क्या पैसों के कारण से इतना बडा हत्याकांड संभव?

इस हत्याकांड के पीछे का मास्टरमाइंड कौन?

* गिरफ्तारी के बाद दोनों आरोपियों ने बताया पुलिस को घटनाक्रम
* परिवार में खुशी का वातावरण बदला मातम में
अमरावती /दि.30- वलगांव थाने में कार्यरत सहायक पुलिस उपनिरीक्षक अब्दुल कलाम अब्दुल कदीर (54) हत्याकांड में पुलिस ने अब तक तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इस प्रकरण के दो आरोपियों को 5 जुलाई तक पुलिस रिमांड पर लिया गया है. लेकिन शहर का इतना बडा हत्याकांड क्या केवल पैसों के मामले को लेकर हुआ या फिर इस हत्याकांड के पीछे का मास्टर माईंड कोई और है. इस बाबत गाडगे नगर पुलिस जांच कर रही है. पुलिस रिमांड पर लिये गये दोनों आरोपियों ने पूछताछ के दौरान संपूर्ण घटनाक्रम की जानकारी दी. परिवार में दो बेटियां डॉक्टर होने और एक बेटी की शादी की तैयारी शुरु रहते घर में खुशी का वातावरण था. ऐसे में एएसआई अब्दुल कलाम की घात लगाकर की गई निर्मम हत्या के कारण परिवार में खुशी का वातावरण मातम में बदल गया.
सूत्रों के मुताबिक वलगांव थाने में कार्यरत एएसआई अब्दुल कलाम अब्दुल कदीर अपनी दोनों बेटी डॉक्टर बनने की खुशी में काफी खुश थे. ऐसे में बडी बेटी की आगामी 26 अक्तूबर को शादी होने वाली थी. इन दोनों खुशियों के कारण एएसआई अब्दुल कलाम और उनका परिवार काफी खुश था. इस खुशी में अब्दुल कलाम ने समस्त पुलिस प्रशासन में मिठाईयां बांटी थी. पूरा परिवार बडी बेटी की शादी की खरीददारी में व्यस्त था. शनिवार 28 जून को अब्दुल कलाम भी दोपहर में खरीददारी कर घर लौटे थे. शाम को 5.15 से 5.30 बजे के दौरान हर दिन की तरह वह वलगांव थाने में ड्यूटी पर जाने के लिए अपने दुपहिया वाहन से जमील कालोनी स्थित निवासस्थान से रवाना हुए. उन्हें क्या पता था कि, पहले से ही उनके इंतजार में घात लगाकर हमलावर युवक बीच रास्ते में बैठे है.
* अमन पैलेस के पास के होटल से किया पीछा
एएसआई अब्दुल कलाम हर दिन की तरह हमेशा के अपने मार्ग से वलगांव थाना जा रहे थे. वहीं दूसरी तरफ वलगांव रोड पर अमन पैलेस के पास स्थित एक होटल के सामने कार क्रमांक एमएच-34/बीआर-6653 में जियान उद्दीन ऐसान उद्दीन (22), जियान का छोटा भाई फाजिल खान और दर्यापुर के मोमीनपुरा निवासी आवेज खान अयुब खान (22) में बैठकर अब्दुल कलाम का आने का इंतजार कर रहे थे. जिस कार में तीनों आरोपी सवार थे, वह कार जियान ने खरीदी थी और वह चंद्रपुर पासिंग की है. लेकिन उसने वह कार अपने नाम नहीं की थी. जियान स्टेअरिंग पर बैठा था और उसकी बाजू की सीट पर फाझिल खान था और पीछे की सीट पर आवेज खान बैठा था. इन तीनों हमलावरों ने अब्दुल कलाम को देखते ही उसके वाहन के पीछे अमन पैलेस से ऑर्चिड शाला तक कार से तेज तफ्तार से पीछा किया. कार की रफ्तार करीबन 120 किमी प्रतिघंटा थी. इसी रफ्तार में उन्होंने अब्दुल कलाम की दुपहिया को उडा दिया. दुपहिया से भिडंत होने के बाद अब्दुल कलाम की दुपहिया दूर जाकर गिरी और चकनाचूर हो गई. वहीं कार पेड से टकरा गई. कार की रफ्तार तेज रहने से पेड का कुछ हिस्सा भी टूट गया और कार के बलून खुल गये. इस चक्कर में फाजिल खान कार दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद अंदर की फंस गया. उसके पैर फंस गये थे. ऐसे में दुर्घटना में घायल अब्दुल कलाम ने उठकर हमलावरों को देखा. वह उन्हें पहले से पहचानते थे.
