20 जिला परिषद के चुनाव 31 जनवरी तक होना असंभव!
राज्य चुनाव आयोग के उच्च पदस्थ सूत्रों की जानकारी

मुंबई /दि.6 – राज्य के स्थानीय स्वराज्य संस्था के चुनाव आगामी 31 जनवरी 2026 तक पूर्ण करने के आदेश पर अमल करने के लिए सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार 5 दिसंबर को फिर से स्पष्ट किया. लेकिन 50 प्रतिशत आरक्षण की मर्यादा पार करने वाली 20 जिला परिषद के चुनाव इस अवधि में नहीं हो सकेगे, ऐसा राज्य चुनाव आयोग के उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया है.
दूसरी तरफ राज्य की 264 नगर पालिका और नगर पंचायत के चुनाव मतगणना 21 दिसंबर को ही करने के उच्च न्यायालय के आदेश पर सर्वोच्च न्यायालय ने मुहर लगाई. 24 नगर पालिका चुनाव बाद में होनेवाले है. इस कारण सभी निगम की मतगणना एक साथ करने की मांग करनेवाली याचिका उच्च न्यायालय की नागपुर और संभाजी नगर खंडपीठ के सामने प्रस्तुत की गई थी. नागपुर खंडपीठ ने 3 दिसंबर को मतगणना करने से इंकार करते हुए सभी नगर पालिका में 21 दिसंबर को ही मतगणना करने का आदेश दिया था. इस आदेश के विरोध में सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई थी. इस पर सरन्यायाधीश सूर्य कांत और न्यायमूर्ति बागची की खंडपीठ के समक्ष सुनवाई हुई. मतगणना तत्काल करने की मांग करनेवाली याचिका सर्वोच्च न्यायालय ने खारिज कर नागपुर खंडपीठ का फैसला कायम रखा. राज्य के लटके स्थानीय स्वराज्य संस्था के चुनाव 31 जनवरी 2026 तक लेने के आदेश सर्वोच्च न्यायालय ने गत अक्तूबर माह में दिए थे. इस आदेश के मुताबिक चुनाव की प्रक्रिया संपन्न की जाए, ऐसे भी सर्वोच्च न्यायालय ने राज्य चुनाव आयोग को निर्देश दिए. नगर पालिका चुनाव संपन्न हो गए है. शेष मनपा और जिला परिषद चुनाव आगामी 31 जनवरी तक पूर्ण करने पडेगे. 20 जिला परिषद चुनाव बाबत कुछ लोगों ने न्यायालय में जाने की तैयारी की है.
* कानूनी दुविधा
पिछले सप्ताह में सर्वोच्च न्यायालय ने चुनाव लेने की अनुमति देते हुए 50 प्रतिशत आरक्षण की मर्यादा को पार न करने के स्पष्ट निर्देश दिए है. नागपुर और चंद्रपुर इन दो मनपा में यह मर्यादा पार की गई है. 20 जिला परिषद में भी 50 प्रतिशत से अधिक आरक्षण लागू है. दो मनपा के मुद्दे हल करने के प्रयास शुरु है. जिला परिषद का मामला कायम है. इस कारण नियम में बैठनेवाली 12 जिला परिषद के चुनाव लेने की तैयारी राज्य चुनाव आयोग ने शुरु की है.





