अमरावती फसल मंडी के खिलाफ फैलाया जा रहा झूठ
संचालक मंडल के खिलाफ तैयार किया जा रहा फेक नैरेटिव

* मंडी सभापति हरिश मोरे ने पत्रवार्ता में दिया स्पष्टीकरण
* भ्रष्टाचार संबंधी आरोपों व खबरों को बताया निराधार
अमरावती/दि.16 – अमरावती कृषि उत्पन्न बाजार समिति में भ्रष्टाचार होने को लेकर बेसिर-पैर के आरोप लगाते हुए फसल मंडी से कोई वास्ता नहीं रहनेवाले लोगों ने अखबारों में झूठी व फर्जी खबरे प्रसारित की है. जिनका असलियत से दूर-दूर तक कोई वास्ता नहीं है, यह सीधे-सीधे अमरावती फसल मंडी के बारे में झूठी खबरे फैलाकर संचालक मंडल के खिलाफ फेक नैरेटिव तैयार करने का प्रयास है, इस आशय का प्रतिपादन अमरावती कृषि उत्पन्न बाजार समिति के सभापति हरिश मोरे द्वारा आज यहां बुलाई गई पत्रवार्ता में किया गया.
अमरावती फसल मंडी को लेकर अमरावती से मुंबई तक मचे हंगामे के बीच आज अपने कार्यालय में पत्रवार्ता बुलाते हुए मंडी सभापति हरिश मोरे ने कहा कि, बाजार समिति के कामकाज से कोई भी संबंध नहीं रहनेवाले और खुद को तथाकथित किसान दर्शानेवाले लोगों द्वारा झूठी शिकायतें दर्ज कराते हुए फसल मंडी के खिलाफ जांच बिठाई गई. लेकिन जांच में भी कहीं कोई गडबडी या भ्रष्टाचार नहीं पाया गया. सभापति मोरे के मुताबिक किसानों के हित में काम करनेवाले फसल मंडी संचालकों को अपदस्थ करने का षडयंत्र फसल मंडी के चुनाव के तुरंत बाद से ही शुरु हो गया था और सरकारी अधिकारी भी राजनीतिक दबाव का सामना करते हुए मंडी समिति के खिलाफ कार्रवाई करने हेतु मजबूर हो रहे थे. जिसके चलते संचालक मंडल ने मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ में याचिका दायर की थी और अदालत ने सरकार को अमरावती फसल मंडी के संदर्भ में कोई भी एकतरफा निर्णय नहीं लेने के बारे में सूचित किया था. लेकिन उसके बावजूद भी फसल मंडी को बदनाम करने व संचालक मंडल के खिलाफ फेक नैरेटिव तैयार करने के लिए बेसिर-पैर वाली झूठी खबरे विरोधियों द्वारा प्रसारित की जा रही है.
इसके साथ ही मंडी सभापति हरिश मोरे ने यह भी बताया कि, अमरावती फसल मंडी में कृषि उपज का संरक्षण करने हेतु शेड व कांक्रीटीकरण की व्यवस्था नहीं रहने के चलते किसानों का बडे पैमाने पर नुकसान हो रहा था. इस बात को ध्यान में रखते हुए धान्य बाजार के प्रांगण में 50 हजार स्क्वेअर फीट का पीईबी शेड तैयार किया गया. साथ ही शारदा माता शेड में 80 हजार स्क्वेअर फीट का कांक्रीटीकरण पूरा किया गया. इसके साथ ही किसानों, अडतों व खरीददारों के लिए पीने के पानी की सुविधा होने हेतु 50 हजार लीटर की टंकी का निर्माण किया गया. इसके अलावा किसानों व व्यापारियों के लिए कृषि उपज की निशुल्क व सटीक नापतौल होने हेतु 100 मेट्रीक टन का इलेक्ट्रॉनिक वजन काटा भी लगवाया गया. इस समय सभापति मोरे ने यह भी कहा कि, मौजूदा संचालक मंडल अस्तित्व में आने से पहले अमरावती कृषि मंडी में प्रकाश व्यवस्था के लिए कोई समूचित प्रबंध नहीं थे. जिसके चलते शाम होते ही कृषि उपज की खरीदी-बिक्री का काम ठप हो जाया करता था. ऐसे में अडतों व खरीददारों के निवेदन पर फसल मंडी में विगत वर्ष ही पर्याप्त विद्युत व्यवस्था की गई और विद्युत आपूर्ति खंडित होने पर भी कामकाज सुचारु रहने के लिए 125 केवी की क्षमतावाला जनरेटर लगाया गया. इसके अलावा बडनेरा के मवेशी बाजार में जानवरों को वाहनों से चढाने-उतारने के लिए रैम्प का निर्माण किया गया.