* फटकार लगाकर जेब से निकाला फोन!
अब्दुल कलाम ने जख्मी अवस्था में भी उठकर हमलावरों को देखा और उन्होंने उन्हें फटकार लगाते हुए कहा कि, ठहरो तुम्हें दिखाता हूं और जेब से मोबाइल फोन निकाला, वैसे ही जियान उद्दीन और आवेज खान चाकू लेकर कार से नीचे उतरे. एक ने अब्दुल कलाम पर सामने से छाती में और दूसरे ने पीछे से पीठ पर सपासप वार करना शुरु कर दिया. दोनों ने मिलकर अब्दुल कलाम को 14 घाव मारे. इस हमले में खून से लथपथ होकर अब्दुल कलाम नीचे गिर पडे. उसके बाद दोनों आरोपी कार में फंसे फाजिल खान को बाहर निकालकर घटनास्थल से भाग गये.
* हत्या के बाद मांगी लिफ्ट
सूत्रों के मुताबिक एएसआई अब्दुल कलाम की हत्या करने के बाद दोनों आरोपी जियान उद्दीन और आवेज खान ने कार में फंसे फाजिल खान को किसी तरह कार से बाहर निकाला. फाजिल खान का एक पैर फ्रैक्चर बताया जाता है. ऐसे में जियान और आवेज ने फाजिल को बाहर निकालकर सडक पर आने के बाद दुपहिया वाहन को रोककर लिफ्ट मांगी. उन्होेंने बताया कि, उनकी गाडी दुर्घटनाग्रस्त हो गई है. इस कारण दुपहिया वाहन चालक ने उन्हें अपनी गाडी पर बिठाया. लेकिन चार लोग दुपहिया पर न बैठ पाने के कारण आवेज खान नीचे उतर गया और जियान जख्मी फाजिल को लेकर अपना बेकरी तक पहुंचे. वहां दुपहिया से नीचे उतरकर फाजिल को घर छोडा. कुछ समय बाद आवेज खान भी अकेला ही दूसरे वाहन से लिफ्ट लेकर जियान के घर पहुंच गया. पश्चात जियान ने संपूर्ण घटनाक्रम परिवार के सदस्यों को बताया और उन्होंने पकडे बदले. जियान और आवेज को दुपहिया पर विद्यापीठ के सामने छोड दिया गया. वहां से जब दोनों भाग रहे थे, उसी समय पुलिस के दल ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया.
* क्या मास्टर माईंड कोई और?
एएसआई अब्दुल कलाम के हत्याकांड में मास्टर माईंड क्या और कोई है, ऐसे सवाल भी खडे हो रहे है. क्योंकि तीनों आरोपी पहले से ही वलगांव रोड पर कार में बैठकर अब्दुल कलाम के आने का इंतजार कर रहे थे. फिर जब अब्दुल कलाम अपने दुपहिया वाहन से घर से वलगांव थाना जाने के लिए रवाना हुए तब हमलावरों को उनके घर से रवाना होने की जानकारी किसने दी? अब्दुल कलाम पर पहले से नजर रखा हुआ कौन था? आरोपियों ने घर में जहां दोनों बेटियों के डॉक्टर होने और बडी बेटी की शादी की तैयारी की खुशी रहते शनिवार 28 जून का शाम का समय ही कैसे तय किया. आदि सहित अनेक सवाल इस हत्याकांड को लेकर निर्माण हो रहे है. इस कारण इस तरह के हत्याकांड को अंजाम देना क्या इन आरोपियों की ही साजिश थी. या फिर इसके पीछे कोई और मास्टर माईंड है? इस बाबत भी पुलिस जांच कर रही है. क्योंकि इस हत्याकांड में दर्यापुर का रहने वाला एक आरोपी है. हत्याकांड की साजिश कब से चल रही थी. यह भी पुलिस को अपनी जांच में देखना है.
