अपनों ने मुंह फेरा, अस्पताल प्रशासन ने दिया सहारा
इर्विन अस्पताल में भर्ती पीडित मरीज के दर्दभरी दास्तां

परिचारिका व अन्य कर्मचारियों ने इंसानियत का दिया परिचय
अमरावती/दि.19- सुख में तो सभी साथ देते है, लेकिन बीमारी से पीडित होने पर हाथ उठा लेते है. जब तक मनुष्य स्वस्थ रहता है, तब तक परिवार भी उसके साथ अच्छा बर्ताव करता है. ऐसे कई लोग है जो बीमारी के कारण अस्पताल में अपना इलाज कराते है तब परिवार के लोग कुछ समय तक साथ देकर अपनी जिम्मेदारी से मुंह फेर लेते है, तथा मरीज का साथ छोड देते है. दर्द से छटपटा रहे उस मरीज को जीवन असहाय लगने लगता है. ऐसे वक्त अस्पताल प्रशासन ने इंसानियत का फर्ज निभाते हुए पॅरालिसीस अटॅक से पीडित एक मरीज का ढाढस बंधाया. यह दर्दभरी दास्तां है शहर के इर्विन अस्पताल में वार्ड नं. 6 में भर्ती 42 वर्षीय राजेश दादाराव इंगले की.
पॅरालिसीस से पीडित रहने पर राजेश इंगले को 12 दिसंबर 2022 में जिला अस्पताल में भर्ती किया गया. फरवरी 2023 तक उनपर इलाज चल रहा था. इलाज के बाद वह स्वस्थ नहीं हुए. उनके रिश्तेदारों ने भी उनकी तरफ मुंह फेर दिया. आखिरकार पुलिस की मदद से उन्हें उनके घर छोडा गया, लेकिन मरीज के परिवारजनों उन्हें घर में लेने से इनकार कर दिया. जिसके कारण विगत छह महीने से अस्पताल प्रशासन उनकी देखभाल कर रहे है. अपनों ने साथ छोड दिया, लेकिन अस्पताल ने संभाला. पॅरालिसीस का अटॅक आने से राजेश इंगले एकही जगह पर है. वे किसी से बातचीत नहीं करते. अपनों ने साथ छोड देने का दुख सहन करने की शक्ति अब नहीं बची. कुछ दिन तक पत्नी, बच्चे, भाई मिलने आते थे, किंतु उसके बाद उनका अस्पताल में आना भी बंद हो गया. अस्पताल में कई बेसहारा मरीज भर्ती होते है. कुछ लोग अपने करीबी को इलाज के दाखिल तो करते है, लेकिन उनसे मिलने कभी नहीं आते. जिसके कारण अस्पताल प्रशासन को ऐसे मरीजों की देखभाल करना पडता है. राजेश इंगले को पैरालिसीस का अटॅक आने से सभी प्राकृतिक विधि बिस्तर पर होती है. जिससे वॉर्ड के अन्य मरीजों को तकलीफ होती है. छह महीने से राजेश इंगले की स्वच्छता तथा उन्हें हररोज खाना खिलाने का काम परिचारिका व अन्य कर्मचारी कर रहे है.
* खुद का काम करने बेबस
मनपा के अंतर्गत निराधार निवारा केंद्र बडनेरा में है. यहां पर शहर के बेसहारा वृद्धजनों को आश्रय दिया जाता है. उनके भोजन व रहने की सुविधा मनपा प्रशासन ने की है. लेकिन राजेश इंगले की यहां पर व्यवस्था नहीं हो सकती, क्योंकि वह स्वयं का काम करने में असमर्थ है.
अस्पताल प्रशासन को ही लेनी पडती है जिम्मेदारी
इर्विन अस्पताल में सैकडों मरीज इलाज करने भर्ती होते है. कुछ मरीजों के रिश्तेदार उन्हें अस्पताल में छोडकर वापस लेने नहीं आते. वॉर्ड क्र.6 में विगत 6 महीने से राजेश इंगले नामक मरीज है. इस मरीज के परिजनों ने उन्हें घर लेने जाने से इनकार कर देने से अस्पताल प्रशासन को ही इस मरीज की जिम्मेदारी उठानी पड रही है.
– डॉ.नरेंद्र सोलंके, आएमओ, इर्विन





