जया मनोज खंडेलवाल की पुस्तक का विमोचन
महिलाओं का व्यक्त होना महत्वपूर्ण

* मान्यवरों के उद्गार
अमरावती/ दि. 7- महिलाओं पर समस्त गृहस्थी और समाज व्यवस्था टिकी हैं. भारत की संस्कृति में नारियों को सदैव महत स्थान दिया गया है. नारियों का अभिव्यक्त होना आवश्यक है. महत्वपूर्ण हैं. इससे समाज को सकारात्मक दिशा प्राप्त होने के उद्गार शहर के मान्यवरों ने व्यक्त किए. अवसर था जया मनोज खंडेलवाल की पुस्तक ‘सफर धरा से आसमां तक’ केइ विमोचन का. मंच पर पूर्व मंत्री जगदीश गुप्ता, दै. अमरावती मंडल के संपादक अनिल अग्रवाल, समारोह के अध्यक्ष विनोद खंडेलवाल, साहित्यकार संगीता जगताप, मनोज खंडेलवाल, लेखिका जया खंडेलवाल आदि विराजमान थे.
पूर्व मंत्री जगदीश गुप्ता ने जया खंडेलवाल के साथ ही संपूर्ण खंडेलवाल परिवार को पुस्तक विमोचन अवसर की बधाई दी. उन्होेंने कहा कि महिलाओं द्बारा लेखन कार्य अपनाना समाज के लिए शुभ संकेत हैं. महिलाएं नानाविध कार्य एक साथ, एक समय कर सकती हैं. यह बात हमें किचन में भी खास तौर से देखने मिलती हैं. 13 से अधिक पुस्तकों की लेखिका संगीता जगताप ने भी पुस्तक का विहंगावलोकन प्रस्तुत करते हुए जया खंडेलवाल की लेखनी की प्रशंसा की. अध्यक्ष विनोद खंडेलवाल ने परिवार की बहू द्बारा पुस्तक प्रकाशन को गौरवपूर्ण क्षण बताया. संपादक अनिल अग्र्रवाल ने कहा कि महिलाएं बहुमुखी प्रतिभा शाली होती हैं. वे घर परिवार की साज संभाल करने के साथ सामाजिक योगदान में भी अग्रणी और सक्रिय रहती हैं. अग्रवाल ने कहा कि महिलाओं का पुस्तक लेखन का कार्य इसलिए भी सराहनीय है कि पुस्तक के माध्यम से ही वे समाज को सकारात्मक बनाए रख सकती हैं. अग्रवाल ने नपे तुले संबोधन में उपस्थितों को अनेक अवसर पर गुदगुदाया.
समारोह में जया खंडेलवाल के पुत्र अनुज और पुत्री अश्विनी तथा प्रा. कमल खंडेलवाल और शीला खंडेलवाल ने भी मनोगत व्यक्त किए. जया खंडेलवाल ने अपने संबोधन में कहा कि नारी के जीवन में कई उतार चढाव आते हैं. नारी को प्रकृति कहा जाता हैं. क्योंकि प्रकृति और नारी सिर्फ देना और देना ही जानती हैं.उन्होंने कहा कि पुस्तक में उन्होंने नारियों के मनोभावाेंं को कही गद्य तो कही पद्य में पिरोने का प्रयास किया है. अनुज खंडेलवाल ने अपनी माताजी को मां, पत्नी, नानी, दादी और मित्र की भूूमिकाओं में परफेक्ट बताया. कार्यक्रम का सुंदर, कुशल संचालन प्रसिध्द सर्जन डॉ. रवींद्र कासट ने किया.आभार प्रदर्शन शीतल खंडेलवाल ने किया. सरस्वती पूजन और दीप प्रज्वलन से कार्यक्रम का प्रारंभ किया गया.
होटल महफिल इन के सभागार में हुए सुंदर कार्यक्रम में विधायक संजय खोडके, विधायक सुलभा खोडके, एड. आरबी अटल, प्रा. मुकेश लोहिया, प्रदीप सिकची, रामरतन खंडेलवाल, रामकिसन खंडेलवाल, दिनेश खंडेलवाल, नरेंद्र भूत, विजय भाईजी खंडेलवाल, जुगल कासट, मदन मोंगा, भरत भायानी, डॉ. गोविंद कासट, कमल कासट, अनुज खंडेलवाल, अश्विनी खंडेलवाल, पूजा खंडेलवाल, प्रमोद खंडेलवाल, नीलेश खंडेलवाल, नीतिश खंडेलवाल, किशोर मोहता, दिलीप अग्रवाल, कैलाश लढ्ढा, डॉ. अनिल धामोरीकर, संतोष हेडा, अशोक हेडा, अजय भाई श्राफ, किशोर गोयनका, शुभम खंडेवाल, शीला खंडेलवाल, सुनीता खंडेलवाल, सुनीता लुनावत, शीतल खंडेलवाल, कृष्णा खंडेलवाल, मंजू भूत, रेखा कासट, शोभा हेडा, शोभा मोहता, रोजी जामनगरवाला, सुनील गोयनका, गोपाल मूंधडा, मनोज पटेरिया, विनोद कलंत्री, दीपक मंत्री, गोपाल राठी, आनंद स्वरूप पुरवार, कमल कासट, अजय खंडेलवाल, अरूण खंडेलवाल, पप्पू लढ्ढा, भूपेन्द्र ओझा, अली जामनगरवाला, शीतल लुनावत, जय जेठानी, नितिन महाशब्दे, कांति जाजोदिया, मनीष खंडेलवाल, घनश्याम खंडेलवाल, राजेश खंडेलवाल, प्रा. कमल खंडेलवाल, सीए दामोदर खंडेलवाल, सीए आरआर खंडेलवाल, हुकमीचंद खंडेलवाल, प्राचार्य संजय खेरडे, प्रा. अजय ठाकरे, प्रा. स्वप्निल पोद्दार, प्रा. गावंडे, प्रा. मलसने आदि अनेक की उत्साहपूर्ण उपस्थिति रही

* लक्ष्मी और सरस्वती की कृपा प्राप्त
इस समय अनिल अग्रवाल ने जया खंडेलवाल का लेखिका के रूप में सभागार से स्टैडिंग अवेशन से सम्मान करवाया और कहा कि लेखन कार्य दुष्कर हैं. 15 वर्षों के निरंतर लेखन के बाद परिष्कृत काव्य संग्रह प्रकाशन की बधाई देते हुए अनिल अग्रवाल ने कहा कि बैकग्राउंड में खंडेलवाल परिवार का सामाजिक योगदान भी उल्लेखनीय हैं. उन्होंने कहा कि अनुज में बोलने की कला हैैं, भाभीजी में लिखने की कला हैं. यह भी सिध्द होता हैें कि खंडेलवाल परिवार पर लक्ष्मी और सरस्वती की कृपा प्राप्त हैं.





