स्वच्छता कर हटा कर टैक्स के बोझ को हल्का करें

इकबाल साहिल की मनपा से मांग

अमरावती/ दि. 13 – शायर इकबाल साहिल का कहना हैं कि अमरावती शहर में जहां गरीब बस्तियों का समावेश बड़े पैमाने पर है वहीं ये बस्तियां विकास के नाम से वंचित हैं स्लम इलाके और शहर के कई इलाकों में नए रोड नई नाली, बगीचे इलाके का डेवलपमेंट संवादीकरण तो बहुत दूर की बात है सफाई तक के लाले पड़े हुए है और प्रशासन आंख मूंद कर बैठा हैं…गरीब घरों को टैक्स के नाम पर इतनी रकम थोपना गरीबी में गिले आटे की मिसाल है.
शायर इकबाल साहिल का कहना है कि टैक्स में जो स्वच्छ कर नागरिकों से वसूला जा रहा वो एक तरह का अन्याय है. पूरे शहर पर नज़र डाली जाए तो अक्सर इलाके ऐसे मिलेंगे जहां नालियों का गंदा पानी रोड पर आ रहा है. सड़के टूटी फूटी है. कई रास्ते बीस साल से नहीं बने आज भी कई लोगों को घर तक पहुंचने के लिए रास्तों पर मुरम डालना पड़ता है. रास्ते पर स्ट्रीट लाइट न होने की वजह से बारिश के दिनों में रात के समय बच्चों बूढ़ों को तकलीफ होती है. ऐसा लगता है हम पूरे अ विकसित इलाके में रहते है और ऐसे तरक्की वाले दौर से ये इलाके 50 साल पीछे नजर आते है..एक तरफ हम डिजिटल सिटी बनाने की बात करते है. नागरिकों को अच्छी सुविधा देने की बात करते है एक तरफ स्वच्छता के विकास के लाले पड़े हैं.ये आंख मिचौली का खेल कब तक. आखिर में इकबाल साहिल ने प्रशासन से विनंती की है कि टैक्स में से जो स्वच्छ कर है उसे हटा कर टैक्स के बोझ को कम करे..या बुनियादी सुविधाओं का लाभ इन बस्तियों को मिले जो शासन प्रशासन की जिम्मेदारी होती हैं..

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