लोक गौरव तपोवन संस्था के सर्वांगीण विकास के लिए खोडके दंपत्ति पूर्णतः प्रतिबद्ध
विधायक सुलभा खोडके का कथन

* कहा-संस्था का निश्चित रूप से होगा विकास
* तपोवन में दाजीसाहेब पटवर्धन की 135वीं जयंती उत्साहपूर्वक मनाई
अमरावती/दि.29 -तपोवन केवल अमरावती शहर का लोक गौरव ही नहीं, बल्कि जनसेवा कार्य का एक अखंड दीपस्तंभ है, इस आशय का कथन विधायक सुलभा खोडके ने किया. विदर्भ महारोगी सेवा मंडल, तपोवन में संस्थापक पद्मश्री डॉ. शिवाजीराव उपाख्य दाजीसाहेब पटवर्धन की 135वीं जयंती अवसर पर रविवार, 28 दिसंबर को शाम 4.30 बजे शिव उद्यान में आयोजित कार्यक्रम में वे बोल रही थी. विधायक सुलभा खोडके ने आगे कहा कि, नए-नए उपक्रमों, उद्योगों को प्रोत्साहन तथा शासन-प्रशासन स्तर पर संस्था के विकास के लिए ठोस प्रयास किए जा रहे हैं. दाजीसाहेब के विचारों से प्रेरित मैं स्वयं तथा विधायक संजय खोडके ने पिछले कुछ महीनों में तपोवन संस्था एवं कुष्ठ रोगियों के सशक्तिकरण हेतु अनेक प्रस्ताव स्वीकृत कराए हैं. आगामी कुछ महीनों में तपोवन संस्था के विकास कार्यों को और गति मिलेगी. अमरावती के लोक गौरव तपोवन संस्था के सर्वांगीण विकास के लिए खोडके दंपत्ति पूर्णतः प्रतिबद्ध हैं और संस्था का निश्चित रूप से विकास होगा, ऐसा विश्वास विधायक सुलभाताई खोडके ने इस समय व्यक्त किया.
कार्यक्रम की अध्यक्षता तपोवन संस्था के अध्यक्ष प्राचार्य डॉ. सुभाष गवई ने की. मंच पर प्रमुख रूप से मातोश्री कमलताई गवई, सुदर्शन गांग, डॉ. गोविंद कासट, प्राचार्य दीपक धोटे, तपोवन नियामक समिति सदस्य विवेक अरुण मराठे, अमरावती विश्वविद्यालय के डॉ. श्रीकांत पाटील, प्रा. संजय रेड्डी, प्रदीप जैन, प्रतीक राठी, सचिव सहदेव गोळे, अश्विन आलशी, भीमराव ठवरे, ऋषिकेश देशपांडे, विद्याताई देसाई, योगेश करडे, डॉ. जामोदे सहित अनेक गणमान्य उपस्थित थे. कार्यक्रम की शुरुआत दाजीसाहेब की पूर्णाकृति प्रतिमा पर माल्यार्पण से हुई.
इसके पश्चात उपस्थित वक्ताओं ने दाजीसाहेब के व्यक्तित्व, कार्य एवं विचारों पर प्रकाश डालते हुए प्रेरणादायी मार्गदर्शन किया. शहर के प्रसिद्ध व्यक्तित्व सुदर्शन गांग ने कहा कि, दाजीसाहेब के भीतर जीवदया का भाव था. समाज द्वारा ठुकराए गए लोगों की वेदना दाजीसाहेब ने समझी और तपोवन संस्था की स्थापना की. आज अध्यक्ष डॉ. सुभाष गवई एवं नियामक समिति दाजीसाहेब के विचारों के अनुरूप इस कार्य को आगे बढ़ा रही है. समाज को उनके कार्यों को सहयोग देने का आह्वान उन्होंने किया.
प्राचार्य दीपक धोटे ने कहा कि, पद्मश्री दाजीसाहेब और तपोवन के महत्व को आज की युवा पीढ़ी तक पहुंचाने की आवश्यकता है. इसी उद्देश्य से अध्यक्ष डॉ. सुभाष गवई द्वारा स्कूलों और महाविद्यालयों में व्याख्यानमाला आयोजित कर युवाओं को तपोवन के कार्य से जोड़ा जा रहा है. इसी कड़ी में ब्रजलाल विद्यालय के विद्यार्थियों ने प्रतिवर्ष आयोजित होने वाले स्नेह सम्मेलन का संपूर्ण खर्च तपोवन संस्था को प्रदान किया. यह अत्यंत प्रेरणादायी है. यदि युवा वर्ग तपोवन से जुड़ता है, तो संस्था के विकास को निश्चित रूप से गति मिलेगी, ऐसा विश्वास उन्होंने व्यक्त किया.
कार्यक्रम की प्रस्तावना उपसचिव ऋषिकेश देशपांडे ने की. संचालन प्रा. माधुरी सहारे ने किया तथा आभार प्रदर्शन सचिव सहदेव गोले ने किया. जयंती समारोह में पूर्व विद्यार्थी, नियामक समिति सदस्य, संस्था के कर्मचारी, पदाधिकारी, विद्यार्थी एवं बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित थे.
संविधान के सिद्धांतों पर अग्रसर तपोवन
स्वतंत्रता संग्राम के दौरान महात्मा गांधी ने उपेक्षित और बहिष्कृत कुष्ठरोगियों के सशक्तिकरण की पीड़ा व्यक्त की थी. उसी पीड़ा को स्वीकार करते हुए दाजीसाहेब ने अमरावती शहर के बाहर विदर्भ महारोगी सेवा मंडल, तपोवन की स्थापना की। भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था संविधान पर आधारित है, जिसमें समाज के सभी वर्गों को समान माना गया है. किंतु इसी व्यवस्था में कुष्ठरोगी उपेक्षित न रहें, इसके लिए दाजीसाहेब ने संवैधानिक मूल्यों को तपोवन संस्था के माध्यम से आत्मसात किया, जो आज भी पूरी निष्ठा से जारी है. संविधान का उद्देश्य सुराज्य की स्थापना है और दाजीसाहेब ने इन मूल्यों को तपोवन संस्था में साकार किया।.
-प्राचार्य डॉ. सुभाष गवई, अध्यक्ष,
तपोवन संस्था.





