मवेशियों को युरिया से रखें दूर
युरिया के सेवन से जानवरों को होती है तीव्र विषबाधा, अमोनिया का स्तर बढ जाता है

अमरावती /दि.20– कई बार पालतु मवेशियों द्वारा युरिया को खा लिया जाता है और युरिया खा लेने की वजह से जानवरों में तीव्र स्वरुप की विषबाधा होती है, तथा उनके शरीर में अमोनिया का स्तर बढ जाता है. जिसकी वजह से कई बार जानवरों की मौत भी हो जाती है. ऐसे में इस बात की ओर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए कि, पालतु मवेशी युरिया के संपर्क में न आए और युरिया का सेवन न कर सके.
उल्लेखनीय है कि, खेती-किसानी के काम में अधिकांश किसानों द्वारा खाद के तौर पर युरिया का प्रयोग किया जाता है. जिसके चलते कई बार जाने-अनजाने जानवरों के चारे में भी युरिया पड जाती है. जिसका सेवन करने से जानवरों के स्वास्थ के लिए गंभीर खतरा पैदा हो सकता है. जिसके चलते ऐसी स्थिति में जानवरों के स्वास्थ को लेकर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए.
* युरिया की विषबाधा पर विनेगर उपाय
जानवरों में युरिया की वजह से होनेवाली विषबाधा पर विनेगर यानि एसीटिक एसीड का प्रयोग किया जाता है. युरिया से होनेवाली विषबाधा के चलते जानवरों में अमोनिया का स्तर बढ जाता है. वहीं विनेगर में रहनेवाले एसीटिक एसीड द्वारा अमोनिया को निष्क्रिय करते हुए रुमेन नामक पेट के हिस्से में पीएच के स्तर को कम किया जाता है, जिससे विषबाधा का प्रभाव कम होता है. यही वजह है कि, युरिया से विषबाधा होने पर जानवरों को 2 से 4 लीटर तक 5 फीसद एसीटिक एसीड रहनेवाला घोल पिलाया जाता है. जिससे विषबाधा का प्रभाव कम होता है.
* पशु खाद्य व चारा प्रक्रिया में ज्यादा युरिया का न हो प्रयोग
जानवरों हेतु तैयार किए जानेवाले खाद्य को पूरी तरह से युरियामुक्त रखा जाना चाहिए. साथ ही चारे वाली फसलों को भी ज्यादा प्रमाण में खाद का डोज नहीं दिया जाना चाहिए. क्योंकि इसका जानवरों के स्वास्थ पर विपरित परिणाम होता है और उन्हें युरिया की वजह से विषबाधा भी हो सकती है. अत: युरिया का प्रयोग संतुलित प्रमाण में योग्य प्रक्रिया के साथ करना आवश्यक है.
* युरिया की बोरी चाटने या युरिया मिला पानी पीने से मौत पक्की
युरिया की विषबाधा लगभग सभी तरह के जानवरों में होती है. ऐसे में जानवरों को युरिया से दूर ही रखा जाना चाहिए. जिन स्थानों पर बेहद शास्त्रोक्त पद्धति से तय मात्रा में युरिया का योग्य प्रयोग किया जाता है, वहां पर जानवरों को विषबाधा होने का खतरा कम रहता है. वहीं यदि युरिया का प्रमाण अधिक हो गया तो विषबाधा होना तय है. इसके साथ ही यदि किसी जानवर द्वारा युरिया की बोरी को चाट लिया जाता है अथवा युरिया मिले हुए पानी का सेवन कर लिया जाता है, तो उस जानवर की मौत होना भी लगभग तय है.





