ध्यान रखें, लोगों की जान लेकर विकास नहीं हो सकता

हाईकोर्ट का कहना, सर्वप्रथम करें लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित

* अमरावती रोड का उडानपुल ठीक करें
नागपुर / दि. 20- बंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने बुधवार को स्पष्ट कहा कि लोगों की जान खतरे में डालकर विकास काम नहीं किए जा सकते. किसी भी प्रोजेक्ट को साकार करने से पहले नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना बंधनकारक है. न्या. अनिल पानसरे और न्या. राज वाकोडे की खंडपीठ ने अमरावती रोड के फ्लायओवर के कारण विद्यापीठ कैम्पस के पास गलत निर्माण की वजह से रोज यातायात बाधित होने पर नाराजी व्यक्त की.
इस संबंध में सामाजिक संस्था ‘जन मंच’ ने सीमेंट कांक्रीट की सडकों के खिलाफ हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है. इस पर उक्त खंडपीठ ने सुनवाई शुरू की. कोर्ट ने बेसा- पिपला रोड के काम की दशा ध्यान में रखकर लोनिवि को आडे हाथ लिया. सुरक्षा उपाय योजना न किए जाने से गत 5 नवंबर को इस मार्ग पर रंगराव पाटिल की दुर्घटना में जान चली गइ गई थी.
कोर्ट ने कहा कि उक्त मार्ग का काम पूरा होेने तक अब एक भी दुर्घटना नहीं होनी चाहिए. यातायात में भी बाधा नहीं आनी चाहिए. इसके लिए सभी जरूरी बातों की पूर्ति एवं उपाय योजना करने के निर्देश उन्होंने लोनिवि को दिए. कोर्ट ने काम तेजी से पूरा करने के लिए ठेकेदारों के बिल समय पर मंजूर करने कहा. प्रोजेक्ट के लिए फंड की कमी न होने दे, इस प्रकार के निर्देश न्यायालय ने राज्य सरकार को दिए. कोर्ट ने बहुत स्पष्ट कहा कि बगैर बिल समय पर दिए काम समय पर किए जाने की अपेक्षा नहीं की जा सकती. कोर्ट रंगराव पाटिल के परिजनों को क्षतिपूर्ति देने पर भी विचार कर रहा है. न्यायालय ने दुर्घटना के कारणों की जानकारी प्रस्तुत करने का निर्देश भी दिया.
खंडपीठ ने अमरावती रोड पर उडानपुल की वजह से विद्यापीठ कैम्पस चौक में आए दिन यातायात जाम होने की ओर ध्यान देते हुए चार दिनों में आवश्यक संशोधन- मरम्मत करने के निर्देश लोनिवि के राष्ट्रीय महामार्ग यूनिट को दिए.् अगली सुनवाई 9 दिसंबर को रखी गई है.

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