तेंदुए के आतंक से किसानों की जान को खतरा, सिंचाई ठप
तहसील कांग्रेस आक्रामक

* सरकारी यंत्रणा को ज्ञापन सौंपा, किसान हताश
तिवसा/दि.2 –पिछले तीन हफ्तों से शेंदुरजना बाजार, वाठोडा, भांबोरा और बनसापुर के खेतों में तेंदुए की हलचल बढ गई है. किसान रोजाना तेंदुए देखकर डरे हुए हैं. चूंकि रबी के मौसम में खेतों में रात में बिजली आती है, इसलिए किसानों को सिंचाई के लिए रात में ही खेतों में जाना पडता है. ऐसे में अगर कोई जनहानि होती है तो कौन जिम्मेदार होगा? तहसील कांग्रेस कमेटी ने यह सवाल उठाते हुए कहा कि कृषि के लिए दिन में बिजली उपलब्ध कराई जाए, तेंदुए पर नियंत्रण किया जाए और अब तक तेंदुए से हुए नुकसान के लिए संबंधित किसानों को मुआवजा दिया जाए, इन मांगों को लेकर तहसीलदार, उप कार्यकारी अभियंता और वन परिक्षेत्र अधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया.
तेंदुए के डर से किसान और खेतिहर मजदूर खेतों में जाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं. इससे फसलों को नुकसान हो रहा है. इससे पहले शेंदुरजना बाजार में एक तेंदुए ने एक भैंस पर जानलेवा हमला किया था और एक बकरी को मार डाला था. बयान में मांग की गई है कि वन विभाग किसी भी अप्रिय घटना से पहले तेंदुए को काबू में करे. इस अवसर पर वैभव वानखडे, सुरेश मेटकर, लुकेश केने, योगेश वानखडे, अमर वानखडे, प्रशांत कांबले, सुनील बाखडे, गौरव चौधरी, विशाल सावरकर, अमोल पन्नासे आदि सहित अनेक कार्यकर्ता व किसान उपस्थित थे.
तहसील में 1,100 से ज्यादा कृषि पंपों को बिजली देने वाला एक जनरेटर है. हर जगह बारी-बारी से बिजली की आपूर्ति की जाती है, चार दिन सुबह और तीन दिन रात में. पूरे दिन नियमित रूप से बिजली देना संभव नहीं है.
-नितिन उइके, उप कार्यकारी अभियंता, तिवसा.
वन विभाग ने शेंदुरजना बाजार के ग्रामीणों के साथ बैठक कर तेंदुए पर नियंत्रण और सतर्कता पर चर्चा की. वन विभाग तेंदुए को पकड़ने के लिए ट्रैप कैमरों से गश्त कर रहा है.
-जी. डी. जांभे, वन रक्षक, तिवसा





