फसल मंडी के सामने लगी वाहनों की लंबी-लंबी कतारे

मंडी को दो दिन बंद रखने हेतु अचानक लिए गए फैसले का असर

* निर्णय की जानकारी नहीं रहने के चलते अपनी उपज लेकर पहुंचे किसान
* 150 से 200 ट्रक व ट्रैक्टर आकर खडे हुए फसल मंडी के सामने
* किसानों व मंडी प्रशासन के बीच बनी तनाव वाली स्थिति
* काफी देर की तनातनी के बाद खुले फसल मंडी के दरवाजे
* कुछ वाहनों को भीतर लेकर खरीदा गया माल, निलामी का काम रहा ठप
अमरावती /दि.29- मौसम विभाग द्वारा चक्रवाती हवाओं के चलते मूसलाधार बारिश होने को लेकर जताई गई संभावना को ध्यान में रखते हुए अमरावती कृषि उत्पन्न बाजार समिति ने बुधवार व गुरुवार ऐसे दो दिनों के लिए फसल मंडी के कामकाज को बंद रखने का निर्णय गत रोज ही लिया था. जिसकी जानकारी संभवत: समय रहते किसानों तक नहीं पहुंची. यही वजह रही कि, आज सुबह अमरावती व भातकुली तहसील क्षेत्रों के कई किसान अपनी कृषि उपज को ट्रैक्टर ट्रॉलियों व ट्रकों में लादकर बेचने हेतु अमरावती फसल मंडी परिसर में पहुंच गए, परंतु इस समय फसल मंडी के प्रवेशद्वार बंद रहने के चलते देखते ही देखते फसल मंडी की ओर जानेवाले रास्ते पर 150 से 200 वाहनों की कतार लग गई. साथ ही फसल मंडी का कामकाज अकस्मात बंद किए जाने का निर्णय लेने को लेकर कई किसानों ने अपनी नाराजी जताते हुए इस बारे में मंडी प्रशासन को जमकर आडेहाथ लिया. जिसके चलते स्थिति काफी हद तक तनावपूर्ण हो गई थी.
बता दें कि, विगत एक-दो दिनों के दौरान अचानक शुरु हुई बारिश के चलते फसल मंडी में चलनेवाला अनाज की खरीदी-विक्री और निलामी का काम काफी हद तक प्रभावित हुआ था. साथ ही मंडी के प्रांगण में खुले आसमान के नीचे रखा गया अनाज काफी हद तक भीग भी गया था. वहीं मार्केट यार्ड में बने शेड के नीचे रखा गया अनाज पूरी तरह सुरक्षित रहा. चूंकि अब इस शेड में अनाज रखने के लिए जगह ही नहीं बची है. ऐसे में मौसम विभाग की ओर से दी गई चेतावनी को ध्यान में रखते हुए फसल मंडी प्रशासन ने बुधवार व शुक्रवार को दो दिन मंडी में कृषि उपज की आवक एवं निलामी की प्रक्रिया को बंद रखने का निर्णय लिया था. जिसे लेकर मंडी प्रशासन द्वारा गत रोज अखबारों में विज्ञापन प्रकाशित करते हुए बाकायदा किसानों के नाम सूचना भी जारी की गई थी. परंतु संभवत: वह सूचना सभी किसानों तक नहीं पहुंच पाई. जिसके चलते कई किसान आज सुबह हमेशा की तरह विभिन्न वाहनों में अपनी कृषि उपज को लादकर फसल मंडी परिसर पहुंचे, परंतु यहां पर मंडी के प्रवेशद्वार बंद रहने के चलते वे संभ्रम का शिकार हो गए. जिसके बाद कुछ हद तक तनातनी वाली स्थिति भी बनी.
जानकारी के मुताबिक मंडी प्रशासन की ओर से अकस्मात लिए गए निर्णय से संतप्त होकर कई किसानों ने खुद ही फसल मंडी के प्रवेशद्वार को अपने हाथों से खोल दिया और वे कृषि उपज लदे अपने वाहनों को लेकर दनदनाते हुए मंडी के मार्केट यार्ड में जा घुसे. जिसके बाद किसानों ने अपनी उपज को खरीदने और निलामी प्रक्रिया को शुरु करने की मांग भी उठाई. इसके चलते हैरान-परेशान हुए मंडी प्रशासन ने सभी वाहनों में लादकर लाई गई कृषि उपज को वाहनों से नीचे उतारकर फसल मंडी के प्रांगण में रखने की अनुमति दी. साथ ही करीब दो-ढाई हजार बोरों की खरीददारी भी करवाई गई. वहीं शेष माल जस का तस पडा रहा, जिसकी निलामी प्रक्रिया समाचार लिखे जाने तक शुरु नहीं हो पाई थी. वहीं इस घटना के चलते फसल मंडी परिसर में काफी देर तक हंगामे वाली स्थिति बनी हुई थी.

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