हाउसिंग सोसायटियों के नाम होंगी जमीन

जारी किया गया जीआर 10 प्रतिशत प्रीमियम भरना होगा

मुंबई/दि. 23 – सरकारी भू-भाग पर बसी हाउसिंग सोसायटियों की जमीन अब सोसायटी के नाम हो सकेगी. राजस्व विभाग ने शासनादेश (जीआर) जारी कर 31 दिसंबर तक सरकारी जमीन पर बसी सोसायटियों की जमीन उसके नाम करने का अवसर प्रदान किया है. जमीन अपने नाम करने के लिए सोसायटियों को 10 प्रतिशत के हिसाब से प्रीमियम की रकम चुकानी होगी. सरकार के इस फैसले का लाभ मुंबई की 3 हजार हाउसिंग सोसायटियों को मिलेगा, जिनका निर्माण सरकारी जमीन पर हुआ है. सोसायटी केे नाम जमीन नहीं होने के कारण किसी भी प्रकार का निर्माण कार्य या रीडिवेलपमेंट के लिए सोसायटी को संबंधित विभाग से एनओसी प्राप्त करनी होती थी. इसके लिए सोसायटी सदस्यों को विभाग के कई चक्कर लगाने पडते थे. वहीं अब जमीन उनके नाम होने से लोगों की भागदौड कम होगी और सोसायटी खुद को निर्णय ले पाएगी.
* सेल्फ रीडिवेलवमेंट पर मिलेगी छूट
सेल्प रीडिवेलवमेंट के लिए सोसायटी की जमीन अपने नाम करने वाली हाउसिंग सोसायटियों को 10 प्रतिशत के बजाय 5 प्रतिशत प्रीमियम जमा करना होगा. प्रीमियम जमा करना होगा. प्रीमियम में 5 प्रतिशत की छूट प्राप्त करने के लिए सेल्फ रीडिवेलवमेंट करनेवाली सोसायटी को प्राप्त होने वाली अतिरिक्त एफएसआई में से 25 प्रतिशत का कारपेट एरिया प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए देना होगी. रीडिवेलवमेंट के बाद एफएआई के 25 फीसदी का घर सरकार को नहीं सौंपने पर प्रीमियम की भरी गई रकम जब्त कर ली जाएगी. सोसायटी के नाम हुई जमीन दोबारा सरकार के नाम हो जाएगी.
* अवधि को पांच साल के लिए बढाने की मांग
महाराष्ट्र सोसायटी वेलफेयर असोसिएशन के चेयरमैन रमेश प्रभु ने राजस्व विभाग के फैसले का स्वागत किया है. प्रभु के मुताबिक राजस्व विभाग की इस योजना का नाम मुंबई की 3 हजार हाउसिंग सोसायटियों को मिलेगा. सोसायटियों के सदस्यों को किसी प्रकार के काम के लिए अब सरकारी दफ्तर के चक्कर काटने से निजात मिल जाएगी. प्रभु ने सरकार से योजना की अवधि को पांच साल के लिए बढाने की मांग की है. प्रभु के मुताबिक सोसायटी के सभी सदस्यों के बीच सहमति बना कर प्रक्रिया को पूरा करने के लिए दिसंबर 2025 की अवधि बहुत कम है.

* 3 महिने में पूरी करनी होगी प्रक्रिया
आवेदन प्राप्त होने के तीन महीने के भीतर डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर को जमीन ट्रांसफर की प्रक्रिया को पूरा करना होगा. वहीं सोसायटी को पैसे भरने का लेटरा मिलने के तीन महीने के भीतर पैसा जमा करना अनिवार्य होगा. तय समय के भीतर पैसे जमा नहीं होने की स्थिति में जमीन सरकार के नाम ही रहेगी. अवधि तय कर सरकार जमीन ट्रांसफर की प्रक्रिया को जल्द पूरा करना चाहती है. ट्रांसकर की प्रक्रिया जल्द होने से सोसायटी के नाम जमीन होने के साथ ही सरकार की आय में भी बढोतरी होगी.

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