बोगस शालार्थ आयडी देकर सरकारी निधी की लूट

जांच करने में शिक्षा विभाग कर रहा टालमटोल

* सेवानिवृत्त शिक्षक श्रीकृष्ण ठाकरे का आरोप
अमरावती / दि.4– स्व. ना. शेंडे संजीवन विद्या मंदिर कापूसतलनी नामक शाला के संस्थाध्यक्ष ने शाला में उनकी बहु निकीता लक्ष्मणराव तिखिले की 25 मार्च 2017 को शिक्षक सेवक पद पर नियुक्ती की थी. परंतु यह नियुक्ती पुरी तरह से गैरकानूनी है. जिसमें बनाट शालार्थ आयडी देकर सरकारी निधी की लूट की जा रही है. इस आशय का आरोप सेवानिवृत्त शिक्षक श्रीकृष्ण ठाकरे द्बारा गत रोज यहां बुलाई गई पत्रवार्ता में लगाया गया.
इस पत्रवार्ता में बताया गया कि निकीता लक्ष्मणराव तिखीले की 2 मई 2013 के बाद की गई और इस पदभर्ती के लिए शिक्षाधिकारी की पूर्व अनुमती नहीं ली गई थी. साथ ही विज्ञापन जारी करते समय बिंदू नामावली को प्रमाणित नहीें किया गया था. विज्ञापन में उल्लेखित बीए व बीएड की अहर्ता भारत कई शिक्षक जिले की विभिन्न शालाओं में अतिरिक्त रहने के बावजूद यह पद समायोजन के जरिए नहीें भरा गया अथवा ऐसे अर्हताधारक व्यक्ति अतिरिक्त शिक्षकों की सूची में उपलब्ध है अथवा नहीं इसकी पुष्टी भी नहीं की गई. साथ ही यह नियुक्ती शाला समिती द्बारा नहीं, बल्कि संस्थाध्यक्ष द्बारा माध्यमिक शिक्षक सेवक के तौर पर की गई.
इसके साथ ही इस पत्र वार्ता में यह भी बताया गया कि निकीता तिखिले की नियुक्ती सेवाशर्त अधिनियम 1977 की धारा 55 व नियमावली 1981 के नियम क्रमांक 9 के प्रावधानों का उल्लंघण करते हुए की गई. इस शाला द्बारा माध्यमिक शिक्षाधिकारी कार्यालय में प्रस्तुत मान्यता प्रस्ताव एवं विषय से संबंधित सभी दस्तावेज बोगर रहने की जानकारी साथ ही शाला व्यवस्थापन के साथ मिली भगत करते हुए अपने पद का दुरूपयोग कर तत्कालीन शिक्षाधिकारी निलीमा टाकेे व प्रफुल्ल कचवे ने इस नियुक्ती को 15 मई 2018 से शिक्षक सेवक एवं 15 मई 2021 से सहायक शिक्षक पद के तौर पर मान्यता दी. निकीता तिखिले की नियुक्ती नियमानुसार नहीं रहने के चलते तत्कालीन शिक्षा उपसंचालक पेदोर ने तिखिले के शालार्थ के प्रस्ताव को 27 नवंबर 2020 को जारी पत्र के जरिए खारिज कर दिया था. परंतु इसके उपरांत शिक्षा उपसंचालक शिवलिंग पटवे ने संस्थाध्यक्ष एवं निकीता तिखिले के साथ गैरव्यवहार करते हुए 11 अगस्त 2021 को जारी पत्र में निकीता तिखिले, बोगस शालार्थ आयडी जारी किया था. इस जरीए शिक्षाधिकारी, संस्थाध्यक्ष व निकीता तिखिले ने आपसी मिली भगत करते हुए सरकार के साथ जालसाजी की और निकीती तिखीले के नाम पर लाखों रूपए का वेतन उठाते हुए सरकारी निधी की लूट चलाई.
इसके साथ ही इस पत्रवार्ता में बताया गया की मान्यता आदेश व बोगस शालार्थ आयडी को रद्द कर पुरे वेतन की वसूली की जाए तथा संबंधितों के खिलाफ फैजदारी कार्रवाई हो. इस हेतु शिक्षाधिकारी प्रिया देशमुख के पास शिकायत दी गई है. जिन्होंने उपशिक्षाधिकारी अनिल कोल्हे को जांच के आदेश दिए है. परंतु अब तक कोई भी कार्रवाई नहीं हुई. जिसका सिधा मतलब है कि दोषियों को बचाने हेतु बडे पैमाने पर आर्थिक व्यवहार हुआ है. इस आरोप के साथ यह चेतावनी भी दी गई है कि यदी इस मामले में जल्द ही कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती है तो शिक्षा विभाग के खिलाफ तीव्र आंदोलन किया जाएगा. इस पत्र वार्ता में सेवानिवृत्त शिक्षक श्रीकृष्ण ठाकरे के साथ महादेव रोकडे भी उपस्थित थे.

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