* पैसों के लेन-देन को लेकर था विवाद
सूत्रों के मुताबिक बताया जा रहा है कि, मृतक एएसआई अब्दुल कलाम का कोई रिश्तेदार परिसर में चलने वाली एक बीसी में शामिल था. यह बीसी 6 से 7 लाख रुपए की थी. वहीं आरोपी जियान के पिता ऐसान उद्दीन भी इस बीसी में थे. अब्दुल कलाम के रिश्तेदार और ऐसान उद्दीन के पारिवारिक संबंध थे. चर्चा है कि, ऐसान उद्दीन की बीसी लग गई थी. लेकिन पैसों का काम अब्दुल कलाम के रिश्तेदार को रहने से उन्होंने ऐसान उद्दीन से वह पैसे लिये और कहा था कि, उनका बीसी का नंबर लगेगा, तब वह दे देंगे. बाद में पैसों के लेन-देन पर से विवाद हुआ. अब्दुल कलाम के रिश्तेदार का कहना था कि, उन्होंने कुछ पैसे ऐसान उद्दीन को दे दिये थे. कुछ पैसे देना बाकी था. वह रकम किश्तों में देना तय हुआ था. इस बार पर से उनमें विवाद और गालीगलौज हुई थी. पश्चात इस विवाद की शिकायत गाडगे नगर थाने में दर्ज हुई थी. उसके बाद फिर से इसी बात को लेकर ऐसान उद्दीन और अब्दुल कलाम के रिश्तेदारों के बीच मारपीट हुई थी और नागपुरी गेट थाने में धारा 326 दर्ज हुई थी. इस घटना के दो आरोपी अभी भी न्यायिक हिरासत में जेल मेें है. इस घटना के समय अब्दुल कलाम ने मध्यस्थी की थी. तब से ही आरोपी यह एएसआई अब्दुल कलाम की तरफ तिरछी नजर से देखने लगे थे. आरोपियों को लग रहा था कि, कलाम भाई के कारण ही कुछ नहीं हो पा रहा है. इसी संदेह में उन्होंने अब्दुल कलाम का काम तमाम करने की योजना बनाई और शनिवार 28 जून की शाम घात लगाकर पहले दुपहिया को उडाया, पश्चात चाकू से वार कर उनकी हत्या कर दी.
* पैर काटे जाने का अंदेशा
एएसआई अब्दुल कलाम की नवसारी टी-प्वॉईंट से 500 मीटर दूरी पर दुपहिया उडाने के बाद हत्या कर दी गई. मृतक अब्दुल कलाम का एक पैर पूरी तरह तोड दिया गया था. इस पैर के दो टूकडे थे. इस कारण पुलिस और डॉक्टरों से मिली जानकारी के मुताबिक अब्दुल कलाम के पैर काटे जाने का अंदेशा व्यक्त किया गया है. लेकिन इस बात की अब तक पुष्टि नहीं हो पाई है कि, क्या आरोपियों ने एएसआई कलाम का पैर काटा, या कार से उडाने पर हादसे में उनका पैर कटा, यह बात अब पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद स्पष्ट हो सकती है. वहीं चर्चा है कि, पैसों के विवाद में अब्दुल कलाम की मध्यस्थी करने से आरोपी यह इस मामले में अब्दुल कलाम द्वारा टांग अडाए जाने का संदेह व्यक्त कर रहे थे. इस कारण उन्होंने उसका पैर काटा हो सकता है.
* कार से मिली एफआईआर
सूत्रों के मुताबिक आरोपियों ने इस हत्याकांड में जिस कार का इस्तेमाल किया, उस कार से पुलिस को एक एफआईआर की प्रति बरामद हुई है. यह एफआईआर नागपुरी गेट पुलिस स्टेशन में दर्ज धारा 326 की है. इसका मतलब यह साबित होता है कि, उसी घटना को लेकर ऐसान उद्दीन का बेटा जियान उद्दीन रोष में था और उसी गुस्से को लेकर उसने अब्दुल कलाम की हत्या की साजिश रची.
* पुलिस ने जब्त किये चाइना चाकू
सूत्रों के मुताबिक एएसआई अब्दुल कलाम के हत्याकांड में जियान उद्दीन और आवेज खान ने जिस हथियार का इस्तेमाल किया था, वह चाइना चाकू और कपडे पुलिस ने जब्त कर लिये है. इस घटना को आवेज खान और जियान उद्दीन ने ही अंजाम दिया. फाजिल खान कार दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद उसमें ही फंस जाने के कारण बाहर नहीं निकल पाया था. ऐसे मेें जियान और आवेज ने ही मिलकर अब्दुल कलाम की हत्या को अंजाम दिया.

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