नेता एकपट, कार्यकर्ता चारपट, कडक कुर्ते पर रोज नया जैकेट

चुनावी माहौल में नेताओं सहित कार्यकर्ताओं को भी चाहिए कडक इस्तरी वाले ड्रेस

अमरावती /दि.21 – इस समय जिले में जहां एक ओर नगर परिषदों व नगर पालिकाओं के चुनाव की धामधूम चल रही है, वहीं दूसरी ओर महानगर पालिका व जिला परिषद के भी आगामी चुनाव हेतु आरक्षण घोषित हो चुके है. जिसके चलते जिलेभर में जबरदस्त राजनीतिक गहमा-गहमी वाला माहौल है. ऐसे में विविध राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ-साथ पदाधिकारी व कार्यकर्ता भी अब खादी, कॉटन व लिनन जैसे मटेरियल के कडक कुर्ता-पायजामा और रोजाना नए-नए जैकेट पहने हुए दिखाई देने लगे है. कुर्ते पर सात दिनों के लिए सात अलग-अलग जैकेट यह मंत्र अब लगभग सभी राजनीतिक दलों के लिए ‘सफलता का सूत्र’ बन गया है. इसमें भी नेता ‘एकपट’ तो कार्यकर्ता ‘चारपट’ कहने की नौबत आ गई है.
बता दें कि, मौजूदा ‘इमेज कॉन्शस’ वाले दौर में राजनीतिक संदेश के साथ-साथ नेताओं का पहनावा भी काफी अधिक मायने रखता है. जिसमें कार्यकर्ता भी पीछे नहीं है और उन्हें भी जनता के बीच जाते समय अब साफसुथरे व कडक इस्तरी वाले कपडे चाहिए होते है. शरीर पर रहनेवाली पोशाख के चलते किसी भी व्यक्ति का व्यक्तिमत्व खुलकर सामने आता है. यदि कपडे साफसुथरे व अच्छे हो, तो उस व्यक्ति की ओर अन्य लोग भी आकर्षित होते है. जिसके चलते स्थानीय स्वायत्त निकायों के चुनाव की धामधूम के बीच कई प्रत्याशियों द्वारा अपने प्रचार के साथ-साथ अपने पहनावे की ओर भी विशेष ध्यान दे रहे है. शुभ्र-सफेद और स्टार्च किए गए कपडों का परिधान कर उम्मीदवारों तथा उनके कार्यकर्ताओं द्वारा मतदाताओं के साथ मेल-मुलाकात की जा रही है. जिसके चलते इन दिनों लॉन्ड्रीवालों के भी ‘अच्छे दिन’ आ गए है. क्योंकि उनके पास रोजाना ही प्रत्याशियों, नेताओं व कार्यकर्ताओं के कपडे बडी संख्या में इस्तरी व स्टार्च के लिए पहुंच रहे है.

* रेडीमेड में काफी वेरायटी, ब्रांड की भी मांग
राजनीतिक पहनावे को लेकर रेडीमेड कपडों सहित कुछ विशेष ब्रांड की मांग काफी अधिक बढ गई है. नेताओं एवं प्रत्याशियों द्वारा ‘क्वालिटी’ और ‘फिटींग’ को लेकर किसी भी तरह का कोई समझौता नहीं किया जा रहा. जिसके चलते अलग-अलग ब्रांड वाले रेडीमेड कपडों में जबरदस्त वेरायटियां भी उपलब्ध है.

* टेरिकॉट से अब सीधे खादी पर
शर्ट, जीन्स व टेरिकॉट के बाद अब खादी कॉटन का नया ट्रेंड चलन में आ गया है. अब राजनीतिक अनुशासन केवल भाषण से ही नहीं, बल्कि पहनावे से भी दिखाई देना जरुरी है. यही इस नए ट्रेंड का मुख्य सूत्र है.

* इन कपडों का चलन अधिक
– खादी का सफेद कुर्ता-पायजामा – भारतीय राजनीति में यह सबसे क्लासिक और सदाबहार पहनावा है.
– जैकेट – विगत कुछ वर्षों के दौरान जैकेट ने राजनीतिक फैशन में अपना वर्चस्व एवं अलग स्थान बना लिया है.
– कॉटन साडी – राजनीतिक क्षेत्र के साथ जुडी महिलाओं में कॉटन साडी आज भी सबसे प्रभावशाली व लोकप्रिय पहनावा है.
– हैंडलूम साडी – महिला नेताओं द्वारा अब भी हैंडलूम पर बनी सुती साडियों को अच्छा-खासा पसंद किया जाता है.
– सिल्क साडी – जहां एक ओर महिला नेताओं द्वारा आज भी सुती साडियों को पसंद किया जाता है, वहीं महत्वपूर्ण सार्वजनिक व सरकारी कार्यक्रमों में महिला नेताओं का रुझान सिल्क साडियों की ओर अधिक रहता है.

* राजनीतिक ब्रांडींग का हिस्सा बन गया जैकेट
मौसम सर्द हो अथवा नहीं, लेकिन अब नेताओं द्वारा डिजाईनर जैकेट को पहनना एक तरह से राजनीतिक ब्रांडींग का हिस्सा बन गया है. साथ ही साथ अब कुर्ते पर सात दिनों के लिए सात जैकेट की नई कल्पना पर भी अमल किया जा रहा है.

* फिटिंग के लिए कपडे सिलाने वालों की संख्या अधिक
परफेक्ट एवं कडक फिटिंग के लिए आज भी बडे नेताओं एवं कार्यकर्ताओं का एक बडा वर्ग रेडिमेड कपडे लेने की बजाए कपडे सिलवाकर लेने को ही प्राथमिकता देता है. क्योंकि नेताओं में बॉडी लैंग्वेज व पहला इम्प्रेशन काफी महत्वपूर्ण होता है.

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