तपोवन में तेंदुए ने किया पालतू कुत्ते का शिकार

परिसर में बेखौफ घूम रहा तेंदुआ, परिसरवासी जी रहे डर के साए में

अमरावती/दि.18 – स्थानीय तपोवन परिसर में रहनेवाले तपोवन संस्था के उपसचिव ऋषिकेश देशपांडे के आवास पर बंधे उनके पालतू कुत्ते का बीती रात इस परिसर में घूम रहे तेंदुए ने हमला करते हुए शिकार कर लिया. इस बात का खुलासा आज सुबह उस समय हुआ जब घर के आंगन में जीस चेन से कुत्ता बंधा हुआ था वह चेन खाली दिखाई दी और कुत्ता नदारद था. जिसके बाद खोजबीन करने पर कुत्ते का क्षतविक्षत शव देशपांडे के आवास के पीछे झाडझंखाड में पडा बरामद हुआ. साथ ही उसके आसपास तेंदुए के फूट प्रिंट व कुत्ते को घसीटे जाने के निशान भी दिखाई दिए. जिसके बाद पूरे परिसर में तेंदुए को लेकर अच्छी-खासी दहशत मच गई.
इस संदर्भ में मिली जानकारी के मुताबिक विदर्भ महारोगी सेवा मंडल में उपसचिव के तौर पर काम करनेवाले ऋषिकेश देशपांडे अपने परिजनों के साथ संस्था परिसर में ही बने संस्था के क्वॉर्टर में रहते है. जहां पर उन्होंने एक कुत्ता भी पाल रखा था. जो रात के समय आंगन में चेन से बंधा रहता था. आज सुबह जब देशपांडे परिवार के सदस्य नींद से जागे तो कुत्ता अपनी जगह से नदारद था और लोहे की चेन व गले का पट्टा खाली पडे हुए थे. ऐसे में देशपांडे परिवार के सदस्यों ने अपने कुत्ते की खोजबीन करनी शुरु की तो उनके ध्यान में आया कि, आंगन में बनी वॉल कंपाउंड पर कुछ अजीब तरह के फूट प्रिंट बने हुए. साथ ही वहां पर कुत्ते को घसीटे जाने के निशान भी दिखाई दे रहे है. एक-दो जगहों पर जमीन पर खून के निशान भी दिखाई दिए. इन सभी निशानों का पीछा करते हुए जब देशपांडे परिवार के सदस्य अपने घर के पिछले हिस्से की ओर पहुंचे, तो वहां पर झाडियों के बीच उनका कुत्ता मृत पडा हुआ था और कुत्ते का शव बुरी तरह से कटा-फटा था, जिसे देखकर ही यह अंदेशा हो गया कि, किसी जंगली जानवर ने उस कुत्ते का शिकार करते हुए उसके आधे शव को खा लिया है और बचा हुआ हिस्सा वहीं पर छोडकर भाग गया है. यह भयावह नजारा देखते ही देशपांडे परिवार के सदस्यों सहित मौके पर मौजूद सभी लोगों में दहशत की लहर व्याप्त हो गई और तुरंत इसकी जानकारी वडाली वनपरिक्षेत्र के वन अधिकारियों को दी गई. जिसके बाद वन अधिकारियों के दल ने मौके पर पहुंचकर मुआयना करते हुए परिसर में दिखाई दे रहे तेंदुए के फूट प्रिंटों को देखा. साथ ही इस परिसर में तेंदुए के दुबारा आने के अंदेशे को ध्यान में रखते हुए, इस परिसर में दो ट्रैप कैमरे भी लगाए.
विशेष उल्लेखनीय है कि, बीती रात कुत्ते का शिकार करने के बाद तेंदुए ने उसके शव को आधा खाने के बाद वहीं पर छोड दिया था. ऐसे में पूरा अंदेशा है कि, दुबारा भूख लगने पर अपने बचे हुए शिकार को खाने के लिए वह तेंदुआ एक बार फिर उसी स्थान पर पहुचेगा. जिसके चलते तपोवन परिसरवासियों में तेंदुए को लेकर अच्छी-खासी दहशत देखी जा रही है. साथ ही परिसरवासियों ने वन विभाग से इस परिसर में घूम रहे तेंदुए का जल्द से जल्द बंदोबस्त करने की मांग भी उठाई है. इस बारे में जानकारी देते हुए तपोवन संस्था के उपसचिव ऋषिकेश देशपांडे ने बताया कि, तपोवन संस्था में कई कुष्ठरोगी व बुजूर्ग लोग रहते है. इसके अलावा यहां की आश्रमशाला में आदिवासी छात्र-छात्राए भी पढते है. साथ ही तपोवन संस्था में काम करनेवाले पदाधिकारियों व कर्मचारियों के भी परिवार इसी परिसर में रहते है और इस परिसर में अक्सर ही रात के समय तेंदुआ बेखौफ घुमता है. जिसकी वजह से परिसरवासी डर व दहशत के साए में जीने के लिए मजबूर है. साथ ही साथ इस परिसर में तेंदुए की वजह से किसी दिन कोई बडी अनिष्टकारी घटना भी घटित हो सकती है. अत: वन विभाग द्वारा परिसर में घूम रहे तेंदुए को जल्द से जल्द पकडने हेतु आवश्यक कदम उठाए जाने चाहिए.
* वर्ष 2022 से लगातार की जा रही शिकायते
– वन विभाग चार साल से तेंदुआ पकडने में नाकाम
यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, तपोवन परिसर में घूम रहे तेंदुए को पकडने हेतु विदर्भ महारोगी सेवा मंडल द्वारा वन विभाग को वर्ष 2022 से लगातार निवेदन सौंपे जा रहे है और तब से लेकर अब तक इस परिसर में अनेको बार तेंदुआ दिखाई दे चुका है. लेकिन उस तेंदुए को पकडने में वन विभाग विगत चार वर्षों से लगातार नाकाम साबित हुआ है. बता दें कि, तपोवन परिसर के आसपास कई लोगों की खेतीबाडी है. जिससे वन क्षेत्र भी सटा हुआ है. जिसके चलते जंगल परिसर में रहनेवाले तेंदुओं का विद्यापीठ एवं तपोवन परिसर में अक्सर ही बेखौफ आना-जाना लगा रहता है और इन तेंदुओं की वजह से परिसर में रहनेवाले नागरिकों को अपने ही घरों में डरकर रहना पडता है. यही वजह है कि, तेंदुए के डर की वजह से तपोवन परिसर में शाम होते ही सन्नाटा पसर जाता है और इस परिसर में रहनेवाले लोगबाग रात के समय बेहद जरुरी काम रहने पर भी अपने घरों से बाहर निकलने से कतराते है.

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