संक्रामक प्रकोप: डेंगू के 211 और चिकनगुनिया के 186 मरीज

मानसून में दूषित अनाज और पानी के कारण बढते है मच्छर

अमरावती /दि.3- इस समय हर जगह त्योहारों का मौसम चल रहा है, लेकिन संक्रामक संबंधी बीमारियों का प्रकोप भी काफी बढ़ गया है. मानसून के दौरान, खराब स्वच्छता, दूषित भोजन और पानी, मच्छर-कीटों का प्रकोप और खराब मौसम के कारण बीमारियां तेज़ी से फैलती हैं. जिला स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, जनवरी से अगस्त के बीच जिले में डेंगू के मरीजों की संख्या बढ़कर 211 हो गई है. इसके साथ ही चिकनगुनिया के 186 और मलेरिया के लगभग 130 मामले भी पाए गए हैं. इसके साथ ही, प्रारंभिक जानकारी है कि जिले में दूषित पानी के कारण टाइफाइड और डायरिया के मरीज भी बड़ी संख्या में पाए जा रहे हैं.
* बीमारी से बचने के लिए बरतें ये सावधानियां
कीटकजन्य रोगों से बचाव के लिए घर के सामने पानी जमा न होने दें, घर की खिड़कियों पर जाली लगवाएं, मच्छरदानी का प्रयोग करें, घर को दिन भर सूखा रखें, बाहर का खाना खाने से बचें और उबला हुआ पानी पिएं.
* बुखार हो तो डॉक्टर से मिलें
यदि आपको थकान या बुखार हो, तो तुरंत डॉक्टर से मिलना ज़रूरी है. किसी भी बीमारी को नज़रअंदाज़ करना महंगा पड़ सकता है.
* जिले में महामारी की घटनाएं बढ़ीं
दूषित भोजन-पानी और खराब स्वच्छता के कारण महामारियों की संख्या में वृद्धि हुई है. इसके कारण सरकारी अस्पतालों में ओपीडी की संख्या में वृद्धि हुई है, वहीं दूसरी ओर कीटकजन्य रोगों का प्रकोप भी देखा जा रहा है.
* त्यौहारों के मौसम में अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें
हर त्यौहार मनाते समय अपनी सेहत का ध्यान रखना भी उतना ही ज़रूरी है. त्यौहारों के मौसम में बाहर से खाने-पीने की चीज़ें खरीदने से बचें.
* किस रोग के लक्षण क्या हैं?
डेंगू बुखार में, मरीज़ को दो से सात दिनों तक तेज़ बुखार रहता है. इसके लक्षणों में सिरदर्द, जोड़ों में दर्द और उल्टी शामिल हैं. मलेरिया में, सिरदर्द, थकान, तेज़ बुखार और अस्वस्थता जैसे लक्षण शामिल हैं.
* विशेष सावधानी बरतना आवश्यक
मानसून में किटकजन्य तथा संक्रामक बीमारियों का प्रकोप बढ़ता रहता है. इसलिए नागरिकों को विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है. वर्तमान में, जिला अस्पतालों में ओपीडी की संख्या में वृद्धि हुई है.
– डॉ. दिलीप सौंडले, जिला शल्य चिकित्सक
* स्वास्थ्य विभाग अलर्ट
संक्रामक बिमारी को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग सतर्क है और लोगों को इन बीमारियों के बारे में जागरूक कर रहा है. साथ ही, मरीजों को समय पर उपचार की सुविधा भी उपलब्ध कराई जा रही है.

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