हमारे पैसों पर जिंदा है महाराष्ट्र, तुम्हें पटककर मारेंगे

भाजपा सांसद निशिकांत दुबे की ठाकरे बंधुओं को ललकार

मुंबई ./दि.7- अपने घर में तो कुत्ता भी शेर होता है. यदि ठाकरे बंधुओें में वाकई दम है तो वे महाराष्ट्र से बाहर निकलकर बिहार, उत्तर प्रदेश व तमिलनाडू जाकर दिखाएं, वहां पर लोग उन्हें पटक-पटककर मारेंगे, इस आशय की ललकार देने के साथ ही भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि, ठाकरे बंधुओं ने यह नहीं भुलना चाहिए कि, हिंदी भाषियों के पैसों पर महाराष्ट्र जिंदा है.
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के मुताबिक मुंबई में रहनेवाले टाटा, बिडला, अदानी व अंबानी का महाराष्ट्र में कोई प्रकल्प नहीं है. टाटा ने तो अपना पहला कारखाना ही बिहार में लगाया था और आज भी झारखंड, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ व ओडिशा के पास खनन उद्योग है तथा रिलायंस ने भी अपनी रिफाईनरी को गुजरात में शुरु किया है. साथ ही सेमी कंडक्टर उद्योग भी गुजरात का ही रास्ता पकड रहा है. इन सभी बडे उद्योगो में बडे पैमाने पर मराठी भाषी भी काम करते है. साथ ही साथ इन्हीं उद्योगों के दम पर मुंबई सहित महाराष्ट्र का पेट भरता है, यह बात भी हिंदी-मराठी विवाद को हवा देनेवाले ठाकरे बंधुओं ने याद रखनी चाहिए.
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने यह भी कहा कि, हम मराठी का पूरा आदर व सम्मान करते है और मराठी एक आदरणीय भाषा है. साथ ही हम छत्रपति शिवाजी महाराज, छत्रपति शाहू महाराज व तात्या टोपे सहित सभी पेशवाओं का भी सम्मान करते है. इसके अलावा लोकमान्य तिलक, लाला लाजपतराय व गोपालकृष्ण गोखले सहित स्वाधिनता संग्राम में योगदान देनेवाले सभी मराठी व गैरमराठी स्वाधिनता सेनानियों का भी हम पूरा सम्मान करते है. परंतु मुंबई मनपा के चुनाव को ध्यान में रखते हुए उद्धव ठाकरे व राज ठाकरे द्वारा भाषाई विवाद को हवा देते हुए बेहद नीच हरकत की जा रही है, जिसका हम पूरजोर विरोध करते है.
इसके साथ ही भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने ठाकरे बंधुओं को ओपन चैलेंज देते हुए कहा कि, यदि ठाकरे बंधुओं में वाकई हिम्मत है, तो उन्होंने मुंबई में स्थित माहिम दरगाह के बाहर जाकर किसी हिंदी अथवा उर्दू बोलनेवाले व्यक्ति पर हाथ उठाकर दिखाना चाहिए, तब हम मानेंगे कि, वे वाकई बालासाहब ठाकरे के वारिस है और बालासाहब ठाकरे के विचारों पर चल रहे है.

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