तपोवन परिसर में तेंदुए ने फिर किया पालतु कुत्ते का शिकार
डॉक्टर कॉलोनी परिसर में तडके 3 बजे के आसपास की घटना

* दीवार फांदकर आंगन में घुसते हुए उपरी मंजिल तक पहुंचा तेंदुआ
* उपरी मंजिल पर सो रहे पालतु कुत्ते को दबोचा और भाग गया
* अब तक पालतु कुत्ते का शव नहीं हो पाया है बरामद
अमरावती/दि.16 – स्थानीय तपोवन परिसर में डॉक्टर कॉलोनी स्थित एक घर के आंगन में वॉल कम्पाउंड फांदकर घुसे तेंदुए ने पहली मंजिल पर सो रहे घर के पालतु कुत्ते को अपना शिकार बनाया तथा कुत्ते को अपने मुंह में दबोचकर वह तेंदुआ जिस रास्ते से घर के भीतर आया था, उसी रास्ते से होकर जंगल की ओर भाग गया. इस घटना के चलते पूरे परिसर में अच्छा-खासा हडकंप मचने के साथ ही तेंदुए को लेकर अच्छी-खासी दहशत भी देखी जा रही है. वहीं समाचार लिखे जाने तक तेंदुए द्वारा शिकार किए गए कुत्ते अथवा उसके शव का कहीं कोई अतापता नहीं चल पाया था.
इस संदर्भ में मिली जानकारी के मुताबिक डॉक्टर कॉलोनी परिसर में नांदगांव पुलिस स्टेशन के खुफिया विभाग में कार्यरत हेड कांस्टेबल संजय देऊलकर विगत 15 वर्षों से अपनी पत्नी तथा बेटे व बेटी के साथ रहते है. इसके साथ ही चार सदस्यीय देऊलकर परिवार ने अपने घर में शिवा नामक एक कुत्ता भी पाल रखा था, जिसकी आयु लगभग 5 साल के आसपास थी. इस समय देऊलकर परिवार के घर में उपरी मंजिल पर निर्माण कार्य चल रहा है. जिसके चलते रात के समय घर के आंगन में खुला रहनेवाले पालतु कुत्ता अमुमन उपरी मंजिल पर रखे हुए रेती-गिट्टी के ढेर पर ही जाकर सोया करता था. बीती रात करीब 3 से 3.30 बजे के आसपास घर के आंगन एवं उपरी मंजिल से आती कुछ आवाजों के चलते देऊलकर परिवार के सदस्यों की नींद खुली और उन्हें उपरी मंजिल से पाइप गिरने जैसी आवाज आई, तो उन्हें लगा कि, उनके घर में शायद कोई चोर घुस आया है. जिसके चलते देऊलकर परिवार के सदस्य हिम्मत जुटाकर दरवाजा खोलते हुए घर से बाहर निकलकर आंगन में आए और उन्होंने अपने पालतु कुत्ते शिवा को आवाज भी लगाई. परंतु शिवा की ओर से जब कोई प्रतिसाद नहीं मिला, तो उन्होंने आंगन में लगी लाइट जलाने के साथ ही शिवा की खोजबीन करनी शुरु की, तब उन्हें दो-तीन जगहों पर खून के धब्बे दिखाई देने के साथ ही एक-दो स्थान पर शिवा द्वारा त्यागा गया मल भी पडा दिखाई दिया. जिसके चलते देऊलकर परिवार के सदस्यों को किसी अनहोनी की आशंका हुई, तो उन्होंने अपने घर के आंगन का थोडा और बारिकी से मुआयना किया, तब उन्हें आंगन में तेंदुए के फूट प्रिंट दिखाई देने के साथ ही वॉल कम्पाउंड की दीवार और आंगन में लगे मुख्य प्रवेशद्वार पर मिट्टी से सने तेंदुए के पंजों के निशान भी दिखाई दिए. साथ ही वॉल कम्पाउंड पर भी खून के कुछ छीटे लगे दिखे. जिससे देऊलकर परिवार ने अंदाजा लगाया कि, संभवत: तपोवन के आसपास जंगल परिसर में घुम रहे तेंदुए ने उनके घर में घुसकर उनके पालतु कुत्ते का शिकार कर लिया है और वह कुत्ते को दबोचकर अपने साथ घने जंगल में लेकर गया है. यह अंदाजा होते ही देऊलकर परिवार ने पुलिस एवं वन विभाग को इस बारे में तुरंत सूचित किया. परंतु समाचार लिखे जाने तक वन विभाग का दल मौके पर नहीं पहुंचा था.
ध्यान दिला दे कि, तपोवन परिसर में यह अपनी तरह की दूसरी घटना है. कुछ समय पहले इसी परिसर में रहनेवाले तपोवन संस्था के एक पदाधिकारी के घर की वॉल कम्पाउंड को फांदते हुए तेंदुए ने आंगन में बंधे पालतु कुत्ते का इसी तरह से शिकार किया था. जिसके बाद उस पालतु कुत्ते का शव घर के पीछे स्थित झाडियों से बरामद हुआ था. जिसके बाद वन विभाग ने कुछ समय के लिए उस तेंदुए को पकडने हेतु अभियान भी चलाया था, परंतु तेंदुए के पकड में आने से पहले ही वह अभियान ठंडे बस्ते में चला गया और अब उसी परिसर में एक बार फिर तेंदुए ने दीवार फांदकर एक घर के आंगन में घुसते हुए उपरी मंजिल पर जाकर वहां सो रहे पालतु कुत्ते को अपना शिकार बनाया है. जिसके चलते इस परिसर में तेंदुए की वजह से कभी भी कोई बडी अनहोनी घटित होने की आशंका भी बनी हुई है. जिसकी वजह से पूरे परिसर में तेंदुए को लेकर जबरदस्त दहशत देखी जा रही है.





