इनसाइड मर्डर स्टोरी
हत्या के पूर्व आरोपी और मृतक की पत्नी ने किए नेरपिंगलाई में दर्शन

* पति को मारने पत्नी ने ही बनाए 10 अलग- अलग प्लान
* बुलढाणा जिले से आरोपी के पकडे जाते ही खुला सारा राज
* मृतक की पत्नी ने ही अपने पति का काम तमाम करने प्रेमी पर डाला दबाव
अमरावती/ दि. 13- भानखेडा रोड पर हनुमान गढी के पीछे जंगल में की गई प्रमोद भलावी की हत्या के मामले में आरोपी के पकडे जाने के बाद सभी राज खुलते जा रहे रहे हैं. मृतक की पत्नी ने ही अपने कथित प्रेमी को इस हत्याकांड को अंजाम देने के लिए उकसाया था और हत्या से पूर्व दोनों ने नेरपिंगलाई पहुंचकर मंदिर में दर्शन किए थे. पति की हत्या के लिए मृतक की पत्नी ने ही अलग-अलग 10 प्लान तैयार किए थे. लेकिन क्राइम ब्रांच के निरीक्षक संदीप चव्हाण के नेतृत्व वाले दल ने इस घटना का 8 घंटे के भीतर पर्दाफाश करने में कामयाबी हासिल की.
बुधवार 12 नवंबर को रात 8.30 बजे के दौरान बडनेरा और क्राइम ब्रांच पुलिस को भानखेडा रोड पर हनुमान गढी के पीछे जंगल में एक व्यक्ति की खून से सनी हुई लाश पडी रहने की जानकारी मिली. दोनों दल तत्काल घटनास्थल पहुंचे. तब शव सिर के बल औंधा पडा था. इस कारण पुलिस फॉरेन्सिक दल का इंतजार कर रही थी. शव के बाजू में एक दुपहिया पडी थी. उस दुपहिया के नंबर के आधार पर मूल मालिक का पता लगाया गया. यह दुपहिया अचलपुर जिले के टवलार ग्राम निवासी किसी शुभम के नाम थी. इस कारण क्राइम ब्रांच के निरीक्षक संदीप चव्हाण ने अचलपुर पुलिस की सहायता से शुभम को कब्जे में लिया और अमरावती ले आए. उसने बताया कि कुछ दिन पूर्व ही उसने दुपहिया प्रमोद भलावी को बेच दी है. तब पुलिस को यह संदेह हुआ कि प्रमोद भलावी अचलपुर कैसे पहुंचा. जांच में पता चला कि मृतक प्रमोद भलावी की पहली पत्नी टवलार ग्राम की थी. उस समय प्रमोद ने शुभम से वह दुपहिया खरीदी थी. इसी जानकारी के आधार पर मृतक की प्रमोद भलावी के रूप में शिनाख्त हुई. पश्चात पुलिस मृतक के मूल गांव कारला पहुंची. वहां पता चला कि प्रमोद भलावी ने अंजनगांव बारी में रहनेवाली छाया नामक युवती से दूसरा विवाह किया था और पिछले 12-13 साल से वह चंद्रपुर में रहता था. शादी के बाद छाया उसके साथ चंद्रपुर रहने गई थी. लेकिन एक साल में ही वह मायके अंजनगांव बारी अपने माता-पिता के यहां आ गई थी. तब से वह अंजनगांव बारी में ही रहती है. प्रमोद भलावी का अपनी पत्नी से मिलने के लिए अंजनगांव आना- जाना लगा रहता था. वह दिवाली पर अंजनगांव बारी आया था तब से यही रहकर वह काम की तलाश करने लगा था. कांच की एक फैक्टरी में वह पिछले एक पखवाडे से काम करने लगा था. कांच का यह कारखाना अंजनगांव बारी और अमरावती के पुराने बायपास रोड पर स्थित एमआयडीसी में भी है. प्रमोद की पत्नी छाया दस्तुर नगर में काम करती थी. दूसरी तरफ बुलढाणा जिले के विश्वी गांव का रहनेवाला विश्वांबर दिगांबर मांजरे (39 ) भी अंजनगांव अपने रिश्तेदार से मिलने आता था. अंजनगांव बारी के बस स्टैंड पर स्थित चाय की दुकान पर बैठकर वह वर्ष 2024 में काम की तलाश में था. तब चार कैंटींग के संचालक के जरिए उसने छाया के घर का छपाई काम लिया था. यहीं से विश्वांबर मांजरे और छाया भलावी की प्रेम कहानी शुरू हुई. दोनों के बीच प्रेम संबंध स्थापित हो गये थे. दूसरी तरफ पति के घर लौटने से छाया परेशान थी. वह अपने प्रेमी विश्वांबर से नहीं मिल पा रही थी. इस कारण उसने घटना के 10 दिन पूर्व से प्रेेमी को झूठी कहानी बताते हुए कहा था कि उनके प्रेम संबंधों की जानकारी प्रमोद को लग गई है और उसने सभी रिश्तेदारों को बताना शुरू कर दिया है. वह सभी लोग मिलकर उसकी (छाया) हत्या कर सकते हैं. छाया ने विश्वांबर को लगातार दबाव डालकर 10 नवंबर को अमरावती बुलाया. इसके मुताबिक विश्वांबर घटना के एक दिन दस्तुर नगर पहुंचा. पहले दोनों ने खाना खाया. फिर वहीं बैठकर छाया ने अपने ही पति का काम तमाम करने के लिए अलग- अलग साजिश रची. इनमें से एक साजिश को फाइनल किया गया. उसके बाद घटना वाले दिन विश्वाबंर और छाया पहले नेरपिंगलाई गये. वहां दोनों ने मंदिर में दर्शन किए और प्रमोद भलावी का काम तमाम करने के लिए अमरावती पहुंच गये.
