भगवान जगन्नाथ, बलराम एवं सुभद्रा महारानी की रथयात्रा से भक्तिमय हुआ कौंडण्यपुर
इस्कॉन श्रीधाम का भव्य दिव्य आयोजन

* विधायक राजेश वानखडे की उपस्थिति
अमरावती/दि.30 -इस्कॉन श्रीधाम कौंडण्यपुर द्वारा रविवार, 29 जून को प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी भगवान श्री जगन्नाथ, बलराम एवं सुभद्रा महारानी की भव्य दिव्य रथयात्रा अत्यंत भक्तिमय वातावरण में आयोजित की गई. इस रथयात्रा में हजारों श्रद्धालु भक्तों ने भाग लिया और अपने जीवन में भगवान की कृपा प्राप्त करने का सौभाग्य पाया.
इस रथयात्रा में तिवसा विधानसभा क्षेत्र के विधायक राजेश वानखड़े ने प्रमुख अतिथि के रूप में सहभागिता की। रथयात्रा की मुख्य यजमान कांचन कमलेश ठवकर (नागपुर) थीं, जबकि महाप्रसाद की यजमान दिव्या संतोष देशपांडे रहीं. रविवार सुबह 10:00 बजे पारंपरिक ‘पहनडी विजय’ कार्यक्रम के साथ उत्सव का शुभारंभ हुआ. इसके पश्चात 11:00 बजे भगवान श्री जगन्नाथ, बलराम और सुभद्रा महारानी को 56 भोग अर्पित किए गए. इसके बाद भक्तिपूर्ण वातावरण में महाआरती संपन्न हुई. 11:30 बजे मान्यवरों का सम्मान-सत्कार किया गया. तत्पश्चात ठीक 12:00 बजे रथयात्रा श्रीधाम कौंडण्यपुर की मुख्य सड़कों से शंख, मृदंग व कीर्तन के गगनभेदी जयघोषों के साथ प्रारंभ हुई.
यह रथयात्रा पूरे कौंडण्यपुर की परिक्रमा करती हुई भक्तों के हरे कृष्ण महामंत्र कीर्तन और भक्ति-संगीत के साथ दोपहर 2:00 बजे इस्कॉन मंदिर में सम्पन्न हुई. रथयात्रा के समापन के उपरांत सभी उपस्थित भक्तों के लिए महाप्रसाद का भव्य आयोजन किया गया, जिसका यजमानत्व दिव्या संतोष देशपांडे ने सेवा भाव से निभाया.
ब्रह्मांड पुराण में उल्लेख है कि जो भी भक्त भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा का दर्शन करता है, रथ खींचता है या रथ के समक्ष खड़ा होता है, उसके समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं और उसे मृत्यु के पश्चात वैकुंठधाम की प्राप्ति होती है. इसी श्रद्धा और भक्ति भाव से हजारों भक्तों ने इस रथयात्रा में भाग लेकर दिव्य अनुभूति प्राप्त की.
भगवान जगन्नाथ के दर्शन से भक्तों को परमानंद की अनुभूति हुई. इस पवित्र आयोजन की प्रेरणा इस्कॉन संस्थापक श्रील भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद के शिष्य, कीर्तन सम्राट, त्रिदंडी संन्यासी परम पूज्य लोकनाथ स्वामी महाराज से प्राप्त हुई. उन्हीं की कृपा व मार्गदर्शन से यह उत्सव अत्यंत अनुशासित, भक्तिपूर्ण और दिव्य वातावरण में संपन्न हुआ.
इस मंगल अवसर पर अमरावती जिले सहित नागपुर, अकोला, यवतमाल आदि स्थानों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु भक्तों की उपस्थिति रही. संपूर्ण आयोजन में अध्यक्ष अक्रूर प्रभुजी एवं उनकी सेवा टीम का विशेष योगदान सराहनीय रहा.





