साढे 400 वर्षों से गांव की रक्षा कर रही जगदंबा देवी

चांदुर रेलवे/दि.26 – पुराना शहर के डांगरीपुरा परिसर स्थित जगदंबा माता के पुरातन मंदिर में प्रतिवर्ष नवरात्रौत्सव बडी धुमधाम के साथ मनाया जाता है. इस मंदिर और इसमें स्थित मूर्ति का करीब साढे 400 वर्षों का इतिहास ैहै. सन 1550 के आसपास चांदुर रेलवे शहर की निर्मिती हुई. उस समय गांव की रक्षा हेतु गांव के सभी लोग जगदंबा माता पर ही निर्भर रहा करते थे, ऐसी धार्मिक आख्यायिका है.
जानकारी के मुताबिक उत्तर प्रदेश के बैसवाडा गांव से आए भैसे परिवार के सदस्यों को यह गांव इनाम में प्रदान किया गया था. उस समय इस परिसर में निजाम व भोसले का राज हुआ करता था. इसी गांव के पांच एकड परिसर में बैस परिवार द्वारा गढी की निर्मिती की गई थी और उसी समय इस मंदिर की भी स्थापना हुई थी, ऐसी जानकारी गांव-गांव जाकर पूर्वजों के बारे में बतानेवाले भाट द्वारा दी जाती है. इसके बाद अगले 200 वर्षों तक बैस व भैसे परिवारों के घर में देवी की पूजा-अर्चना चलती रही. इसी दौरान कुछ समय तक माधवबाजी कोरडे व मन्नू भाटिया द्वारा इस मंदिर की देखभाल की गई. करीब 150 वर्ष पहले इस गांव में कॉलरा की बीमारी फैसली थी और बडी संख्या में लोगों की मौते हो रही थी. उस समय इस बीमारी से मुक्ति हासिल करने हेतु देवी के नाम पर मन्नत मांगते हुए और हाथ में खप्पर की ज्योत लेकर पूरे गांव की प्रदक्षिणा की जाती थी. उस वक्त स्थानीय नागरिकों को दैवी शक्तियों का जबरदस्त अनुभव हुआ. इसके चलते इस देवी को गांव की रक्षा करनेवाली स्वयंभू व जागृत जगदंबा देवी के तौर पर पूजा जाने लगा. तब से लेकर अब तक नित्यनियम के साथ इस मंदिर में जगदंबा देवी की पूजा-अर्चना की जाती है. नवरात्र के 9 दिनों के दौरान अपने परिवार की ओर से एक अखंड दिया प्रज्वलित रहे, इस हेतु शहर के 111 परिवारों के नाम पर इस मंदिर में 111 दिए प्रज्वलित किए जाते है.

* जुनीबस्ती में एकांत स्थान पर स्थित इस मंदिर में कई भक्तों द्वारा खुले हाथ से मदद किए जाने के चलते यहां पर सुविधाएं बढ रही है. जल्द ही मंदिर के जिर्णोद्धार का काम शुरु होगा. मन्नत पूरी करनेवाले स्वयंभू जगदंबा माता के भक्तों की भीड मंदिर में रोजाना ही बढ रही है.
– सचिन वर्मा
अध्यक्ष, जगदंबा मंदिर संस्थान.

* मंदिर को ‘ब’ श्रेणी का दर्जा देने की मांग
चांदुर रेलवे तहसील में विगत साढे 400 वर्ष पुराने एवं अनेकों भाविकों का श्रद्धास्थान रहनेवाले जगदंबा माता मंदिर को सरकार द्वारा ‘ब’ श्रेणी के तीर्थस्थल की मान्यता मिले, ऐसी मांग विगत लंबे समय से की जा रही है. पूरे सालभर इस मंदिर में विविध आध्यात्मिक व धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन चलता रहता है. जिसके चलते यहां पर बडी संख्या में भाविकों की भीडभाड उमडती है. परंतु मंदिर में अपेक्षित सुविधाएं अपर्याप्त है. ऐसे में भाविकों की सुविधा एवं मंदिर के विकास हेतु सरकार द्वारा इस मंदिर को ‘ब’ श्रेणी तीर्थस्थल का दर्जा दिया जाए, ऐसी मांग मंदिर संस्थान के विश्वस्तों की ओर की गई है.

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