छाया ने ही अपने पति को दस्तुर नगर बुलाया
साजिश के मुताबिक छाया ने 11 नवंबर की रात दस्तुर नगर पर खडे रहकर अपने पति प्रमोद भलावी को बुलाया और कहा कि उसे कोई वाहन नहीं मिल रहा है. वे दुपहिया पर उसे लेकर गांव चले. इसके मुताबिक प्रमोद भलावी दुपहिया से दस्तुर नगर पहुंचा और अपनी पत्नी को दुपहिया पर बैठाकर भानखेडा रोड से अंजनगांव बारी की तरफ रवाना हुआ था. हनुमान गढी के पास पहुंचते ही छाया ने लघुशंका का बहाना किया और दुपहिया से नीचे उतरी. उसी समय मौका देखकर विश्वांबर मांजरे जो पहले से ही वहां अंधेरे में खडा था, ने कोयते से प्रमोद भलावी की गर्दन पर पीछे से वार कर दिया. पहले वार में प्रमोद खून से लथपथ अवस्था में नीचे गिर पडा. तब तुरंत विश्वांबर ने उस पर दूसरा वार कर उसे मौत के घाट उतार दिया.
शव को दोनों खींचकर ले गये जंगल में
सूत्रों के मुताबिक विश्वांबर मांजरे ने अपनी प्रेमिका छाया की नजरों के सामने ही उसके पति प्रमोद भलावी की हत्या की. पश्चात दोनों प्रमोद भलावी का शव घसीटते हुए हनुमान गढी के पीछे जंगल में नाले के पास ले गये. वहां पडे बडे पत्थर से विश्वांबर ने प्रमोद का सिर पूरी तरह कुचल दिया और मृतक का दुपहिया वाहन वहां लाकर फेंक दिया. पश्चात विश्वांबर अपनी प्रेमिका छाया को लेकर अंजनगांव बारी चला गया. उसे वहां छोडकर विश्वांबर अपने गांव लौट गया था.
मार्केट से खरीदा था कोयता
प्रमोद भलावी की हत्या करने की साजिश रचने के बाद विश्वांबर मांजरे ने अमरावती में मार्केट से ही कोयता खरीदा था. लूटपाट होने की साजिश रचकर दोनों ने इस घटना को अंजाम दिया था. छाया और विश्वांबर को लगा था कि घटना प्रकाश में आने के बाद पुलिस इसे लूटपाट का मामला समझेगी. लेकिन पुलिस ने मामले की तह तक जाकर हत्याकांड का पर्दाफाश किया.
हत्या वाले दिन रात को दर्ज की थी गुमशुदगी की शिकायत
छाया भलावी ने अपने कथित प्रेमी के साथ मिलकर पति प्रमोद भलावी की हत्या की. पश्चात घर लौटने के बाद देर रात 2 बजे अपने पिता के साथ बडनेरा थाना पहुंचकर अपने ही पति के गुमशुदगी की शिकायत दर्ज की थी.
अनेक लोगों को किया था डिटेन
क्राइम ब्रांच के निरीक्षण संदीप चव्हाण ने हत्या का संदेह होने के बाद जांच तेज कर दी थी. मृतक की पत्नी छाया के घर जाकर की गई पूछताछ में उसने बताया था कि उसका पति किसी ओम नामक दोस्त के साथ बाहर गया था. जब ओम को कब्जे में लेकर पूछताछ की गई तो उसने बताया कि वह रात 8.30 बजे तक ही प्रमोद के साथ था. ऐसे करीब 14 से 15 दोस्तों को कब्जे में लेकर पुलिस ने पूछताछ की थी. तब पता चला था कि बुलढाणा जिले का एक व्यक्ति छाया के घर आता जाता रहता है. उसी जानकारी के आधार पर पता निकालकर रातोरात पुलिस बुलढाणा जिले में विश्वांबर मांजरे के घर पहुंची और संपूर्ण घटनाक्रम का पता चलते ही मृतक की पत्नी छाया भलावी को भी गिरफ्तार किया गया.
बडनेरा थाने में ही बैठाकर रखा था छाया को
पुलिस को संदेह हो गया था कि छाया ही इस हत्याकांड में शामिल है. प्रमोद भलावी की हत्या होने का पता चलने पर उसे बडनेरा थाने में शिकायत दर्ज करने के लिए बुलाया गया था. दूसरी तरफ क्राइम ब्रांच पुलिस आरोपी की तलाश में बुलढाणा जिले की तरफ रवाना हो गई थी. मेहकर तहसील के विश्वी गांव से उसे कब्जे में लेकर पूछताछ की तो उसने हत्या की कबूली दी और बताया कि इसमें मृतक की पत्नी छाया भी शामिल है. तब पुलिस ने छाया को कब्जे में ले लिया. इस तरह पूरी घटनाक्रम का पर्दाफाश हुआ.





