नीतिगत कार्यप्रणाली का अभाव बना बाधक

एमआईडीसी के किरण पातुरकर ने रखी व्यथा

* पीएम मित्रा टेक्सटाइल पार्क पर वस्त्रोद्योग संचालक सतीशकुमार सिंह के साथ उद्योजकों की बैठक
अमरावती/ दि. 20– प्रधानमंत्री मित्रा टेक्सटाइल पार्क के लिए अमरावती का चयन किया गया. इससे सभी हर्षित थे. लेकिन उसके बाद जिस प्रकार की कार्यप्रणाली को अपनाकर इस उपक्रम को सक्रियता के साथ क्रियान्वित करना आवश्यक था. वह देखने को नहीं मिल रहा है. टैक्सटाइल पार्क में निवेशकों को आकर्षित करना, उद्योजकों को मूलभूत सुविधा प्रदान कर नीतिगत समस्याओं पर ध्यान दिया जाए, तो यह उपक्रम देश का एक सबसे सफलतम उपक्रम साबित होकर अमरावती ही नहीं पूरे विदर्भ के विकास की गति को दोगुना कर देगा, ऐसी व्यथा एमआईडीसी ऐसोसिएशन के अध्यक्ष किरण पातुरकर ने उपस्थित उद्योजकों की ओर से व्यक्त की.
स्थानीय एमआईडीसी मार्ग पर स्थित अमरावती एमआईडीसी ऐसोसिएशन के कार्यालय में राज्य के वस्त्रोद्योग संचालक सतीशकुमार सिंह की अध्यक्षता में एवं सहायक संचालक विकास गुप्ता की प्रमुख उपस्थिति में उद्योजकों के साथ बैठक हुई.
बैठक में किरण पातुरकर ने विविध विषयों पर प्रकाश डाला. जिसमें उन्होंने कहा कि पीएम मित्रा टेक्सटाइल पार्क के लिए स्वतंत्र नोडल अधिकारी की नियुक्ति करना आवश्यक है. उद्योग के लिए सरकार 200 करोड रूपए खर्च कर इंफ्रास्ट्रक्चर खडा कर रही है. लेकिन अगर इन उद्योगों में निवेशक ही रूचि नहीं दिखायेंगे तो उद्योग आगे कैसे बढेगा? अगर उद्योगों मेें निवेशकों की रूचि बढानी है तो पहले पीएम मित्रा टेक्सटाइल पार्क का प्रचार करना होगा.
* महावितरण की लापरवाही
पार्क की प्रगति में महावितरण सबसे बडा रोडा बन रही है. यहां अभी तक 220 केवी का उपकेन्द्र स्थापित होना अपेक्षित था, लेकिन वह नहीं हो पाया है. उसे भी तत्काल मंजूरी प्रदान की जाए. इन सभी कारणों के चलते वेलस्पन जैसी विश्वस्तरीय कंपनी उद्योग शुरू करने में सहयोगी साबित होने की बजाय लौट गई है. किसी भी उद्योग की कार्यकुशलता उनके कौशलयुक्त मनुष्यबल से होती है. इसलिए यहां सर्वप्रथम टेक्सटाइल पार्क के लिए आवश्यक मनुष्यबल निर्मिति हेतु प्रशिक्षण केन्द्र की स्थापना करना आवश्यक है. इन बातों पर उन्होंने अधिक बल दिया.
बैठक में उपस्थित अन्य उद्योजकों ने भी पीएम मित्रा पार्क में अपने यूनिट शुरू करने इच्छा जाहीर की. लेकिन सर्वेक्षण में देरी, जल निकासी व्यवस्थापन का अभाव, चरणबध्द पध्दति से भूखंड वितरण की प्रक्रिया में देरी के साथ मंजूरी प्रक्रिया सुलभ करने पर भी उन्होंने बल दिया. इस समय उपस्थित राज्य के वस्त्रोद्योग संचालक सतीशकुमार सिंह ने उद्योजकों की सभी बातों को शासन स्तर तक पहुंचाते हुए इन सभी बातों पर सकारात्मक रूप से विचार कर आवश्यक बदलाव करने का आश्वासन दिया. एमआईडीसी के प्रादेशिक अधिकारी राम लंके, टेक्सटाइल विभाग मुंबई के योगेश पवार, राजू नायर, नागपुर कार्यालय के नरेंद्र कावले, अंशुल गंगवार, गारमेंट उद्योग प्रतिनिधि सत्यवान हरवानी, एसोसिएशन के पदाधिकारी आशी सावजी, परेशभाई राजा, पुरूषोत्तम बजाज, प्रकाश राठी, मुकेश अग्रवाल, अशोक अग्रवाल, अजय पवार, बंटी जगमलानी, कमलेश डागा के साथ अन्य उद्योजक उपस्थित थे.

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