोगों को प्रशिक्षित करें ताकि इस पानी से ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन किया जा सके. हमारे पास ठोस कचरा है जिसे सौर छतों द्वारा कवर किया जा सकता है जिससे सस्ती दर पर बिजली मिलती है. इसलिए बिजली सस्ती आती है. हमारे पास पानी और इलेक्ट्रोलाइजर है, अब भारत द्वारा ये उत्पादित किए जाते हैं. हम ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन कर सकते हैं और यह एक वैकल्पिक ईंधन हो सकता है. इस पर सभी बसें, ट्रक, कार चलाई जा सकती हैं. यह मुश्किल नहीं है. मैंने एक हाइड्रोजन कार खरीदी है जिसे मैं दिल्ली में चलाने जा रहा हूं क्योंकि लोगों को आउट ऑफ बॉक्स जाकर स्वीकार करने में समय लगता है.”

अन्य नई परियोजनाओं के बारे में बात करते हुए मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, “अपने कमरे की एक दीवार को गाय के गोबर से बने पेंट से रंगवाया है. मंत्री ने कहा, “गोरक्षण की कोई आवश्यकता नहीं होगी क्योंकि लोग अपनी गायों को नहीं बेचेंगे यदि हम गोबर और गोमूत्र की व्यावसायिक व्यवहार्यता पैदा कर सकते हैं. फिनाइल गोमूत्र से बनाया जा सकता है.”

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