इन सब बातों के साथ ही सभापति हरिश मोरे ने यह दावा भी किया कि, मौजूदा संचालक मंडल के कार्यकाल में फसल मंडी की आय 17 करोड रुपए से बढकर 21 करोड रुपयों पर जा पहुंची है. साथ ही साथ विगत दो वर्षों के दौरान किसानों की सुविधाओं को प्राथमिकता देते हुए 5 करोड रुपए के विकास काम किए गए और करीब 7 करोड रुपयों का सावधि जमा निवेश भी किया गया. यह सभी बाते अमरावती फसल मंडी व बाजार समिति की प्रगति को दर्शाती है. लेकिन मंडी की सत्ता पर नजर रखनेवाले लोग बाजार समिति के खिलाफ झूठी खबरे फैला रहे है, ताकि वे अपने राजनीतिक हितों को साध सके.
* विजयकर अब भी मंडी सचिव के पद पर
इस पत्रवार्ता में मंडी सचिव पद को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में सभापति हरिश मोरे ने कहा कि, दीपक विजयकर अब भी फसल मंडी के सचिव पद पर है और उन्हें पद से हटाने के बारे में फिलहाल मंडी प्रशासन को सरकार की ओर से कोई आदेश नहीं मिला है. इस समय संचालक मंडल द्वारा ही सचिव के खिलाफ पणन मंडल को पत्र लिखकर शिकायत दर्ज कराने और एसीबी ट्रैप में पकडे जाने के बावजूद सचिव को दुबारा उसी पद पर नियुक्त किए जाने को लेकर पूछे गए सवालों का जवाब देना सभापति मोरे ने टाल दिया.
* कई सवालों के जवाब टाल गए सभापति मोरे
इस पत्रवार्ता में मंडी सभापति हरिश मोरे ने अपनी बाते तो बडे पुख्ता तरीके से मीडिया के सामने रखी, लेकिन मीडिया कर्मियों ने जैसे ही अलग-अलग मुद्दों को लेकर सवाल उठाने शुरु किए तो सभापति मोरे उन सवालों का जवाब देने से बचने का प्रयास करते दिखे. इस समय मात्रा चोरी के संदर्भ में पकडे गए ट्रक को लेकर संचालिक मिलिंद तायडे द्वारा दी गई शिकायत को लेकर पूछे गए सवाल पर मोरे ने बताया कि, उक्त शिकायत गलतफहमी के चलते दर्ज कराई गई थी. जिसे बाद में वापिस ले लिया गया. लेकिन इसके अलावा मंडी सचिव को लेकर पूछे गए लगभग सभी सवालों पर मंडी सभापति हरिश मोरे टालमटोल करते रहे. साथ ही साथ सुरक्षा रक्षकों के वेतन व भविष्य निर्वाह निधि, अस्थाई कर्मचारियों की नियमबाह्य नियुक्ति, सभापति के पदग्रहण समारोह पर नियमबाह्य खर्च, किसानों से हो रही नियमबाह्य अडत वसूली, दुकानों के नियमबाह्य वितरण व हस्तांतरण जैसे सवालों का मंडी सभापति हरिश मोरे ने कोई जवाब नहीं दिया.





