बत्ती गुल, कोर्ट का कामकाज रुका

सफोकेशन से जजेस, वकील और वादी परेशान

* एक महीने में चौथी बार घंटों नहीं रही बिजली
* लोनिवि ने हाथ खडे किए?
अमरावती /दि.16- जिला न्यायालय परिसर की आज पूर्वान्ह 11.30 बजे फिर कई घंटों के लिए बत्ती गुल होने से आधे से अधिक न्यायालयों का न केवल कामकाज ठप हुआ, बल्कि न्यायाधीश, अधिवक्ता गण और पक्षकार बुरी तरह परेशान हुए. बदली के मौसम में सफोकेशन की शिकायत भी अनेक लोगों ने अमरावती मंडल से बातचीत में की. उन्होंने यह भी दावा किया कि, लोकनिर्माण विभाग ने इस बारे में अपने हाथ खडे कर दिए. जबकि महीनेभर में इस प्रकार बत्ती गुल होने से अमरावती न्यायालय का कामकाज प्रभावित होने का चौथा अवसर रहा. अत: कई अधिवक्ताओं, पक्षकारों ने अपनी बात अमरावती मंडल के पास मुखर की.
* कहां जाए अधिवक्ता
अमरावती मंडल से चर्चा करते हुए एक प्रमुख अधिवक्ता ने कहा कि, हम पक्षकारों को न्याय दिलाते हैं. हमारे साथ बत्ती गुल होने के कारण कामकाज अवरुद्ध होने के विषय में कौन इंसाफ करेगा, पता नहीं. उसी प्रकार पक्षकारों ने भी कहा कि, पहले तो कोर्ट का कामकाज तारीख पर तारीख से चलता है. बडी मुश्किल से अपने किसी मामले में न्याय हेतु पधारे पक्षकारों को इस प्रकार लाइन जाने की परेशानी भी झेलनी पड रही है.
* लिफ्ट और कम्प्युटर बंद
नई 7 मंजिला न्यायालय इमारत में बत्ती गुल होने और दोपहर 3-4 बजे तक नहीं आने से कामकाज के दिन में बडा हर्जा होता है. लिफ्ट बंद हो जाने से जजेस भी अपने कोर्ट में नहीं जा सकते. वहीं अधिकांश कामकाज अब कम्प्युटर पर होने से वे भी बंद पड जाते है. जिससे न्याय मंदिर का न्याय देने का काम ही अटक जाने की जानकारी एक वरिष्ठ वकील ने अमरावती मंडल को दी और बताया कि, रजिस्ट्रार से संपर्क किया तो उन्होंने बिजली कंपनी के कोर्ट के पीछे के क्षेत्र में बडा फाल्ट होने एवं वहां सुधार के लिए 4 घंटे लगने की बात कही. लोनिवि ने भी भवन निर्माण कर विधि व न्याय विभाग को सौंप दिया. कहते हैं कि, रखरखाव का कोई खर्च का प्रावधान नहीं होने से भी लोनिवि ने हाथ झटक रखे हैं.
* 48 कोर्ट, रोज हजारों केसेस!
अमरावती की नई न्याय मंदिर और बगल की तीन मंजिला एडहॉक कोर्ट मिलाकर 48 न्यायालय कार्यरत हैं. जिसमें सिविल और फौजदारी सहित सभी प्रकरण मिलाकर रोज हजारों मामलों की सुनवाई रहती है. ऐसे में मोटे तौर पर 1500 लोग इन इमारतों में आते हैं. फुटफॉल की बात करें तो हजारों लोगों के यहां रहने और इस प्रकार बत्ती गुल हो जाने की दशा में सफोकेशन का वातावरण बनता है. इससे भी परेशानी बढने की शिकायत एक पक्षकार ने अमरावती मंडल से चर्चा करते हुए की.
* महीने में चौथा अवसर
वकील समुदाय ने संपर्क करने पर बताया कि, पिछले गुरुवार-शुक्रवार को भी न्याय मंदिर की बत्ती घंटों गुल रही थी. उस समय भी महत्वपूर्ण सुनवाई में रुकावट आई थी. उससे पूर्व एक दिन आधे घंटे से कामकाज बिजली नहीं रहने के कारण प्रभावित हुआ. कम्प्युटर बंद पड जाने से सुनवाईयां काफी प्रभावित होने का दावा कर वकीलो ने सीरियस होते हुए कहा कि, हम लोगों को न्याय दिलाने का प्रयत्न करते हैं. हमें न्याय कैसे मिलेगा?

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