अमरावतीमहाराष्ट्र

‘कमाना, जोडना, निवेश, खर्च और खुशी’ भविष्य के पंचतत्व

अमित ग्रोवर ने जीवन को सुरक्षित बनाने का बताया मंत्र

* ‘म्यूचुअल फंड निवेश’ पर मार्गदर्शन व सेमिनार
अमरावती/दि.14– कमाना, जोडना, निवेश, खर्च और खुशी इन पंचतत्वों से हम जीवन को सुरक्षित बना सकते है. हमें अपने भविष्य को संवारना है तो कुछ बातों का ध्यान रखना आवश्यक है. हमें पहले पैसा कमाना आना चाहिए. तभी हम उन पैसों का सही निवेश कर सकेंगे. केवल पैसा कमाना जरुरी नहीं, उसे जोडना भी उतना ही आवश्यक है, जितना कि कमाना. उसे निवेश करने के साथ ही खर्च करते समय हमें जो खुशी मिलती है. यह पंचतत्व ही हमें धनवर्षा की अनुभूति का अहसास करवाते हैं. इसलिए हमें इन पांच मूल्यों का ध्यान रखना आवश्यक होने की बात एचडएफसी म्यूचुअल फंड के प्रशिक्षक तथा सहायक उपाध्यक्ष अमित ग्रोवर ने कही. स्थानीय मोर्शी मार्ग पर स्थित संत ज्ञानेश्वर सांस्कृतिक भवन में मंगलवार को म्यूचुअल फंड डिस्टीब्यूटर एसोसिएशन व एचडीएफसी म्यूचुअल फंड के सहयोग से ‘म्यूचुअल फंड निवेश’ पर मार्गदर्शन व सेमिनार का आयोजन किया गया. इस अवसर पर वे बोल रहे थे.
कार्यक्रम में विदर्भ क्लस्टर हेड निरव जोशी, आर.एम. अजय राजपुरोहित, महेश नंदा आदि प्रमुखता से उपस्थित थे. सभी का पुष्पगुच्छ के साथ स्वागत किया गया. इसके अलावा मुख्य मार्गदर्शक अमित ग्रोवर का भेंटवस्तु देकर विशेष रुप से स्वागत सत्कार किया गया.
अमित ग्रोवर ने करीब एक घंटे तक अपने विचार रखे. उन्होंने कहा कि, परिवार में पति-पत्नी को मिलकर पैसों का नियोजन करना चाहिए. तभी आप भविष्य के निवेश को आगे बढा सकते हैं. अगर हमारा एक-दूसरे पर विश्वास होगा, तो हमें पोटेंशियल जांचने की आवश्यकता नहीं रहेगी. हमें सपना तथा उद्देश्य तय करना जरुरी है. जैसे हमारे शार्ट टर्म गोल, मीडियम व लाँग टर्म गोल निर्धारित करना चाहिए. हम सेवानिवृत्ति को नकारात्मकता से देखते हैं. लेकिन यही हमें सही मायनों में निवेश का महत्व समझाता है. इसलिए हमें सेवानिवृत्ति के पश्चात जीवन सुखद बनाने के लिए प्रयास करना होगा. यदि हम हमारा पैसा केवल एक ही कंपनी या एक ही चीज में निवेश करने की बजाय विविध घटकों में निवेश करेंगे तो किसी न किसी में हमें लाभ प्राप्त होगा. जब बिजनेसमैन बनकर हम निवेश करते हैं, तो हमारी सोच भी बिजनेसमैन की तरह होनी चाहिए. ज्यादातर भारतीय पुराने जमाने की तरह आज भी सोने में निवेश करते हैं. लेकिन सोना भारत नहीं, बल्कि विदेशी पूंजी है. जो भारत में भी उपलब्ध है. पुराने जमाने में पैसा निवेश करने के कोई माध्यम नहीं था, इसलिए लोग ज्यादातर समय जमीन व सोने में निवेश करते थे. यह परंपरा आज भी बरकरार है. उसे हमें समय के साथ बदलना होगा. जरुरत के अनुसार जमीन व सोना आवश्यक है. लेकिन केवल उसमें ही निवेश करना यह सोच सही नहीं है. जिस प्रकार हमें पांच तत्व को अपनाना है. उसी प्रकार हमें अपने में छिपी खामियों पर भी ध्यान देना होगा. हमें निवेश करते समय संगत का ध्यान रखना चाहिए. समाचार, न्यूज में आने वाली बातों पर 100 फीसदी विश्वास न करें, भेंड़चाल का हिस्सा न बनें, अनुशासन, पेशंन्स, एसीड अलोगेशन के साथ अगर आप म्यूचुअल फंड इंडस्ट्रीज में निवेश करेंगे तो आपका पैसा आप पर धनवर्षा अवश्य करेगा, ऐसा विश्वास उन्होंने व्यक्त किया.अपने मार्गदर्शन पश्चात उन्होंने उपस्थितों की समस्याओं, प्रश्नों का निराकरण किया.
कार्यक्रम का संचालन राजेश मित्तल ने किया. इसके अलावा समन्वयक भरत मालानी, अतुल सावरकर, अमरावती म्यूचुअल फंड डिस्टीब्यूटर एसो. के अनिल डेंबला, आरती मालानी, प्रतीक्षा मूंधडा,नंदकिशोर राठी, राजेश अग्रवाल, ऋषभ चांडक, अमेय वैद्य, गुरुप्रसाद राव, नीतेश चावला समेत कई सदस्य व नागरिक उपस्थित थे.

 

 

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