जगन्नाथ का भात, जगत पसारे हाथ

वापसी रथयात्रा भी रही जोरदार

* मौसी के घर से स्वस्थ होकर लौटे भगवान
* सैकडों भक्तों ने उत्साह से खींचा रथ
अमरावती/ दि. 7- भगवान श्री जगन्नाथ की वापसी रथयात्रा अमरावती की सवा सौ वर्ष की परंपरा के अनुरूप रविवार को आषाढी एकादशी पर रही. भारी बरसात के बीच भक्तों ने उत्साह से लकडी के रथ को खींचा. नगर भवन करते हुए भगवान जगन्नाथ अपने बडे भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा संग मौसी के घर स्वास्थ्य लाभ लेकर अपने धाम विराजित हुए. एकादशी के बावजूद केवल जगन्नाथ को ही चावल अर्थात भात का भोग लगता है. मीठे चांवल का प्रसादी लेेने भाविकोे में होड रही. उसी प्रकार नगरवासियों ने स्थान- स्थान पर रथयात्रा का स्वागत किया. भगवान जगन्नाथ की आरती उतारी. नारियल बधारे. लकडी के रथ को रस्सी से खींचा.
इस समय हेमंत आचार्य,लता आचार्य, डगलू आचार्य, कमल किशोर खंडेलवाल, घनश्याम वर्मा, अन्ना पुरोहित, प्रमोद पुरोहित, मयूर सरबेरे, पवन पितलिया, कपिल चौबे, प्रकाश पनिया, राकेश रेड्डी, पवन छांगाणी, ऋषिकेश गडवी, अजय दुबे, रवि छांगाणी, सरदार मोतीराम माहुलकर, अखिलेश व्यास, ललित छांगाणी, प्रमोद राठी, श्याम टोम्पे, नीलेश तिवारी और बडी संख्या में महिला भाविकों का उत्साहपूर्ण सहभाग रहा. अनेक प्रतिष्ठानों के संचालकों ने रथयात्रा का स्वागत किया. उसी प्रकार रस्सी से रथ खींचने की होड रही.
जवाहर गेट के भीतर रंगारी गली स्थित जगदीश मंदिर पहुंचने पर भाविकों का उत्साही भक्तों ने जोरदार स्वागत किया. उनकी आवभगत की. परिसर को रंग बिरंगे गुब्बाारों से सजाया गया था. भगवान जगन्नाथ का जयघोष सतत चलता रहा.

 

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