जन्म- मृत्यु प्रमाणपत्र हेतु लॉगिन आयडी किसी की, ओटीपी किसी और को !
जांच अधिकारी ने दर्ज किए उपनिबंधक के बयान

अमरावती/ दि.4- महापालिका के मेडिकल अधिकारी डॉ. विशाल काले की शिकायत पर सिटी कोतवाली पुलिस ने जन्म- मृत्यु प्रमाणपत्र प्राप्त करने बोगस दस्तावेज देकर शासन से धोखाधडी करने के प्रकरण में जांच शुरू कर दी है. सहायक निरीक्षक दशरथ आडे ने जांच को तेजी से आगे बढाते हुए सोमवार को महापालिका में जन्म- मृत्यु विभाग की उपनिबंधक डॉ. प्रतिभा आत्राम और वहां कार्यरत दो कर्मचारियों के बयान दर्ज किए. आत्राम से जांच अधिकारियों ने प्रमाणपत्र दिए जाने की संपूर्ण प्रक्रिया की जानकारी ली. इस बीच जिनके विरूध्द अपराध दर्ज किए गये हैं. उनमें से लगभग 50 लोगों ने सोमवार को ही कागजात के साथ सिटी कोतवाली आकर अपना पक्ष रखा.
जन्म- मृत्यु प्रमाणपत्रों के लिए बोगस अथवा झूठे कागजात जोडकर प्रमाणपत्र प्राप्त करनेवाले 504 लोगों के विरूध्द एफआईआर दर्ज की गई है. पुलिस ने डॉ. विशाल काले की शिकायत पर गत 29 अक्तूबर की रात अपराध दर्ज किया.
पॉवर डेलीगेशन आदेश मांगे
जन्म- मृत्यु प्रमाणपत्र हेतु लॉगिन आयडी किसके नाम है, ओटीवी किसे आता है? जन्म- मृत्यु उपनिबंधक के रूप में जो अधिकार हस्ताक्षर के लिए मिले है, वह पॉवर डेलीगेशन किए गये हैं या कैसा होता है. यह पूछताछ भी किए जाने की जानकारी मिल रही है. आदेश प्रस्तुत करने कहा गया है.
उप निबंधक का बयान दर्ज
जांच अधिकारी दशरथ आडे ने महापालिका की उपनिबंधक डॉ. प्रतिभा आत्राम को पूछताछ के लिए बुलाया था. जिन 504 नागरिकों के विरूध्द अपराध दर्ज किया गया है. उसमें से 155 आरोपी दिए गये पते पर नहीं मिले. 349 आरोपियों के दिए गये पते पर घर नहीं मिले. इस तरह की जानकारी महापालिका ने दी है. इस संदर्भ में पूछताछ के लिए डॉ. आत्राम को बुलाया गया था.
क्या कहते हैंं जांच अधिकारी
सिटी कोतवाली के जांच अधिकारी दशरथ आडे ने बताया कि सोमवार को उपनिबंधक सहित 3 लोगों के जवाब दर्ज किए गये हैं. जन्म- मृत्यु प्रमाणपत्र जारी करने की संपूर्ण प्रक्रिया कैसी होती है, यह जानने के लिए मनपा प्रशासन को पत्र दिए जाने की जानकारी आडे ने दी.





