सोयाबीन की सीमित आवक
मंडी में कल आया 16 हजार बोरे माल

* रेट केवल 4200 रूपए प्रति क्विंटल
* सीजन में आता था 35- 40 हजार बोरे रोज
अमरावती/ दि. 15-इस वर्ष अतिवृष्टि के कारण सोयाबीन से लेकर तुअर, कपास और सभी नकद फसलों की भारी क्षति के अंदेशे के बीच अमरावती फसल मंडी में गत 3 दिनों से रोज 15- 16 हजार बोरे सोयाबीन की आवक होने की जानकारी मंडी सूत्रों ने अमरावती मंडल को दी. उन्होंने बताया कि कुछ प्रमाण में पुरानी तुअर, चना, तिल भी बेचने के लिए लाया जा रहा है. जहां व्यापारी अपने- अपने हिसाब से माल की क्वालिटी देखकर रेट तय कर रहे हैं. वहीं सेस के रूप में मंडी को काफी आवक हो रही है. नई तुअर के दिवाली बाद आने की संभावना संचालकों और व्यापारियों ने व्यक्त की. यह भी बताया कि दिवाली का अवकाश 18 या 19 तारीख से 3-4 दिनों का रहेगा. यह भी बताया गया कि दिवाली को देखते हुए किसान माल ला रहे हैं. उन्हें 24 घंटे के भीतर भुगतान नकद कर दिया जा रहा है.
पहले आते थे 40-50 हजार बोरे
सोयाबीन का सीजन दिवाली से पहले शुरू हो जाता था. रोज 40 से 50 हजार बोरे माल की आवक होेती थी. इस बार बारिश ने कबाडा कर दिया. किसानों के साथ- साथ व्याापारियों का भी नुकसान हुआ है. मंडी के संचालकों से चर्चा करने पर उन्होंने कबूल किया कि मुश्किल से कुछ हजार बोरे माल आ रहा है.
तुरंत कांटा पट्टी व भुगतान
मंडी संचालक प्रमोद इंगोले ने बताया कि किसानों को 24 घंटे के अंदर भुगतान किया जा रहा है. रेट की बात करें तो 3500 से लेकर 4285 रूपए तक रेट प्रति क्विंटल दिया जा रहा है. मंडी को भी 1.75% सेस प्राप्त होता है. माल देखकर कांटा पट्टी होते ही अडते किसानों का भुगतान का इंतजाम कर देते हैं. इंगोले ने बताया कि बहुत कम प्रमाण में पुरानी तुअर, चना और तिल की आमद मंडी में हो रही है. काले तिल को 4 से 6 हजार, सफेद तिल को 8-9 हजार रूपए प्रति क्विंटल रेट मिलता आया है. चने की बात करें तो 54- 5500 रूपए प्रति क्विंटल चना खरीदा गया है. मंगलवार को चने के लगभग 500 क्विंटल माल की आवक रही. तुअर के रेट 6500 से लेकर 6900 तक बोले गये माल की आवक सीमित रही. ऐसे ही मूंग और उडद की अमरावती क्षेत्र में बुआई नहीं समान हो गई है. इसलिए इसकी आवक कम से कम अमरावती एपीएमसी में फिलहाल नहीं हो रही है.
मंडी के व्यापारियों ने बताया कि सोयाबीन की फसल खराब होने से न केवल किसान बल्कि अडते और व्यापारियों का भी नुकसान हुआ है. खराब से खराब सोयाबीन भी मार्केट में 32-3300 रूपए रेट पर खरीदा जा रहा है. किसानों को तुरंत भुगतान की व्यवस्था अडते कर देते हैं. हालांकि उन्हें व्यापारियों को 8-10 दिनों की धारा के अनुसार मुदत देनी पडती है.
* अमरावती का मार्केट मंडी पर निर्भर
उल्लेखनीय है कि, विशेष औद्योगिक यूनिट न रहने से पश्चिम विदर्भ का मुख्यालय जिला अमरावती का मार्केट भी मूलत: फसल मंडी की आवक पर डिपेंड बताया जाता है. ऐसे में दिवाली के केवल चार दिन शेष रहते मंडी में सोयाबीन की सीमित आवक के कारण स्थानीय कपडा, उपकरण, इलेक्ट्रॉनिक्स, सोना-चांदी मार्केट में भी ग्राहकी प्रभावित होने की बात जानकार कर रहे हैं. करोडों के व्यापार इस बार शासकीय मदद किसानों के खाते में पहुंचने तक मर्यादित रहने की जानकारी भी एक मार्केट विशेषज्ञ ने ‘अमरावती मंडल’ से चर्चा दौरान दी.





